भाजपा के साथ गठबंधन से शिवसेना को होगा फायदा
भाजपा और शिवसेना ने संयुक्त रुप से महाराष्ट्र के पालघर नगर परिषद चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया है। लोकसभा चुनावों के ठीक पहले इस जीत ने शिवसेना का मनोबल बढ़ा दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ने का फैसला किया है और दोनों के बीच सीटों का बंटावारा भी चुका है। कुछ दिन पहले तक जहां शिवसेना मोदी सरकार की हर नीति की जमकर आलोचना कर रही थी वहीं अब पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा और शिवसेना के साथ को फेवीकॉल का मजबूत जोड़ बताकर एक-दूसरे के बेहतर साथ का परिचय दिया है। यहां हम शिवसेना के फाउंडेशन चार्ट के विश्लेषण के जरिए असन्न चुनाव में शिवसेना की स्थिति का ज्योतिषीय आकलन करने का प्रयास करेंगे।
शिवसेना के लिए क्या बोलते हैं सितारें (ज्योतिषीय कारक)
- शिवसेना की कुंडली में गोचररत शनि, केतु के साथ द्वितीय भाव से गुजर रहा है, जो जन्म के सूर्य के सामने होगा।
- राहु का गोचर फाउंडेशन जन्म में सूर्य और चंद्रमा के ऊपर 8 वें घर से गुजर रहा है।
- मतदान के पहले दो चरणों के दौरान पारगमित बृहस्पति, जन्मकालीन सूर्य और चंद्रमा को प्रभावित करेगा।
- मतदान के पहले दो चरणों के दौरान चंद्रमा का पारगमन पार्टी के लिए इतना अनुकूल नहीं होगा।
- शिवसेना वर्तमान में बुध महादशा और मंगल भुक्ति के प्रभाव में है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए शिवसेना की भविष्यवाणी
शिवसेना की कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि आगामी चुनाव के दौरान पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहेगा। उग्र और आक्रामक अभियान का मतदाताओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि उनके पारंपरिक समर्थक पार्टी का समर्थन करना जारी रखेंगे, लेकिन राहु और शनि के प्रतिकूल पारगमन के कारण वोट शेयर कुछ हद तक कम हो जाएगा। पार्टी अपने आधार का विस्तार करने में असमर्थ होगी। हालांकि, गोचररत बृहस्पति पार्टी के लिए मददगार रहेगा और 7 वें घर पर इसकी दृष्टि से संकेत मिलता है कि पार्टी को गठबंधन से लाभ होगा। हालांकि, शिवसेना के लिए प्रतिद्वंद्वी पार्टी के वोट बैंक में प्रवेश करना इतना आसान नहीं होगा। उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा और प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा और इसलिए, कुछ महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी पीछे हो सकती है।
शिवसेना के लिए ग्रहों का निष्कर्ष
आगामी चुनावों के दौरान शिवसेना के वोट शेयर में कुछ हद तक कमी होगी। हालांकि, पार्टी कई निर्वाचन क्षेत्रों में उत्साहपूर्ण प्रदर्शन करेगी और अधिकांश सीटों को बनाए रखने में सक्षम होगी।
आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/हिंदी
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