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आने वाले समय में मध्य पूर्व में युद्ध विराम या तीसरा विश्व युद्ध!

तृतीय विश्व युद्ध की भविष्यवाणी

वर्ष का मध्य चरण वैश्विक, राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से संरक्षित करने योग्य।

पूरी दुनिया यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का सामना कर रही है, जबकि इजरायल पर हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद मध्य-पूर्व में एक और युद्ध का सामना करना पड़ रहा है, जिसका लगभग सभी प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ा है। रोजगार से लेकर बड़े कारोबार तक, आम आदमी से लेकर राजनीति के उच्चतम स्तर तक इस युद्ध के विपरीत परिणाम देखने को मिले हैं।

राजनीतिक एवं आर्थिक प्रभाव

दोनों ही स्थितियों में शुरू हुए युद्ध के जल्द ही खत्म होने की उम्मीद थी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता रहा वैसे-वैसे स्थिति ज्यादा बिगड़ती गई और पूरी दुनिया को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इस युद्ध में कौन मध्यस्थता कर सकेगा और इसका अंत कैसे होगा, इस बात को लेकर बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित असमंजस में हैं। 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी युद्ध की स्थिति को वैश्विक कल्याण के लिए खतरा बताया है। अन्य विदेशी शक्तियों के समर्थन से यूक्रेन और रूस में युद्ध बदस्तूर जारी है, जबकि हथियारों और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक दबदबा रखने वाले इजराइल को दुश्मन देश चारों ओर से घेरने का प्रयास कर रहे हैं, इसके बावजूद कोई उसे झुका नहीं सका है। 

ऐसे में सवाल यह है कि क्या भविष्य में यह युद्ध हमें तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेलेगा या फिर से शांति स्थापित होगी? यहां एक सवाल यह भी है कि हम कब तक इस स्थिति का सामना करते रहेंगे। यहां ज्योतिष शास्त्र की सहायता से ग्रहों की स्थिति के आधार पर भविष्य की संभावित स्थिति का चित्रण करने का प्रयास किया गया है।

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ग्रहों की स्थिति के आधार पर भविष्य की भविष्यवाणियां

कालपुरुष की लग्न कुंडली को देखें, तो कन्या राशि में केतु और मीन राशि में राहु है, जो बीमारी, महामारी और अस्पताल जैसी चीजों से जुड़ा है। इस कारण ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहती हैं। इसी कारण मध्य पूर्व में इस समय सबसे ज्यादा तनाव का माहौल चल रहा है। वैसे शनि लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। इस स्थान को मित्र का स्थान भी माना जाता है, जिसके कारण मित्र देशों के बीच ही काफी शत्रुता होती है। जो राष्ट्र एक समय किसी भी परिस्थिति में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते थे, उनके बीच अब दूरियां देखने को मिल रही है। वैसे बृहस्पति जैसे सकारात्मक ग्रह के अच्छी स्थिति में होने के कारण अभी कहीं न कहीं कुछ समर्थन मिल रहा है। 

मई 2025 तक कई ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन आएगा। हालांकि, तब तक यहां-वहां छोटे-मोटे हमले होते रहेंगे। कभी-कभी वैचारिक कट्टरता के कारण हमें और भी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े तो, आश्चर्य की बात नहीं होगी। 30 मार्च 2025 से 18 मई 2025 तक शनिराहु की युति होगी, और इस दौरान कई नए समीकरण बनेंगे, जिसका असर देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा। इस दौरान मीन राशि में इतने सारे ग्रह आएंगे, जिनकी गंभीरता का अंदाजा लगाना मुश्किल है। इस समय के समाप्त होने के बाद स्थिति में कुछ सकारात्मक बदलाव आने की संभावना नजर आ रही है।

ऊपर बताए गए समय लोगों की व्यक्तिगत कुंडली के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपको खास तौर पर स्थिरता और धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। इस दौरान आपके अपने सभी प्रयासों के अच्छे परिणाम ही मिलेंगे, इसकी उम्मीद न करें, ऐसा भी हो सकता है कि आपको अपने किसी भी प्रयास के अपेक्षित परिणाम न मिले। इस दौरान कठिन परिश्रम के बावजूद आपको असंतोष महसूस हो सकता है, इसलिए अभी आपको कोई भी बड़ा व्यक्तिगत निर्णय न लेने की सलाह दी जाती है। जहां तक संभव हो लंबी दूरी या विदेश यात्रा से बचना भी आपके लिए अच्छा रहेगा। इसके साथ ही निवेश संबंधी बड़े निर्णय न लेना और इस समय को जितना हो सके आराम से व्यतीत करना बेहतर होगा।

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