हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ‘एकादशी व्रत’, पूर्णिमा और अमावस्या के 11वें दिन किया जाता है। इस तरह हर माह में 2 एकादशी व्रत होते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। हिन्दू शास्त्रों में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। 2025 में 24 एकादशी की तिथि आएंगी। एकादशी को भगवान विष्णु के दिन के रूप में भी जाना जाता है। एकादशी भगवान विष्णु की प्रिय तिथि है।
2025 में एकादशी कब है, आप यहां जान सकते हैं-
तारीख | एकादशी | समय | विवरण पढ़ें |
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10 जनवरी 2025, शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी, वैकुंठ एकादशी | आरंभ – 12:22, जनवरी 09 समाप्त – 10:19, जनवरी 10 | पौष पुत्रदा एकादशी, वैकुंठ एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
25 जनवरी 2025, शनिवार | षटतिला एकादशी | आरंभ – 19:25, 24 जनवरी समाप्त – 20:31, जनवरी 25 | षटतिला एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
8 फ़रवरी 2025, शनिवार | जया एकादशी | आरंभ – 21:26, फ़रवरी 07 समाप्त – 20:15, फ़रवरी 08 | जया एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
24 फरवरी 2025, सोमवार | विजया एकादशी | आरंभ – 13:55, 23 फरवरी समाप्त – 13:44, 24 फरवरी | विजया एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
10 मार्च 2025, सोमवार | आमलकी एकादशी | आरंभ – 07:45, मार्च 09 समाप्त – 07:44, मार्च 10 | आगे पढ़ें आमलकी एकादशी के बारे में… |
25 मार्च 2025, मंगलवार | पापमोचनी एकादशी | प्रारंभ – 05:05, 25 मार्च समाप्त – 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
26 मार्च 2025, बुधवार | वैष्णव पापमोचनी एकादशी | प्रारंभ – 05:05, 25 मार्च समाप्त – 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
8 अप्रैल 2025, मंगलवार | कामदा एकादशी | आरंभ – 20:00, अप्रैल 07 समाप्त – 21:12, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
24 अप्रैल, 2025, गुरुवार | वरुथिनी एकादशी | आरंभ – 16:43, 23 अप्रैल समाप्त – 14:32, 24 अप्रैल | वरूथिनी एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
8 मई 2025, गुरूवार | मोहिनी एकादशी | प्रारंभ – 10:19, 07 मई समाप्त – 12:29, मई 08 | आगे पढ़ें मोहिनी एकादशी के बारे में… |
23 मई 2025, शुक्रवार | अपरा एकादशी | आरंभ – 01:12, 23 मई समाप्त – 22:29, 23 मई | अपरा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
6 जून 2025, शुक्रवार | निर्जला एकादशी | आरंभ – 02:15, जून 06 समाप्त – 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
7 जून 2025, शनिवार | वैष्णव निर्जला एकादशी | आरंभ – 02:15, जून 06 समाप्त – 04:47, जून 07 | वैष्णव निर्जला एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
21 जून 2025, शनिवार | योगिनी एकादशी | आरंभ – 07:18, 21 जून समाप्त – 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
22 जून 2025, रविवार | गौना योगिनी एकादशी, वैष्णव योगिनी एकादशी | आरंभ – 07:18, 21 जून समाप्त – 04:27, जून 22 | गौण योगिनी एकादशी, वैष्णव योगिनी एकादशी… |
6 जुलाई 2025, रविवार | देवशयनी एकादशी | आरंभ – 18:58, जुलाई 05 समाप्त – 21:14, जुलाई 06 | देवशयनी एकादशी का विवरण पढ़ें… |
21 जुलाई 2025, सोमवार | कामिका एकादशी | आरंभ – 12:12, जुलाई 20 समाप्त – 09:38, जुलाई 21 | कामिका एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
5 अगस्त 2025, मंगलवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी | आरंभ – 11:41, अगस्त 04 समाप्त – 13:12, अगस्त 05 | श्रावण पुत्रदा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
19 अगस्त 2025, मंगलवार | अजा एकादशी | आरंभ – 17:22, 18 अगस्त समाप्त – 15:32, अगस्त 19 | अजा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
3 सितम्बर 2025, बुधवार | पार्श्व एकादशी | प्रारम्भ – 03:53, सितम्बर 03 समाप्त – 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
17 सितम्बर 2025, बुधवार | इंदिरा एकादशी | आरंभ – 00:21, 17 सितंबर समाप्त – 23:39, सितम्बर 17 | इंदिरा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी | प्रारंभ – 19:10, 02 अक्टूबर समाप्त – 18:32, अक्टूबर 03 | पापांकुशा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार | रमा एकादशी | आरंभ – 10:35, 16 अक्टूबर समाप्त – 11:12, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
1 नवंबर 2025, शनिवार | देवउत्थान एकादशी | आरंभ – 09:11, 01 नवंबर समाप्त – 07:31, 02 नवंबर | देवउत्थान एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
15 नवंबर 2025, शनिवार | उत्पन्ना एकादशी | आरंभ – 00:49, 15 नवंबर समाप्त – 02:37, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
1 दिसंबर 2025, सोमवार | मोक्षदा एकादशी, गुरुवयूर एकादशी | आरंभ – 21:29, 30 नवंबर समाप्त – 19:01, दिसम्बर 01 | मोक्षदा एकादशी, गुरुवयूर एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
15 दिसंबर 2025, सोमवार | सफला एकादशी | आरंभ – 18:49, 14 दिसंबर समाप्त – 21:19, 15 दिसम्बर | सफला एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
30 दिसंबर 2025, मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी | प्रारंभ – 07:50, 30 दिसंबर समाप्त – 05:00, दिसम्बर 31 | पौष पुत्रदा एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
31 दिसंबर 2025, बुधवार | गौण पौष पुत्रदा एकदशी, वैष्णव पौष पुत्रदा एकदशी, वैकुण्ठ एकदशी | प्रारंभ – 07:50, 30 दिसंबर समाप्त – 05:00, दिसम्बर 31 | गौण पौष पुत्रदा एकादशी, वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी, वैकुंठ एकादशी के बारे में और पढ़ें… |
सभी एकादशी का अपना महत्व
एकादशी का व्रत कई बार दो दिन का होता है। व्रत के एक दिन पहले व्रत करना वाला व्यक्ति सिर्फ दोपहर का भोजन ग्रहण करता है और रात को कुछ नहीं खाता। इसका मुख्य कारण ये माना जाता है कि व्रत के दिन पेट में खाने का कोई अवशेष नहीं रहना चाहिए। एकादशी के पूरे दिन कठिन व्रत करना होता है। एकादशी के दूसरे दिन सूर्योदय के बाद व्रत करने वाला व्यक्ति खाना खा सकता है। व्रत के दिन किसी प्रकार का अनाज नहीं लिया जा सकता है। इसके अलावा भक्त अपने समर्थ अनुसार निर्जला व्रत रख सकते हैं। भोजन में सिर्फ फल खाना चाहिए, जो की इच्छा अनुसार एक समय लिया जा सकता है।
प्रत्येक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। ये व्रत भगवान विष्णु के भक्त उनके कृपा के लिए रखते हैं। एकादशी व्रत का फल किसी भी व्रत हवन, यज्ञ, वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक होता है। ये भी माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने के पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
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एकादशी व्रत के लिए विष्णु मंत्र
विष्णु मंत्र : ॐ नमो नारायणाय ।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
विष्णु गायत्री महामंत्र- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।।
एकादशी व्रत में क्या करना चाहिए
– सुबह सबसे पहले शुद्ध पानी से नहा कर व्रत का संकल्प करना चाहिए।
– विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और रात्रि में दीपदान करना चाहिए।
– भजन-कीर्तन के लिए एकदशी का दिन बहुत ही अच्छा होता है।
– दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन सुबह भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए।
– यथासंभव दान दे कर पूजा का समापन करना चाहिए।
कई बार एकादशी व्रत की तिथि दो दिनों की होती है। ऐसे में पहले दिन विधिपूर्वक व्रत करना चाहिए, दूसरे दिन भोजन ग्रहण करना चाहिए। दो दिनों के व्रत में दूसरा दिन संन्यासियों, विधवा स्त्रियों और और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों के लिए होता है। दोनों दिनों में से जिस दिन भी भक्त व्रत करें, वे भगवान विष्णु की कृपा का पात्र बनते हैं।
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गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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