रूद्राक्ष हिमालय पर्वतमाला के आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा पाया जाता है, खासतौर से नेपाल और इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा और बर्मा के पहाड़ी क्षेत्रों में। हिन्दू शास्त्रों में रूद्राक्ष को धारण करना महत्वपूर्ण और लाभकारी माना जाता है। इससे ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान में भी इसका अत्यधिक महत्व है।
रूद्राक्ष शब्द रूद्र से व्युत्पन्न हुआ है ( भगवान शिव का दूसरा नाम ) और अक्स, जिसका मतलब है आँसू। ये माना जाता है रूद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आँखों के जलबिंदु से हुर्इ है। ये एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। लेकिन, इंसानों के द्वारा सिर्फ चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण किए जाते हैं। प्रत्येक रूद्राक्ष अपने प्रकृति के अनुसार अपनी अलग-अलग शक्ति रखता है। ये रूद्राक्ष कर्इ प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए चमत्कारिक शक्तियों से युक्त कहे जाते हैं जो धारक को जबरदस्त आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ लैस करते हैं।
इसे बिना किसी उद्देश्य के पहनने की बजाय, गणेशजी आपको सलाह देते हैं कि किस तरह का रूद्राक्ष आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसे चुनने से पहले आप या तो अपने आध्यात्मिक गुरू से या फिर किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श कर लें।
रूद्राक्ष से जुड़े कुछ मुख्य तथ्यः
1. अच्छी गुणवत्ता के रूद्राक्ष नेपाल की हिमालय पर्वतमाला में पाए जाते हैं।
2. रूद्राक्ष शब्द रूद्र (शिव ) और अक्स ( आँखों ) से उत्पन्न हुआ है।
3. ये चमत्कारी गुणों के लिए जाने जाते हैं।
4. रूद्राक्ष के पेड़ की लकड़ी बहुत कठोर होती है। इसी कारण युद्घ के दौरान इसका उपयोग हवार्इजहाज का पंखा बनाने में इस्तेमाल की जाती थी।
5. रूद्राक्ष की कीमत किस्म के अनुसार बदलती रहती है। किसी रूद्राक्ष में जितने ही अधिक मुख होते हैं उसकी कीमत उतनी ही अधिक होती है। साथ ही अधिक मुख वाले रूद्राक्ष का आैषधीयगणेशजी मूल्य भी उच्च ही होता है।
6. रूद्राक्ष के चयन का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। एक अनुभवी विशेषज्ञ ही आपको बताने में सक्षम होता है कि किस किस्म का रूद्राक्ष अापकी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे अच्छा रहेगा।
7. नकली रूद्राक्ष से भी सावधान रहें। बाजार में ये ढेरों की संख्या में मिलते हैं। असली रूद्राक्ष को पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है कि जब आप इसे पानी में डालेंगे, तो ये डूब जाएगा। लेकिन अगर ये तैरता रहता है तो इसका मतलब है कि ये नकली है।
8. ये जादुर्इ दाना स्ट्रोक, स्ट्रेस लेवल, हार्इपरटेंशन जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में सक्षम है। यह चिंता, अवसाद और न्यूरोटिक स्थिति(पागलपन जैसी हालत) से भी बड़ी राहत देता है।
9. इनको हर कोर्इ पहन सकता है। चाहे व किसी भी जाति, पंथ, धर्म और संस्कृति का क्यों न हो।
10. अगर आप मेडिटेशन और योग के दौरान रूद्राक्ष की माला धारण करते हैं, तो इसका लाभ कर्इ गुना बढ़ जाता है।
11. एक पापी अगर रूद्राक्ष की माला पहनता है, तो उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
रूद्राक्ष और ज्योतिषः
गणेशजी कहते हैं कि शक्तिशाली रूद्राक्ष और ज्याेतिष के बीच बहुत गहरा संबंध है। ज्योतिष में ग्रहों के लिए विभिन्न उपाय रूद्राक्ष की मदद से संचालित किए जाते हैं। प्रत्येक रूद्राक्ष एक विशेष ग्रह से संबंध रखता है। आमतौर से विशिष्ट रूद्राक्ष का प्रभाव या तो ग्रह को मजबूत बनाने या उसके बुरे प्रभावों को खत्म करने में सहायक होता है।
कुछ विशिष्ट प्रकार के रूद्राक्ष के लाभः
1- मुखी रूद्राक्षः शांति और शक्ति प्राप्त करने के लिए इसे धारण करें। एक मुखी रुद्राक्ष के बारे में और अधिक जानें।
2-मुखी रूद्राक्षः आपको दयालु होना सिखाता है। दो मुखी रुद्राक्ष के बारे में और अधिक जानें।
5-मुखी रूद्राक्षः आपके साहस को बढ़ाने और आपको हिम्मत से कार्य करने में मदद करता है। पांच मुखी रुद्राक्ष के बारे में और अधिक जानें।
गौरी शंकर रूद्राक्षः ये रूद्राक्ष बहुत खास है। गौरी शंकर रूद्राक्ष भगवान शिव के अर्धनारीश्वर अवतार का सूचक है। इस खूबसूरत दाने का एक भाग भगवान शिव का प्रतीक है तो दूसरा भाग देवी गाैरी (पार्वती) के चेहरे को दर्शाता है। गौरीशंकर रुद्राक्ष के बारे में और अधिक जानें।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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