लोकसभा का गठन करने के लिए अप्रैल से मई 2019 में भारत में आम चुनाव संभावित हैं। अामतौर पर आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, सिक्किम और जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी आम चुनाव के साथ ही होंगे। ऐसे में सभी रजनातिक दलों की नजर भी इन चुनावों पर है। खासकर लोकसभा चुनावों के लिए सभी ने अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। इस बार का चुनाव भाजपा बनाम महागठबंधन (कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल) के बीच है। ऐसे में हम यहां देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीट वाले राज्य उत्तरप्रदेश की राजनीति में हलचल मचाए रखने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती की राजनीति का ज्योतिषिय विश्लेषण करेंगे।
बृहस्पति का गोचर पार्टी के लिए होगा लाभकारी
पिछले विधानसभा चुनावों में बहुत ज्यादा सीट तो नहीं मिली, लेकिन मायावती की पार्टी बसपा धीरे-धीरे वापसी कर रही है। मध्य प्रदेश में हुए चुनाव में तो मायावती की बसपा एक तरह से किंगमेकर साबित हुई। अागामी लोकसभा चुनाव के संबंध में अगर ज्योतिष की बात करें, तो मायावती की कुंडली के 11 वें घर में बृहस्पति का गोचर उनके लिए शुभकारी साबित होगा और विभिन्न वर्गों के साथ ही उनकी पार्टी को कैडर में विश्वास स्थापित करने और पार्टी के लिए समर्थन जुटाने में मदद करेगा। ऐसे में वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मायावती और उनकी पार्टी की क्या स्थिति होगी, उनकी कुंडली के विस्तृत विश्लेषण से हम जानने का प्रयास करेंगे।
मायावती की कुंडली
जन्म – 15 जनवरी 1956
जन्म समय – 08:47:00 (अपुष्ट)
जन्म स्थान – नई दिल्ली
ज्योतिषीय विशेषताएं- बसपा सुप्रीमो मायावती वर्तमान में बुध महादशा और केतु भुक्ति के प्रभाव में हैं।- बृहस्पति का गोचर लाभ के 11 वें घर में होना उनके पक्ष में है। – गोचर कर रहा शनि भी 12 वें घर से गुजर रहा है और वह भी साढ़े साती के प्रभाव में है।
अन्य राज्यों में भी होगा बीएसपी का विस्तार
मायावती की कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि बृहस्पति का पारगमन समाज के विभिन्न वर्गों और पार्टी कैडर में विश्वास स्थापित करने के साथ ही पार्टी के लिए समर्थन जुटाने में उनकी मदद करेगा। उनमें अपनी कुशलता से संगठन को सक्रिय करने के साथ ही पार्टी पर नियंत्रण को मजबूत करने की भी संभावना है। वह विभिन्न दलों से समर्थन जुटाने में सक्षम होंगी और खुद को यूपी की राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में भी स्थापित करेंगी। इतना ही नहीं अपने प्रयासों से उन्हें अन्य राज्यों में भी अपनी पार्टी का विस्तार करने और उपस्थिति दर्ज कराने में मदद मिलेगी।
फरवरी के बाद अा सकती हैं बाधाएं
हालांकि, 2 फरवरी 2019 के बाद उनके प्रयासों में कई बाधाएं आएंगी। शनि का गोचर उनकी मुश्किलें बढ़ाएगा। इस कारण उनके लिए पार्टी के अांतरिक विवादों के साथ ही विपक्षी दलों के दबाव से निपटना मुश्किल हो जाएगा। अन्य राजनीतिक दलों के साथ मजबूत संबंध बनाने के उनके प्रयासों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उनके आक्रामक व्यवहार के कारण सहयोगी दलों के साथ गंभीर विवाद हो सकता है। उनकी राजनीतिक चाल और फैसले 2019 के लिए किए जाने वाले प्रयासों में भी बाधक बन सकते हैं। दूसरी ओर शनि का गोचर उन्हें गठबंधन दलों के साथ सहयोग बनाए रखने के लिए कुछ समझौते करने के लिए मजबूर करेगा।
चुनाव में मायावती की पार्टी की होगी निर्णायक भूमिका
हालांकि, 22 मार्च 2019 से शुरू होने वाली अवधि अनुकूल परिणाम दर्शाती हैं। इसलिए, वह आगामी लोकसभा चुनावों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों से निपटने के लिए एक जबरदस्त ताकत साबित होंगी और उनके राजनीतिक प्रभाव में विस्तार होगा। हालांकि, उन्हें शारीरिक तौर पर परेशानी होगी और उनके स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से पीड़ित होने की भी संभावना है। वैसे संभावित चुनाव की अवधि के दौरान यानी 13 अप्रैल से 6 जून 2019 के बीच की अवधि दुश्मनों पर जीत का संकेत देती है।
मायावती के लिए आशाजनक नहीं रहेगी आगे की राह
अगर, अागे की अवधि की बात की जाएं, तो 5 जुलाई 2019 तक की अवधि मायावती और उनकी पार्टी के लिए बहुत आशाजनक नहीं है। इसलिए, उनके बढ़ते प्रभाव और बढ़ते वोट शेयर के बावजूद, वह उन लाभों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सकेंगी, जिसकी वे उम्मीद करती हैं, जो उन्हें अंदर तक हिला सकता है। वैसे ग्रहों के प्रभाव पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन के संकेत दे रहे हैं, लेकिन यह प्रदर्शन सत्ता में वापसी के लिए पर्याप्त नहीं होगा। साथ ही, शनि का गोचर संकेत करता है कि उन्हें गठबंधन से अपेक्षित लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए एक मजबूत प्रदर्शन के बावजूद, “किंग मेकर” की भूमिका निभाने की उनकी इच्छा शायद ही पूरी हो।
आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ,
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/ हिंदी
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