हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल खत्म होने के बाद 71 वर्षीय रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति बनें। रामनाथ कोविंद दूसरे दलित राष्ट्रपति है। पूर्व में राष्ट्रपति कोविंद 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल रह चुके है आैर इससे पहले वे राज्यसभा सांसद थे। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वकील थे। उनका जन्म यूपी के कानपुर की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी योग्यताआें आैर कड़ी मेहनत के जरिए इस मुकाम तक पहुंचे। लेकिन आपके कैरियर का क्या ? वर्ष 2017 में वो किस मुकाम पर पहुंचेगा ? इसका जवाब जानने के लिए खरीदें 2017 कैरियर रिपोर्ट।
कानपुर यूनिवर्सिटी से लाॅ की डिग्री लेने के बाद, 1977 से 1979 तक वे दिल्ली हार्इकोर्ट में केन्द्र सरकार के वकील रहे,जिसके बाद वे केन्द्र सरकार के स्थायी काउंसिल बनने के लिए सुप्रीमकोर्ट में चले गए। तो अाइए जानते है गणेशजी से कि एक वकील से राष्ट्रपति जैसे सम्माननीय पद तक का सफर तय करने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ये कार्यकाल कैसा रहेगा?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
शपथ ग्रहण की तारीखः 25 जुलार्इ 2017
शपथ ग्रहण का समयः 12.08 pm
शपथ ग्रहण का स्थान: नर्इ दिल्ली, भारत
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ज्योतिषीय विश्लेषणः
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने शब्दों पर अड़िग रहेंगे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शपथ ग्रहण कुंडली का विश्लेषण करने के बाद गणेशजी ने ये पाया कि उनकी शपथ ग्रहण कुंडली में तुला लग्न है आैर सूर्य, बुध के साथ दसवें भाव में विराजमान है। दोनों ही ग्रह गतिमान है। इसलिए भारत के नए राष्ट्रपति एक संवैधानिक राष्ट्रपति होंगे आैर वे निर्धारित नियमों का दृढ़तापूर्वक पालन करने का वादा पूरा करेंगे। वे अत्यधिक सक्रिय होंगे आैर महत्वपूर्ण नीति मामलों में गहरी दिलचस्पी लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केन्द्र में निर्वाचित सरकारों के साथ पंगा लेने की बजाय संविधान की सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करेंगे। उनके लिए सभी रूल्स आैर रेगुलेशन जनता की समृद्घि आैर खुशी के लिए होंगे। खुशियां तब बढ़ती है, जब हम अपने पेशे में विस्तार पाते है। तो क्या आप भी ये जानने को उत्सुक है कि इस वर्ष आपका बिजनेस किस मुकाम पर पहुंचेगा। तो खरीदें 2017 बिजनेस रिपोर्ट, वो भी बिल्कुल फ्री आैर इस संबंध में सही मार्गदर्शन पाए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए ये पद कार्रवाइयों आैर विवादों से भरा हो सकता है
लेकिन, दसवें भाव का स्वामी चंद्र ग्यारवें भाव में मघा नक्षत्र में ग्यारवें भाव में बैठा है। इस कारण, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूर्व राष्ट्रपति की तुलना में कर्इ अधिक कार्रवार्इयों से भरा आैर विवादास्पद हो सकता है। सूर्य आैर चंद्र की प्रतियुति संकेत देती है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी छाप छोड़ने के लिए अपने निपुणता आैर अनुभव लाएंगे। लेकिन चंद्र-बुध-राहु की युति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों के दौरान वैचारिक विवाद उत्पन्न करेगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी सेहत को लेकर रहना होगा सजग
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की कुंडली में शुक्र आठवें भाव में विराजमान है आैर नवामांशा में नीच का है जो उनकी सेहत को लेकर अच्छा संकेत नहीं है। राष्ट्रपति भवन में उनके कार्यकाल के अंतिम दो वर्ष के दौरान उनकी सेहत बिगड़ सकती है। राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण की कुंडली ये संकेत देती है वे अत्यधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति नहीं बन सकते। लेकिन उनका अनुभव ये सुनिश्चित करेगा कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत विकास के सभी लाभ ले रहा है।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम