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सपा-बसपा गठबंधन : लोकसभा चुनाव 2019 में क्या होगा बुआ-बबुआ की जोड़ी का

12 जनवरी 2019 को लखनऊ में अायोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में बसपा प्रमुख मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के विजय रथ को उत्तरप्रदेश में रोकने के लिए सपा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों अपनी तैयारी में कितने सफल होते हैं। यहां हम सपा और बसपा के इस चुनावी गठबंधन का ज्योतिषीय विश्लेषण कर उनकी स्थिति जानने का प्रयास करेंगे।


12 जनवरी 2019 को घोषित, 12:08, लखनऊ

kundali


अगर हम बात करें तो उत्तरप्रदेश में दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच का यह गठबंधन बीजेपी से निपटने के एक साझा लक्ष्य या प्रतिबद्धता के साथ किया गया है। इसके पीछे दोनों पक्षों का अपना-अपना हित है और उनका मानना है कि इससे दोनों को फायदा होगा। लेकिन, 12 वें घर में लग्नेश और चंद्रमा दोनों की युति यह दर्शाती है कि दोनों सहयोगियों के बीच बेहतर सामंजस्य नहीं होगा। उनके बीच आपसी और ईमानदार संचार की कमी होगी। दोनों पक्षों के बीच अपेक्षाओं या अापसी समझ की कमी से उनका लाभ भी प्रभावित होगा, जो धीरे-धीरे गठबंधन को कमजोर कर देगा।


जैसा कि पहले और सातवें भाव के स्वामी मंगल और शुक्र एक-दूसरे से त्रिकोण में है, बसपा-सपा गठबंधन धर्म के सामान्य लक्ष्य के लिए काम करते दिखाई देंगे, लेकिन दोनों ग्रहों के आठवें और बाहरहवें घरों में स्थापित होने के कारण गठबंधन धर्म को सुचारु रुप से चलाने के लिए भरोसे और विश्वास की कमी रहेगी। इस कारण वे लक्ष्य प्राप्ति के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश स्थापित करने में असमर्थ होंगे। दूसरी ओर अापसी विश्वास की कमी के कारण इस गठबंधन को सुचारू रूप से कार्य करने में भी परेशानी होगी।


इसके बाद सूर्य-शनि-बुध की युति से अनुकूलता में कमी का संकेत मिलता है। इसका असर यह होगा कि दोनों दलों के कार्यकर्ता एक-दूसरे के साथ मित्रवत व्यवहार नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं अभियान के दौरान सम्मान और स्वीकृति का अभाव साफ परिलक्षित होगा और दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के लिए अपने कैडर्स में गठबंधन के लिए सबसे जरूरी चीज अापसी सामंजस्य, स्थापित करना एक कठिन कार्य होगा। ऐसे में सहयोगियों के बीच अापसी मनमुटाव और प्रतिस्पर्धा होने की भी प्रबल संभावना है।


चुंकि केंद्र में कोई लाभकारी ग्रह नहीं हैं और केतु 10 वें घर में स्थापित है, ऐसे में यह गठबंधन अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में विफल रहेगा। हालांकि, दोनों दल अापसी एकता, विश्वास और सम्मान के प्रदर्शन का हर संभव प्रयास करेंगे, लेकिन यह सब बाहरी दिखावा होगा। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि, भले ही यह गठबंधन भाजपा के वोट शेयर में कुछ बदलाव करें, लेकिन यह अपने अंतिम लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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