यदि आप जानना चाहते हैं कि सत्ता और राजनीति का क्या प्रभाव होता है, तो जरा इस नमूने को लीजिए-सोशल डेमोक्रेटिक राजनेता, म्यांमार की राज्य काउंसलर, लोकतंत्र और विदेश मामलों के मंत्री राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल में नेशनल लीग के नेता! यहां कई व्यक्तियों के विवरणों को एक साथ प्रस्तुत नहीं किया गया है, बल्कि एक महिला इन सभी पदों पर से आसीन रही हैं। इस महान महिला का नाम है-ऑंन्ग सैन सू की। ये म्यांमार में प्रधानमंत्री के समकक्ष ताकत और रुतबा रखती हैं! इनके पिता का नाम आंग सान है, जिन्होंने ने आधुनिक बर्मी सेना की स्थापना की थी और युनाइटेड किंगडम से १९४७ में बर्मा की स्वतंत्रता पर बातचीत की थी। नई बर्मी सरकार के गठन के बाद सू की की माँ खिन कई ने एक राजनीतिक शख्सियत के रूप में शोहरत हासिल की। खिन को वर्ष १९६० में भारत और नेपाल में बर्मा का राजदूत नियुक्त किया गया। इन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली से राजनीति विज्ञान में स्नातक डिग्री हासिल की। सू की ने अपनी आगे की पढ़ाई सेंट ह्यूग कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में की और दर्शन शास्त्र, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की। आंतरिक संघर्ष, राजनीतिक उथल-पुथल, नजरबिन्दी, हिरासत, पीड़ा, कारावास, विरोध प्रदर्शन, हिंसा, अशांति, नागरिक आंदोलन, राजनीतिक अभियान, चुनाव इत्यादि सभी हालात सू की ने देखा है! वर्तमान में आंग सान सू की, म्यांमार (बर्मा) में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष कर रही प्रमुख राजनेता हैं।
इस समय सू के सितारें इनके पक्ष में लगते है। इनके नेतृत्व में बर्मा में एक नए यग का सूत्रपात होगा अन्यथा म्यांमार में राजनीतिक अस्थितरता मची होती। तो चलिए, इस विशेष ज्योतिषीय लेख के जरिए यह पता करने की कोशिश करते हैं कि इस फौलादी महिलाके बारे में इनके सितारों का क्या कहना है।
ऑंन्ग सैन सू की
जन्म दिनः 19जून, 1945
जन्म स्थानरंगून (यांगून), म्यांमार
सूर्य कुंडली
सू की और सितारेंः
सूर्य ग्रह की भूमिका
इस बर्मी राजनेता की कुंडली में सूर्य मिथुन राशि में शक्तिशाली बुध के साथ विराजमान है। इससे यह पता चलता है कि ये बहुत ही सख्त, मेहनती, कर्तव्यनिष्ठ और उच्च नैतिक अादर्शों वाली महिला है। सू की अपने विचारों व सिद्धांतों को बुद्धिमानीपूर्वक व्यक्त करने में पूर्णतया सफल हैं।
करिश्माई कारक
आंग सान सू की कुंडली में शुक्र का मंगल के साथ होना इन्हें एक करिश्माई नेता बनाता है, जो कि अपने देश के लोगों पर काफी प्रभाव रखती है। दुनिया भर में इनके अनुयायी हैं। यह इंगित करता है कि इनके अंदर चुंबकीय शक्ति, अंतर्निहित शक्ति और ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है। अपने विचारों को अमल में लाने हेतु कटबद्ध हैं। इसके अलावा यह बार गौरतलब है कि मंगल इनकी कुंडली में अपने स्वक्षेत्र अर्थात मेष राशि में विराजमान है। इसी दृढ़ता और शारीरिक शक्तियों के कारण ये अपने जीवन में अब तक इतनी चुनौतियों का सामना कर सकी हैं।
बृह्स्पति के सिद्धांतों के अनुसार-
बृहस्पति इनकी कुंडली में आत्मकारक है। इसके कारण ये एक ईमानदार और समर्पित नेता हैं, जिन्होंने जीवन भर सच्चाई, ईमानदारी और अहिंसा के मार्गों का अवलंबन किया है।
संघर्ष, चुनौतियां और कारावास:
हालांकि, आंग सान के लिए जीवन कभी भी आसान नहीं रहा है। इनकी कुंडली में सूर्य शनि के साथ स्थित है। इससे इन्हें दृढ़ता, आत्म अनुशासन, संगठनात्मक कौशल और उपलब्ध संसाधनों को अधिकतम प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करने की क्षमता प्राप्त होती है।
महत्वाकांक्षा इनके व्यक्तित्व के लिए एक प्रेरणादायी बल के रुप में कार्य कर सकती है। एक बार ये अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों के प्रति स्पष्ट हो जाती है तो सावधानीपूर्वक बनाई गई योजनाएं और प्रभावी निष्पादन इन्हें इनके लक्ष्यों के प्राप्ति में सहायता प्रदान कर सकता है। लेकिन, दूसरी ओर ग्रहों की यह स्थिति शासक वर्ग और अधिकारियों की ओर से टकराव और उत्पीड़न के भी संकेत दे रही है। यह लोकतंत्र समर्थक नेता लगभग कई दशकों तक घर पर नजरबंद रहीं, जो कि इन ग्रहों के संयोजन का नकारात्मक पहलू है।
प्रतिकूल ग्रहों का विन्यास:
मिथुन राशि में शनि और राहु की भी युति है। यहां यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि इनकी कुंडली में एक साथ दो दोष या नकारात्मक संयोजन मौजूद हैं। ये संयोजन है सूर्य-राहु संयोजन और शनि-राहु संयोजन। इन दोनों दोषों से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा ने इनकी मन की शांति को प्रभावित करके इनके मार्ग में भीषण बाधाएं खड़ी कर दी। जब ये ग्रह युति में होते हैं तो इन ग्रहों की शक्तियों का संयक्त प्रभाव बेहद तीव्र होने के साथ-साथ नकारात्मक भी होता है। यही कारण है कि ग्रहों के इन प्रतिकूल संयोजन के कारण इनका जीवन सदैव संघर्ष और अशांति से भरा रहता है।
शीर्ष सम्मान और मान्यताः
ग्रह मानव के समक्ष निरंतर चुनौतियां पेश करते रहते हैं। यदि इन चुनौतियाों का दृढ़ता और साहस का सामना किया जाता है तो उत्तम पुरस्कार मिलते हैं। सचमुच, आंग सान ने राफ्तो पुरस्कार, सखारोव पुरस्कार, नोबेल शांति पुरस्कार और भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार जीत कर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है। ये कनाडा सहित कई देशों की मानद नागरिक होने के अतिरिक्त मेंबर ऑफ़ एल्डर्स की सम्मानित सदस्या भी है।
आने वाले महीनो में किस्मत के सितारेंः
वर्तमान में गोचर का बृहस्पति इनके जन्म के बृहस्पति के ऊपर से पारगमन कर रहा है। एक समय राजनीतिक कैदी रहीं, सू की आज राज्य की काउंसलर हैं, जिसमे इनका नया रोल प्रधानमंत्री के समान है।
इनके द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से किए गए सत्ता हस्तांतरण के प्रयास और राष्ट्रीय सुलह की कोशिश से इनके देश को नए युग में कदम रखने में मदद मिलेगी।
हालांकि, गोचर का बृहस्पति लगातार आंग सान सू के पक्ष में होगा, फिर भी इनके द्वारा किया जा रहा देश के पुनर्निर्माण का प्रयास किसी भगीरथ काम से कम नहीं होगा। निश्चित तौर पर ये नए सिरे से शुरूआत करेंगी। देश में व्याप्त गरीबी, शिक्षा प्राप्ति जैसे कई यक्ष प्रश्नों का समाधान करना होगा। वर्ष 2017 के दौरान, धनु राशि में गोचर का शनि इनके रास्ते में कई व्यवधान उत्पन्न करेगा। जून, 2017 के बाद सत्ता के भागीदारी से जुड़े मसलों को संभालने में भारी संकटों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, वर्ष2017के दरमियान इनका स्वास्थ्य चिंता का विषय बन सकता है।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम