बीजेपी के लिए मुश्किल, कांग्रेस के लिए भी टेढ़ी खीर
तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा का सेमिफाइनल कहा जा रहा है। हिंदी भाषी तीनों राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में यदि यहां सत्ता परिवर्तन होता है, तो आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। मप्र महत्वपूर्ण राज्य है। पिछले 15 सालों से वहां बीजेपी का शासन है। इस बार भी बीजेपी ने शिवराज को मुख्य चेहरा बनाया है। कांग्रेस भी पूरी ताकत से मैदान में उतरी है। हालांकि दोनो पार्टी में बड़े नेताओं के आपसी द्वंद्व नजर आ रहे हैं। मप्र में किसकी सरकार बनेगी, आइए- ज्योतिषीय विश्लेषण देखते हैं-
कांग्रेस : बीजेपी – ज्योतिषीय हाईलाइट्स
कांग्रेस बृहस्पति की दशा और शुक्र की अंतर्दशा में चल रही है। पारगमित शनि कुंडली के दसवें भाव से गुजर रहा है। वहीं हाल ही में गुरू का वृश्चिक राशि में पारगमन बुध को प्रभावित कर रहा है। वहीं अभी बीजेपी चंद्रमा की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा से गुजर रही है। हाल में वृश्चिक राशि में गुरु का पारगमन बीजेपी की कुंडली में चंद्रमा के ऊपर से गुजर रहा है। वोटिंग के दिन यानी 28 नवंबर को चंद्रमा और राहू की युति बनेगी। मतगणना के दिन यानी 11 दिसंबर को चंद्रमा उत्तराषाढ़ नक्षत्र में केतु के साथ युति करेगा।
कांग्रेस: बीजेपी – फलित गणना-
बृहस्पति दशा और बृहस्पति का हाल ही में वृश्चिक राशि में जाना कांग्रेस के लिए मप्र में कमबैक करने में सहायक हो सकता है। हालांकि शुक्र की अंतर्दशा कांग्रेस को आपसी झगड़ों में उलझा सकती है। वहीं चंद्रमा की महादशा और चंद्रमा की ही अंतर्दशा बीजेपी के लिए फेवरेबल नहीं है। वहीं साढ़े साती का आखिरी चरण भी बीजेपी के नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है। वोटिंग की तारीख कांग्रेस के लिए फेवरेबल है। ग्रहों के गोचर प्रभाव के चलते यह बात कही जा सकती है कि दोनों ही पार्टी को जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। जीत का अंतर भी बहुत कम रहने वाला है। मप्र की कुंडली के अनुसार इस साल रूलिंग पार्टी के लिए चुनाव में थोड़ी मुश्किल हो सकती है।- वोटिंग वाले दिन राहू और चंद्रमा की युति मतदाताओं के मन पर विपरित प्रभाव डालेगी। यहां एक तरफा वोटिंग होने के चांस कम है। – गणना वाले दिन चंद्रमा और केतु की युति यह बताती है कि किसी भी सीट पर एकदम विपरित रिजल्ट मिल सकता है। यह आम लोगों के लिए भी सरप्राइजिंग होगा।- शिवराज चौहान की कुंडली में शनि विपरित असर दे रहा है। शिवराज की कुंडली में भी साढ़े साती का प्रभाव है, इसलिए उनका रास्ता थोड़ा कठिन हो सकता है। हालांकि वृश्चिक राशि में बृहस्पति जन्म के बृहस्पति के ऊपर से गुजर रहा है। यह योग शिवराज की मदद कर सकता है।- यदि ग्रहों की सभी स्थितियां देखें तो कहा जा सकता है कि शिवराज के लिए सीएम पद फिर पाना कठिन तो रहेगा, लेकिन कठिन परिश्रम से वे लड़ाई जीतने में कामयाब हो सकते हैं। बीजेपी बहुत की कम मार्जिन से जीत सकती है।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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