मेष नक्षत्र
अश्विनी नक्षत्र :
इस नक्षत्र के देव अश्विनी कुमार और स्वामी केतु है | इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक उत्साही और उमंगवान होते हैं | सृजनात्मक कार्य करते हैं | इस राशि और इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता हैं | इस नक्षत्र का स्वामी केतु होने के कारण इनका काम अचानक बनता है या बिगड़ता है | ये क्रोध ज्यादा करते हैं | ये आर्युवेद में विश्वास करते हैं |
भरणी नक्षत्र :
इस नक्षत्र के देव यमराज और स्वामी शुक्र है | इस राशि के दुर्गुणों कि वजह से इन्हे क्रोध ज्यादा आता है और शारीरिक सुख मे रुचि रहती है | नक्षत्र का स्वामी शुक्र होने कि वजह से ये विलासी प्रवृत्ति के होते है |संबधों का कारक शुक्र होने की वजह से संबंध बिगड़ते नही है | या तो अधिक दोस्त होते है या कम मित्रोंसे गहरी दोस्ती होती है | त्वचा पर चमक पायी जाती है | यदि कामप्रवृत्ति घटती है तो चेहरे की चमक और बढ़ती है |
कृतिका नक्षत्र :
इस नक्षत्र के देव अग्नि है और स्वामी सूर्य है | सृजनात्मक और संशोधनात्मक प्रवृत्ति पायी जाती है | इनमे प्रशंषा पाने कि इच्छा होती है | ये दुसरों को माफ़ करने पर विश्वास करते हैं | इनका मन योग और ध्यान में लग जाए तो कामवृत्ति घटती है और मोक्ष प्राप्ति हो सकती है | छेड़ने पर अतिशय क्रोध करते है | ये सत्ता हासिल कर पाते है |