पिछले दिनों भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अटकलों के बीच अपनी पहली अमेरिका की यात्रा संपन्न की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित अमेरिकी यात्रा को मीडिया एवं प्रवासी भारतीयों ने काफी महत्व दिया, जिसके कारण यह यात्रा एक यादगार लम्हा बन गई। इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी सरकार के साथ वीजे, एफडीआई एवं सिविल न्यूक्लियर समेत कई मुद्दों को लेकर गंभीर चर्चा की। कुछ महीने पहले भारत की सत्ता संभालने वाले श्री नरेंद्र मोदी विश्व के तीन बड़े ताकतवर देशों का दौरा कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा से लोगों को बहुत सारी उम्मीदें हैं। नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा भारत के आम नागरिकों के लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी, को जानने के लिए गणेशास्पीक्स के ज्योतिष विशेषज्ञों ने स्वतंत्र भारत की कुंडली का विश्लेषण किया।
स्वतंत्र भारत की कुंडली
भारत वर्तमान में सूर्य महादशा एवं शुक्र भुक्ति के प्रभाव में है। भारत की स्थापना कुंडली के लग्न स्थान का स्वामी शुक्र है, जो तीसरे स्थान में विराजमान है। ग्रहों की चाल देखने के बाद गणेशजी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल में हुयी अमेरिकी यात्रा के बाद संचार, परिवहन, व्यापार, वाणिज्य, व्यवसाय, मीडिया, प्रकाशन, उद्योग और शेयर बाजार आदि क्षेत्रों में अपार गतिविधियां होने की संभावनाएं हैं।
भारत की स्थापना कुंडली के तीसरे घर में स्टेलियम के ऊपर से गोचर का गुरू पारगमन कर रहा है, जो संकेत देता है कि भारत एवं अमेरिका के संबंध बहुत अच्छे होने वाले हैं। साथ ही, दोनों देशों के बीच कारोबारी हिस्सेदारी भी शानदार रहेगी। ग्रहीय स्थितियों के अनुसार दोनों देश मिलकर आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। गोचर का गुरू विकास, व्यवहार कुशल और प्रभावी शासन को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा भारत के अंदर भ्रष्टाचार भी अपने नीचले स्तर पर आएगा।
भारत एक महान परिवर्तन से गुजर रहा है एवं इस समय कुछ महत्वपूर्ण नीतियों की घोषणा एवं कुछ सुधार होने की संभावना है। इसके पश्चात भारत अमेरिका संबंधों में अंतर देखने को मिल सकते हैं। इस बात की अधिक संभावना है कि अमेरिकी स्कूल एवं विश्वविद्यालय भारत में अपना संचालन करने पर विचार कर सकते हैं।
मध्य अप्रैल 2015 के बाद से अमेरिका मंगल बुध दशा के प्रभाव में होगा। इसके कारण अमेरिका आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक होगा एवं अमेरिका कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक होंगी। इसके अलावा भारतीय प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के कारण सिविल न्युक्लियर को लागू करने में आ रही दिक्कतें दूर हो सकती हैं। साथ ही, विश्व व्यपार संगठन से जुड़े मामले भी हल हो सकते हैं। अंतरिक्ष और विज्ञान विकास की खोज में दोनों देश एक दूसरे का अधिक सहयोग कर सकते हैं। इसके अलावा भारत रक्षा तंत्र भी मजबूत होने की संभावना है।
संक्षेप में कहें तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी। इसके अलावा दोनों देश काफी लम्बे समय तक एक दूसरे के सहयोगी रहेंगे।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम