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हरियाली तीज 2025 तारीख, व्रत कथा और पूजन विधि

सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनायी जाती है। इसे श्रावणी तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह त्योहार 27 जुलाई 2025 को आ रहा है। खास तौर पर उत्तर भारत में महिलाएं इसे मनाती हैं। भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन करते हुए सुहागिन महिलाएं इसे मनाती हैं।  इस दौरान चारों तरफ हरियाली छायी रहती है और पूरा वातावरण सुखद अहसास कराता है। ऐसे में पेड़ों पर झूले सज जाते हैं और महिलाएं और युवतियां झूला झूलती हैं और पूरा माहौल सुखद और आनंदप्रद हो जाता है।


– सुबह उठ कर स्‍नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा का संकल्प लें।– पूजा से पहले काली मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती और श्रीगणेश की मूर्ति बनाएं।– इसके बाद एक थाली में सुहाग सामग्री सजा कर माता पार्वती को अर्पित करें।– भगवान शंकर को भी वस्त्र अर्पित करें।– इसके बाद तीज की कथा पढ़ें या सुनें।


हरियाली तीज से जुड़ी एक पौराणिक कथा के मुताबिक यह भगवान शिव और माँ पार्वती के मिलन से संबंधित है। इसके बारे में भोलनाथ ने ही माता पार्वती को बताया था। इस कथा के मुताबिक भगवान शंकर ने माता पार्वती को बताया कि पति के रुप में उन्हें (शिवजी को) पाने के लिए उन्होंने (माता पार्वती) 107 बार जन्म लिया, लेकिन 108 वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के बाद ही यह मनोकामना पूर्ण हुई। भोलेनाथ ने बताया कि इसके लिए पार्वती जी ने कठोर तप किया। इस क्रम में भाद्रपद तृतीय शुक्ल पक्ष में रेत से एक शिवलिंग का निर्माण कर आराधना की, इसके बाद उनकी मनोकामना पूर्ण हुई। बाद में पर्वतराज ने भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह करवाया। सावन तीज को उनका यह उपवास पूरा हुआ। तब शंकर ने कहा कि निष्ठापूर्वक व्रत करने से वे हर स्त्री को मनवांछित फल देते हैं। साथ ही इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करने से अचल सुहाग की प्राप्ति होती|


हरियाली तीज के दौरान ही सिंजारा उत्सव भी मनाया जाता है। यह आम तौर पर उपहारों से जुड़ा माना जाता है। इस दौरान माता-पिता द्वारा अपनी विवाहित बेटी और उसके ससुराल वालों को उपहार दिया जाता है। इस कारण इसे सिंजारा तीज के रुप में भी जाना जाता है।


27 जुलाई 2025, गुरुवार

तृतीया तिथि प्रारंभ – 26 जुलाई 2025 को 10:41 PM

तृतीया तिथि समाप्त – 27 जुलाई 2025 को 10:41 PM

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम


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