होम » भविष्यवाणियों » राजनीति » 2027-28 तक तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनना है भारत का लक्ष्य

2027-28 तक तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनना है भारत का लक्ष्य

भारत की आर्थिक भविष्यवाणियां

बड़े उतार-चढ़ाव के बाद तेजी के रुख के साथ आगे बढ़ेगा भारत का शेयर बाजार

वैसे तो दिल्ली में एक दशक पहले जब देश में सत्ता परिवर्तन हुआ, तभी से भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव पड़ गई थी, लेकिन पिछले चार से पांच वर्षों में सरकार द्वारा अपनाई गई उद्योग समर्थित और उदारवादी नीतियों ने देश को वैश्विक आर्थिक मंच पर ला खड़ा किया है। एक समय था, जब भारत को सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था, लेकिन अब इसे सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता है। यह कोई अचानक मिली उपलब्धि नहीं बल्कि योजनाबद्ध और दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है। अर्थव्यवस्था में आई गति के कारण लोगों की सरकार से उम्मीदें बढ़ गई हैं और सरकार की नजर भी अब 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनकर विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर है। भारत इस लक्ष्य को को कब तक हासिल करेगा, इसके बारे में यहां हम ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानने का प्रयास करेंगे, तो आइए जानते हैं।

यदि आप अपने भविष्य की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो जन्म कुंडली के आधार पर वैयक्तिकृत विस्तृत जीवन भविष्यवाणी रिपोर्ट प्राप्त करें।

भारत की कुंडली और ग्रहों का प्रभाव

भारत की कुंडली में वृषभ लग्न का उदय हो रहा है। अगर हम आर्थिक और वित्तीय दृष्टिकोण से देखें तो, सबसे महत्वपूर्ण स्थान आर्थिक मामलों का है, जिसमें आरबीआई, मुद्रा, राष्ट्रीय बचत योजना और आर्थिक विकास जैसे पहलू आते हैं। इस स्थान पर मंगल विराजमान हैं, जो सदैव ऊर्जा और गति प्रदान करते हैं।

भारत के लिए तीसरा घर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पांच ग्रह – चंद्रमा, बुध, शनि, शुक्र और सूर्य एक साथ हैं और इस स्थान में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और संचार, रेलवे, डाकघर, दूरसंचार, प्रिंट मीडिया, पड़ोसी देश के साथ संबंधों का समावेश देखने को मिलता है।

कैसा रहेगा आने वाला समय

गुरू अभी वृषभ राशि में, राहु मीन राशि में, केतु कन्या राशि में और शनि महाराज समय-समय पर कुंभ राशि में वक्री और मार्गी रहेंगे। इन सबके प्रभाव का विश्लेषण करें तो मिश्रित फलदायी स्थिति नजर आ रही है, जिसमें 09-09-2025 से शुरू होने वाले मंगल की महादशा का भी प्रभाव होगा। मंगल ग्रह एफआईआई की स्थिति, विदेश के साथ सहयोग, साझेदार देशों में धन का प्रवाह, पड़ोसी देशों के साथ सहयोग के स्थान का स्वामी बनकर वित्त भाव में विराजमान हैं। आने वाले समय में बड़े ग्रहों का गोचर और तमाम ज्योतिषीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि भारत 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी वाली अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है। विदेशों से आने वाले बड़े निवेश के साथ-साथ म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश योजनाओं में स्थानीय लोगों का भारी निवेश वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण रूप से मदद करेगा।

निफ्टी और सेंसेक्स की वृद्धि के लिए ज्योतिषीय भविष्यवाणियां

शेयर बाजार को आर्थिक मामलों का बैरोमीटर कहा जा सकता है। ग्रहों की वर्तमान और भविष्य की स्थिति को देखते हुए अक्टूबर 2028 में निफ्टी के 50505 तक जाने की प्रबल संभावना नजर आ रही है। निवेशक इस बात को ध्यान में रखकर दीर्घकालिक योजना बना सकते हैं। हालांकि, एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि यह सफलता आसान नहीं होगी, क्योंकि भारत को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अगर हम दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें, तो बाजार तेज पारी खेलता नजर आ रहा है।

आपने 2008 में पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली वैश्विक मंदी तो देखी ही होगी। उस समय बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी अर्थव्यवस्था में स्थिरता और ग्रोथ को लेकर कुछ नहीं कह पा रहे थे। उस समय अक्टूबर 2009 में सेंसेक्स 16600 पर, जबकि निफ्टी 4945 पर था। उस समय ज्योतिष के आधार पर भविष्यवाणी की गई थी कि सेंसेक्स 50,000 तक पहुंच जाएगा। ज्योतिष के आधार पर अब एक बार फिर से लग रहा है कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी वाली अर्थव्यवस्था के साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।