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राहुल गांधी की घर वापसी कांग्रेस को बचा पाएगी या नहीं ? गणेशास्पीक्स

यदि आलोचना सफलता का पैमाना होती तो हम कह सकते थे कि राहुल गांधी एक सफल व्यक्ति हैं। राहुल गांधी का जन्म उस परिवार में हुआ है, जिसने स्वतंत्र भारत की सत्ता लंबे समय तक संभाली है। श्रीमति सोनिया गांधी एवं पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के पुत्र होने के नाते राहुल गांधी को बड़ी आसानी से राजनीति में सीधे तौर पर प्रवेश मिल गया। राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत काफी जबरदस्त तरीके से की एवं अपने पिता की लोक सभा सीट अमेठी से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया। मगर, वक्त के साथ साथ राहुल गांधी की लोकप्रिय बढ़ने की बजाय कम होने लगी। राहुल गांधी एक समय इस तरह का व्यवहार करने लगे, जैसे उनको राजनीति में किसी ने धकेल दिया हो, एवं वे स्वयं राजनीति में नहीं आए। राहुल गांधी की छवि उस समय धूमिल होने लगी, जब राहुल गांधी ने संगठन की कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। हालांकि, वर्ष २०१४ में लोक सभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी की अगुवार्इ करते हुए पार्टी को जिताने के लिए अथक प्रयास किए, किंतु जब नतीजे आए तो कांग्रेसी नेताआें को होश उड़ गए। कांग्रेस पार्टी के पास विपक्ष नेता बनाने तक का आंकड़ा न था। उसके पश्चात दिल्ली विधान सभा चुनावों में कांग्रेस का सफाया होने के बाद बजट सेशन से पहले राहुल गांधी एक अज्ञातवास पर चले गए। राहुल गांधी के इस कदम को लेकर विरोधियों ने राहुल गांधी का खूब मजाक उड़ाया। फिलहाल, लगभग २ महीनों लंबी छुट्टी के बाद राहुल गांधी घर वापसी कर चुके हैं एवं चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। जबकि लोगों एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेताआें में राहुल गांधी की क्षमताआें को लेकर संदेह बरकरार है। राजनीति में राहुल गांधी के भविष्य को लेकर बन रही भ्रमित करने वाली स्थिति को स्पष्ट करने के लिए गणेशजी ने राहुल गांधी की जन्म कुंडली का अध्ययन किया।

राहुल गांधी की कुंडली

राहुल गांधी की कुंडली में, लग्न मालिक का शुक्र दसवें घर में विराजमान है एवं यह घर पेशे से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, गोचर का गुरू जन्म के शुक्र पर से गुजर रहा है। यह ग्रहीय स्थिति राहुल गांधी के करिश्मे में भावनात्मक पहलू को जोड़ेगी। साथ ही, गुरू कृपा राहुल गांधी पर बरसेगी, एवं पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं की क्षमताआें को साबित करने के लिए अथक प्रयास करेंगे।

गणेशजी आगे देखते हैं कि फिलहाल, राहुल गांधी मंगल महादशा एवं शनि भुक्ति के प्रभाव में हैं, जिसके बाद बुध भुक्ति आएगी। बुध ग्रह कम्युनिकेशन का वाचक है, जो इस बात का संकेत दे रहा है कि राहुल गांधी स्पष्टता एवं आत्मविश्वास के साथ लोगों के बीच अपने विचार रखेंगे तथा जनता को विश्वास दिलाएंगे कि वे देश की सबसे पुरानी पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं।

किंतु, राहुल गांधी की राशि से पांचवें स्थान में शनि की उपस्थिति, जोकि दुर्बल है। इससे संकेत मिलता है कि राहुल गांधी का रास्ता मुश्किलों एवं चुनौतियों से भरा हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी की कुंडली के अनुसार पार्टी गुरू महादशा एवं बुध भुक्ति के प्रभावाधीन है। यह ग्रहीय समीकरण स्पष्ट संकेत दे रहा है कि पार्टी के मौजूदा प्रबंधन एवं परिदृश्य के बीच राहुल गांधी के प्रयास असफल हो सकते हैं। हालांकि, ग्रह आगे संकेत दे रहे हैं कि अक्टूबर 2015 के बाद पार्टी में संगठनात्मक फेरबदल हो सकते हैं, जो कि राहुल गांधी की उपस्थिति को पहले से अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं।

निष्कर्ष
गणेशजी महसूस करते हैं कि राहुल गांधी अपनी पार्टी में कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उठाएंगे एवं राजनीति में पहले से बेहतर पैठ बनाने में कामयाब हो सकते हैं। 15 जुलाई 2015 और 5 फ़रवरी 2016 के बीच राहुल गांधी किसी भी समय पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी स्वीकार कर सकते हैं, एेसे संकेत मिल रहे हैं।

कुल मिलाकर, राहुल गांधी को ग्रहों का समर्थन मिल रहा है। जो संकेत दे रहा है कि राहुल गांधी एक अच्छे नेता के रूप में अपनी छवि बनाने में सफल होंगे। इस युवा नेता का आत्मविश्वास पार्टी नेताआें में उम्मीद की ज्योति को प्रज्जवलित करेगा। हालांकि, राहुल गांधी के लिए अपनी पार्टी को पुनःजीवित करना एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताआें को दिल जीतना आसान नहीं होगा।

गणेशजी के आर्शीवाद सहित
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम टीम