गणेश चतुर्थी, ये एक ऐसा त्यौहार है जो सभी कार्यो को सफल बनाने और विघ्नों को हरने के अग्रदूत भगवान गणेश की विपुलता को दर्शाने वाला त्यौहार है। गणेश जी की मूर्ति को गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित किया जाता है और ठीक दस दिनों के पश्चात यानीकि अनन्त चतुर्दशी के दिन इस गणेश प्रतिमा के विसर्जन के साथ इस गणेश उत्सव का समापन होता है। अपने इस लेख में हम यह जानेंगे कि हम अनंत चतुर्दशी का भव्य उत्सव कैसे मनाएं। गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम यह उम्मीद करता है कि आप इस जोशीले त्यौहार को अपने मित्रों और परिवार के साथ पूर्ण श्रद्घा, उमंग और उत्साह के साथ मनाएंगे। अपने इस लेख में, हम गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी के प्रभावपूर्ण दिन से जुड़ी कुछ उपयोगी जानकारियां आपसे साझा कर रहे हैं।
गणेश विसर्जन के लिए सर्वाधिक शुभ तिथि :
गणेश महोत्सव के अंतिम दिन यानीकि अनंत चतुर्दशी के दिन
गणेश विसर्जन – 6 सितंबर 2025, शनिवार
प्रातःकाल का मुहूर्त (शुभ) – प्रातः 07:45 बजे से प्रातः 09:17 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – दोपहर 12:20 बजे से शाम 04:56 बजे तक
सायंकाल मुहूर्त (लाभ) – 06:28 PM से 07:56 PM तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृता, चर) – 09:24 अपराह्न से 01:49 पूर्वाह्न तक, 07 सितंबर
प्रातःकालीन मुहूर्त (लाभ) – प्रातः 04:45 से प्रातः 06:13 तक, 07 सितम्बर
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 06 सितंबर 2025 को प्रातः 03:12 बजे से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 07 सितंबर, 2025 को प्रातः 01:41 बजे
क्या गणेश विसर्जन के लिए कोई विशेष तारीख और समय है?
मूलतः गणेश विसर्जन की रस्म परिवार की परंपरा पर निर्भर करती है। प्रतीकात्मक रूप से, गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर भगवान श्री गणेशजी का घर में आगमन होता है। ये हम पर निर्भर करता है कि हम बप्पा को विदाई कब देना चाहेंगे। लेकिन हां, सूर्यास्त से पहले मूर्ति विसर्जित करना शुभ माना जाता है।
विघ्नहर्ता श्रीगणेशजी ‘अनंत चतुर्दशी’ के दिन हमसे विदा हो जाते हैं। पर, आप श्री बेजान दारूवाला द्वारा अभिमंत्रित श्रीगणेशजी की प्रतिमा को खरीद कर आप पूरे वर्ष भर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
गणेश विसर्जन मंत्र :
आम तौर पर गणेश विसर्जन के लिए कोई विशेष मंत्र नहीं होता है। ” गणपति बप्पा मोरिया’ सबसे प्रचलित उदघोष है जो बेहद खूबसूरती के साथ गणेशोत्सव की भावना को परिभाषित करता है।
आप विसर्जन के दौरान इस श्लोक का का वन्दन कर सकते हैं:
” मूषिकवाहन मोदकहस्त
चामरकर्ण विलम्बितसूत्र ।
वामनरूप महेस्वरपुत्र
विघ्नविनायक पाद नमस्ते ”
तात्पर्य – हे ईश्वर, मूषक वाहन वाले, हाथ में मोदक लिए, बड़े कान वाले, लंबोदर, वामनरूप वाले भगवान शिव के पुत्र, विघ्नविनायक, मैं आपके कमल के भांति चरणों में साष्टांग प्रणाम करता हूं।
गणेश विसर्जन की प्रक्रिया किसी तरह की जानी चाहिए?
1- गणेश विसर्जन से पहले आरती की जानी चाहिए। इस आरती में परिवार के सभी सदस्यगण की उपस्थित होना अनिवार्य है। पारंपरिक गणेश मंत्र और आरती का उच्चारण करना इस पूजा-अर्चना में आवश्यक होता है।
2- विसर्जन के दिन की शुरूआत प्रातः आरती के साथ करें।
3- ‘ जय गणेश देवा’ मंत्र का आरती के दौरान उच्चारण करें।
4- परिवार के सभी सदस्यों को पवित्र प्रसाद बांटें।
5- तेल का दीपक, फूल, धूप, खुश्बू और स्वादिष्ट पकवान – ये पांच साम्रगियां अर्पण करें।
6- विसर्जन से पूर्व यानि एक बार घर छोड़ने से पहले परिवार के सदस्य एक बार फिर से आरती के लिए एकत्रित हो।
7- घर छोड़ने से पांच मिनट पूर्व मूर्ति को बहुत धीरे और थोड़ी-सी दूर लगभग एक इंच तक आगे ले जाएं। संक्षेप में, आपको मूर्ति का स्थान थोड़ा-सा बदलना होगा जो कि यह दर्शाता है कि भगवान गणेश आपके घर में विराजित हुए थे। ये जरूरी है कि आप परिवार के सभी सदस्यों के साथ प्रतिमा विसर्जन के लिए जाएं।
8- देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाने वाले भगवान गणेश का घर पधारने के लिए आभार जताए। घर-परिवार में समृद्घि और शुभता लाने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करें। अपने सभी कष्टों व तकलीफों को नष्ट करने के लिए आभार जताएं। भक्त द्वारा भगवान के लिए कृतज्ञता सबसे ज्यादा मायने रखती है।
9- भगवान पर हल्दी लगे चावल चढ़ाएं। एक स्मरण के रूप में गणेशजी को चम्मच से दही खिलाएं।
10- लाल कपड़ा लें, जिसमें गुण के साथ सूखा नारियल और चावल(अक्षत) सहित पांच तरह के धान का भी समावेश हो। इसे मजबूती से बांधकर गणेशजी के हाथ पर रख दें। इस तरह से ये भोजन बन गया गणेशजी की यात्रा के लिए।
11- थोड़ा पानी लें और विसर्जन करने वाले व्यक्ति पर छिड़कें।
12- गणेशजी की मूर्ति को उठाएं और घर के चारों ओर ले जाएं, खासतौर से मुख्य शयनकक्ष और भोजनशाला में, ताकि उनकी पवित्र नजर और आशीर्वाद पूरे घर पर पड़ें।
13- ‘गणपति बप्पा मोरया’ सहित अन्य मंत्रों को श्रद्धापूर्वक उच्चारण करें।
14- घर से बाहर निकलें और विसर्जन स्थल की ओर ले जाएं।
15- एक नारियल लें और उसे गणेशजी की मूर्ति पर तीन बार घुमाएं। इसके बाद जमीन पर नारियल फोड़कर उसे उसी स्थान पर छोड़ दें।
16- इसे मूर्ति के साथ विसर्जित करने वाले प्रसाद के रूप में शामिल ना करें।
17- इस प्रक्रिया के बाद परिवार के लोग विसर्जन स्थल की ओर बढ़े। विसर्जन स्थल के अंतिम समय एक बार फिर से आरती करें।
18- विसर्जन में शामिल लोग मूर्ति के सभी पुष्पहार और सजावटी सामग्री हटा दें।
19- पुष्पहार या सजावटी सामग्री नदी में ना फेंके। आप उन्हें उचित स्थान पर रख सकते है या फिर वितरित कर सकते हैं।
20- अब बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करें।
गणेशजी अपने भक्तों के ऊपर सदा कृपा रखते हैं। इनकी कृपा जिनके ऊपर होती है वे जीवन के सभी दुःखों से सदा दूर रहते हैं और एक शांतिमय, समृद्ध और निरोगी जीवन जीते हैं।
कौन-कौन-सी चीजें विसर्जित करनी चाहिए तथा गणेश विसर्जन के बाद कौन-सी चीजें वापिस ले जानी चाहिएः-
इन चीजों का विसर्जन करें-
1. प्रमुख प्रतिमा
2. कलश
3. पानी से भरा कलश
4. वस्तुएं
क्या आप चाहते हैं कि गणपति अगले वर्ष भी आपके घर पधारें ? निम्नलिखित चीजें वापस लाए-
1. विसर्जन स्थल के पास की मिट्टी लेेकर आएं।
2. लाल कपड़े में बंधा नारियल, जिसे आप अपने घर के मंदिर में सुरक्षित रखें।
3. एक नया नारियल
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
इस गणेशोत्सव पर खुशहाल, समृद्घ और शांतिपूर्ण जीवन पाने के लिए बेजान दारूवाला द्वारा अभिमंत्रित शुभ गणेशजी की प्रतिमा ऑर्डर करके अपने घर पर जरूर स्थापित करें।