झारखण्ड में 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है। अब तक पहले चरण के तहत 30 नवंबर को 13 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। लेकिन पांच चरणों में होने वाले चुनावों के अभी 4 चरण शेष हैं। झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 की सारी जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं कि झारखण्ड विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या हो सकते हैं? क्योंकि वहां अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है, सिवाए रघुवर दास के। तो ऐसे में ये देखना और भी दिलचस्प रहेगा कि क्या झारखण्ड को एक और नया मुख्यमंत्री मिलेगा या कोई दोबारा सत्ता का सुख भोगेगा? गणेशास्पीक्स के अनुभवी ज्योतिषी विशेषज्ञों ने जब तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की कुंडली का गहन अध्ययन किया तो कुछ रोचक बातें सामने निकल आयी हैं। तो आइये जानते हैं क्या है झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 का ज्योतिषीय विश्लेषण?
बीजेपी की कुंडली
स्थापना दिवस – 6 अप्रेल 1980
स्थान -नई दिल्ली
समय – अज्ञात
मुख्य ज्योतिषीय बिंदु
- लग्न स्वामी सूर्य, परिणाम वाले दिन यानि 23 दिसंबर को शनि और केतु के साथ गति करेंगे, जो वर्तमान सरकार के लिए एक नकारात्मक पहलू है।
- इसके साथ ही स्थापना कुंडली में लग्न और उसके स्वामी सूर्य किसी भी प्रकार की पीड़ा से मुक्त हैं। ये कारक पार्टी के जीतने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
- स्थापना कुंडली में चंद्रमा गंभीर रूप से पीड़ित है। इसलिए, मतदाताओं का मूड बहुत अप्रत्याशित रहेगा और सत्तारुढ़ दल के लिए समस्या पैदा होने की संभावना है।
- जिस दिन चुनावों के नतीजे आएंगे उन दिन चंद्रमा का गोचर तीसरे भाव से होगा जो लग्न स्वामी सूर्य से होकर गुजरेगा। यह बीजेपी के लिए फिर से सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा।
- हालांकि, स्थापना कुंडली के अनुसार बृहस्पति 5 वें घर का स्वामी भी है और यह परिणाम की तारीख में चंद्रमा और लग्न दोनों पर दृष्टि डालेगा। इससे सत्ता पक्ष को थोड़ी बहुत मदद मिल सकती है।
- बृहस्पति का गोचर शनि और केतु के साथ अपनी राशि में हो रहा है। बृहस्पति 10 वें घर का स्वामी है और पीड़ित है। जो ये इशारा करता है कि बीजेपी को अपनी सरकार बचाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
- झारखण्ड की स्थापना कुंडली के अनुसार 8 वें घर का स्वामी बृहस्पति चुनावों के परिणाम वाले दिन 10 वें घर से होकर गुजरेगा जिसके स्वामी शुक्र है। ये वर्तमान सरकार यानि भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
- वर्तमान सत्ताधारी पार्टी भाजपा अभी चंद्रमा के प्रमुख और राहु के उप अवधि प्रभाव में है। साढ़े साती का भी अंतिम चरण चरण रहा है। जो यह दर्शाता है कि सत्तारूढ़ दाल को अपनी सरकार बचाये रखने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
ज्योतिषीय भविष्यवाणी
झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को कुछ झटके ज़रूर लग सकते हैं। यह बहुत कड़ा मुक़ाबला हो सकता है। जिसमे हार-जीत के बीच बहुत क़रीबी मामला देखने को मिल सकता है। कई सीटों के साथ-साथ संपूर्ण चुनावों में और कई निर्वाचन क्षेत्रों में काँटे की टक्कर देखने को मिलेगी। जिसमें जीतने और हारने वाले प्रत्याशी के बीच वोटों का अंतर बहुत कम रह सकता है। झारखंड की स्थापना कुंडली इंगित करती है कि राज्य बदलाव के दौर से गुज़र रहा है। जो मतदाताओं में विरोधी लहर को भी दिखाता है। यही कारण है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों या सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं। सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए, ऐसा लगता है कि सत्तारुढ़ दल को कठोर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और भाजपा के लिए नेतृत्व बनाए रखना बहुत मुश्किल हो सकता। सत्ताधारी दल के लिए अपने दम पर स्वतंत्र सरकार बनाना मुश्किल हो सकता।
तो क्या हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब झारखण्ड भी!
बिल्कुल! झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 के ज्योतिषीय विश्लेषण को देखते हुए तो यही आसार नज़र आ रहे हैं। भाजपा को सत्ता में बने रहने और अपनी साख को बचाये रखने के लिए काफी मशक्कत तो करनी ही पड़ सकती है। लेकिन इसके साथ ही हाल ही में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तरह झारखण्ड में भी बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए बगलें झाँकना पड़ सकता है। ऐसे में झारखण्ड में भी एक बड़ा सियासी नाटक देखने की पूरी-पूरी संभावना दिखाई दे रही है। लेकिन इस सब में सबसे ज़्यादा जो नुकसान होना है वो राज्य और जनता का ही होना है। सरकार तो एक दिन किसी न किसी की बन ही जाएगी। लेकिन जिस तरह से भाजपा का चुनावी प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है, वो कहीं न कही चिंता का विषय हो सकता है।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम