बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठी बार सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने लालू यादव की अगुवार्इ वाली आरजेडी से अलग होने का निर्णय लेते हुए पहले अपने पद से इस्तीफा दिया आैर फिर बीजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बनार्इ। उनके इस महत्वपूर्ण कदम के बाद राजनीतिक पंडित बिहार में उनकी कार्रवार्इ के निहितार्थ आैर राष्ट्रीय राजनीति को मापने में व्यस्त है। तो आपको क्या लगता है बीजेपी में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार का भविष्य कैसा रहेगा? क्या उनके इस कदम से बिहार की जनता प्रभावित होगी? क्या वे अपना कार्यकाल अहम उपलब्धियों के साथ पूरा कर पाएंगे? आइए इनका जवाब गणेशजी से जानते है?
नीतीश कुमार
जन्म-तारीखः 1 मार्च, 1951
जन्म-समयः 1.20 pm
जन्म-स्थान: भक्तियारपुर, बिहार, भारत
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राजयोग ने नीतीश कुमार को मेहनती आैर दबंग नेता बनाता है
नीतीश कुमार की कुंडली में, नौवें भाव के स्वामी शनि आैर चौथे भाव के स्वामी बुध की प्रतियुति से मजबूत राजयोग का गठन होता है। ग्रहों की ये स्थिति अच्छी है जो उनके व्यवहार आैर चरित्र को दर्शाता है। ग्रहों की ये स्थिति नीतीश कुमार को महत्वाकांक्षी, अनुशासित आैर एक मेहनती नेता बनाती है, जो अपने विचारों आैर नीतियों को मजबूती से पेश करना पसंद करते है। ग्रहों के इस संयोजन के कारण नीतीश कुमार बहुत दृढ़ आैर सार्थक व्यक्तित्व से संपन्न है। वे एक एेसे लीडर है जो अग्रभाग से नेतृत्व करना चाहते है। हम में से कुछ जन्मजात लीडर है, जो हमेशा आगे से नेतृत्व करना चाहते है, चाहे वो राजनीति में हो या बिजनेस। कुल मिलाकर हमको अपने पेशे में सफलता चाहिए। क्या अाप ये जानना चाहते है कि बिजनेस में आप कब सफलता हासिल करेंगे। तो खरीदें हमारी फ्री 2017 बिजनेस रिपोर्ट आैर अपने बिजनेस के भविष्य के बारे में जानें।
उच्च के शुक्र का मंगल के साथ विराजमान होना नीतीश कुमार के करिश्मार्इ व्यक्तित्व का कारण
इसके अलावा, गणेशजी उनके करिश्मार्इ व्यक्तित्व आैर अदभुत योग्यताआें के पीछे ज्योतिषीय कारण मानते है। दरअसल उनकी कुंडली में उच्च का शुक्र मंगल के साथ विराजमान है। जो उन्हें करिश्मार्इ, सक्रिय आैर एक एेसा नेता बनाता है जो खुद को जनता से जोड़ने में सक्षम है। ये उनके राज्य आैर अन्य स्थानों पर जनता के बीच उनकी व्यापक लोकप्रियता का सटीक कारण है। साथ ही, नीतीश कुमार की कुंडली में, सूर्य नौवें भाव में गुरू, बुध के साथ विराजमान है आैर राहु कुंभ में है। जो कि उन्हें एक अत्यधिक कुशल प्रशासक आैर चतुर राजनीतिज्ञ बनाता है। वहीं दूसरी आेर, वे लोगों को लेकर नुकताचीन है आैर कभी-कभी एक अवसरवादी के रूप में गिने जा सकते है।
राहु की महादशा आैर शनि की अंतर्दशा ने महागठबंधन छुड़वाया
वर्तमान में नीतीशकुमार राहु की महादशा आैर शनि की अंतर्दशा से प्रभावित है। राहु दसवें भाव में गुरू आैर सूर्य के साथ विराजमान है। गुरू सातवें भाव का स्वामी है (साझेदारी आैर गठबंधन का भाव)। अतः नीतीश कुमार ने इस अंतर्दशा के तहत आरजेडी के गठबंधन में प्रवेश किया। इस विकास ने उन्हें बिहार की सत्ता पुनः प्राप्त करार्इ। हालांकि इसमें कुछ परेशानियां भी है आैर इसी कारण वे इस महागठबंधन में ठहरने नहीं दिया। नीतीश ने इस गठबंधन को छोड़ दिया आैर बीजेपी में शामिल हो गए।
नीतीश कुमार अब बिहार की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे
नीतीश कुमार अभी तक शनि की अंतर्दशा से प्रभावित है आैर शनि राजयोग से सम्बद्घ है। एेसे में वर्तमान चरण में बिहार की राजनीति में उनके द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत बनाने की संभावना है। वहीं दूसरी आेर, नीतीश कुमार साढ़े साती के प्रभाव में है। इसलिए उसका अंतिम चरण बिहार सीएम के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। पार्टी के अंदर कुछ भ्रम की स्थिति हो सकती है आैर एेसी स्थिति उन्हें संभालनी होगी।
नीतीश कुमार अच्छा शासन आैर विकास लाएंगे
नीतीश कुमार की शपथ ग्रहण कुंडली दर्शाती है कि शुक्र दसवें भाव में है। इसके अलावा, गुरू लग्न में विराजमान है। ये दोनों ज्योतिषीय पहलू नीतीश कुमार के कार्यकाल पर अच्छा प्रभाव ड़ालेंगे। ये उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को बढ़ावा देंगे। वे अच्छा प्रशासन आैर शासन देने का अपना वादा पूरा करेंगे। इस विकास के बाद वे एक मुख्यमंत्री के रूप में अच्छी तरह से पेश आएंगे। सुशासन बाबू के रूप में उनकी छवि बरकरार रहेगी आैर विकसित होगी। उनके शासन के दौरान बुनियादी ढांचा, शिक्षा आैर स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सुधार दिखने की संभावना है। नीतीश कुमार महिलाआें आैर गरीब वर्ग के कल्याण के लिए भी काम करेंगे। वे राज्य के भी बड़ी फाइनेंशियल आैर इकोनाॅमिक ग्रोथ करेंगे। तो क्या आप भी अपने कैरियर के मसलें का हल जानना चाहते है ? तो खरीदें कैरियर एक प्रश्न पूछें रिपोर्ट आैर जवाब के साथ उचित मार्गदर्शन पाए।
बाधाआें के बावजूद बिहार सीएम अच्छा प्रदर्शन करेंगे
वहीं दूसरी आेर, नीतीश कुमार की शपथ ग्रहण कुंडली में दसवें भाव का स्वामी बुध, चंद्र आैर राहु के साथ बारहवें भाव में विराजमान है जो उन्हें कर्इ विवादों में शामिल करेगा। ये नीतीशकुमार की प्रगति के लिए अच्छा नहीं है। वे अपने शासनकाल के दौरान कुछ बाधाआें का सामना कर सकते है, मुख्य रूप से अपनी पार्टी के भीतर उभर रहे मसलों से। अपनी पार्टी आैर कैबिनेट में संतुलन आैर शिष्टता बनाए रखने की कोशिश में नीतीशकुमार गंभीर कठिनार्इयाें का सामना कर सकते है। राज्य में कानून आैर व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखना आैर उसमें सुधार करना उनके लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है। गणेशजी के अनुसार अक्टूबर 2017 तक की अवधि अस्थिर रहेगी। जिसके बाद वे फिर से अक्टूबर 2018 से नवंबर 2018 के बीच कठिनार्इयों अौर चुनौतियों का सामना कर सकते है। अंततः, अपने कार्यकाल के दौरान जो सकारात्मक कदम वो उठाएंगे उसे लोगों द्वारा सराहा जाएगा। हालांकि वे अपने कार्यकाल में चुनौतियाें आैर बाधाआें का सामना कर सकते है लेकिन कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे आैर राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करेंगे।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम