मकर संक्रांति का पर्व सर्दियों और अंधेरे के दिनों के अंत का प्रतीक समझा जाता है। यह वसंत ऋतु के आगमन की कहानी कहता है। संक्रांति त्योहार सबसे पुराने हिंदू त्योहारों में से एक है। यह उन त्योहारों में शामिल है, जो चंद्र चक्र के बजाय सौर चक्र के अनुसार मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर्व 2025 ( Makar Sankranti 2025) जनवरी महीने में मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति 2025 (Makar Sankranti 2025) कब है
जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। साल 2025 में मकर संक्रांति ( Makar Sankranti 2025) का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा।
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मकर संक्रांति पर्व 2025 (Makar Sankranti 2025) में विशेष महत्व, क्योंकि ….
मकर संक्रांति पर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के दर्शन करने गए थे। इस मुलाकात में उन्होंने सारे मतभेदों को भुला दिया था। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन सारे गिले शिकवे भुला दिए जाते हैं। इस दिन रिश्तों में सुधार आता है। ज्योतिषीय रूप से संक्रांति के दौरान सूर्य ग्रह एक महीने के लिए शनि के घर (शनि द्वारा शासित मकर राशि) में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति पर्व 2025 ( Makar Sankranti 2025) बहुत खास होगा, क्योंकि इस दिन सूर्य और शनि 30 साल बाद मकर राशि में मिलेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का हमारे जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। दो विपरित ग्रहों का एक ही राशि में उपस्थित होना, सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। क्योंकि ये ग्रह एक साथ बहुत कम मिलते हैं, लेकिन जब वे ऐसा करते हैं, तो कुछ असामान्य घटनाओं की संभावना रहती है।
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Makar Sankranti 2025 पर कौन सी राशि के लोग क्या दान करें
मकर संक्रांति का दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है, आइए जानते हैं इस विशेष दिन पर क्या दान करना चाहिए।
- मकर संक्रांति के दिन गरीबों को तिल पर बनी चीजें दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनि देव ने अपने पिता सूर्य की पूजा करने के लिए काले तिल का प्रयोग किया था। जिससे खुश होकर उन्होंने सूर्यदेव ने शनि को वरदान दिया था कि मकर संक्रांति के दिन जो भी तिल का दान करेगा, उसके सारे दु:ख दर्द दूर हो जाएंगे। इसके साथ ही तिल का दान करने से शनि दोष भी दूर हो जाता है। कुंभ, मकर राशि के जातक काले तिल का दान जरूर करें।
- मकर संक्रांति के दिन जरूरतमंदों को कंबल का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में राहु के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं। मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातक इस साल राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए कंबल दान करें।
- मकर संक्रांति के इस पावन दिन पर पर चावल और उड़द की काली दाल से बनी खिचड़ी का दान करना भी बहुत लाभदायक माना जाता है। इस दान को करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं और आपको अक्षय फल की प्राप्ति होती है। वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातक चावल और फल का दान करें।
- मकर संक्रांति के दिन किसी गरीब या जरूरत मंद को एक जोड़ी वस्त्र दान करने से बहुत लाभ मिलता है। हालांकि, आपको ध्यान रखना होगा कि वस्त्र इस्तेमाल किए हुए, फटे हुए या पुराने नहीं होना चाहिए। वृषभ और कन्या राशि के जातक जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान कर सकते हैं।
- मकर संक्रांति के दिन घी का दान करने से आपको बहुत पुण्य मिलता है। इस दिन शुद्ध घी का दान करने से आपको कॅरियर के साथ सभी प्रकार की भौतिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इसके अलावा आपके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। कर्क राशि के जातक दूध या घी जरूर दान करें।
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Makar Sankranti 2025 पर दान का समय
मकर संक्रांति ( Makar Sankranti) के दिन दान देना शुभ होता है, लेकिन उसका फल तभी मिलता है, जब आप समय का विशेष ध्यान रखें। नीचे मकर संक्रांति के पुण्यकाल और महापुण्यकाल के बारे में जानकारी दी गई है, इसी समय के आधार पर आप दान-पुण्य करें, जिससे आपको सकरात्मक लाभ मिलेगा। जानते हैं Makar Sankranti 2025 पर दान का समय
मकर संक्रान्ति – मंगलवार, जनवरी 14, 2025 को
मकर संक्रान्ति पुण्यकाल – 09:03 A.M. से 17:46 P.M.
अवधि – 08 घण्टे 42 मिनट्स
मकर संक्रान्ति महापुण्य काल – 09:03 A.M. से 10:48 A.M.
अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट्स
मकर संक्रांति पर तिल का दान करना है श्रेष्ठ
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन तिल दान की परंपरा है और लोग तिल से बने खाद्य पदार्थ का भी सेवन करते हैं। इसके धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं। मकर संक्रांति 2025 ((Makar Sankranti 2025) पर जानिए तिल दान का धार्मिक महत्व-
मकर संक्रांति दान-तिल का धार्मिक पहलू
- मकर संक्रांति के दिन तिल दान से सौ गुना फल की प्राप्ति होती है।
- तिल दान या तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टदायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है।
- मान्यता है कि माघ मास में प्रतिदिन तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
- मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। सूर्य पुत्र होने के बावजूद उनका सूर्य से शत्रुवत संबंध होता है। ऐसे में शनि के भाव में सूर्य की उपस्थिति से कष्ट न हो, इसलिए मकर संक्रांति के दिन तिल का दान और सेवन किया जाता है।
जानिए तिल में क्या है गुण
- मकर संक्राति पर तिल और गुड़ से बनी मिठाई खाई जाती है। तिल और गुड़ गर्म होते हैं। इसके सेवन से शरीर गर्म रहता है।
- तिल तेल से शरीर को भरपूर नमी भी मिलती है।
- तिल में कॉपर, मैग्नीशियम, आयरन, मैग्नीज, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, विटामिन बी 1 और फाइबर आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- तिल के सेवन से शरीर को भरपूर कैलोरी हासिल होती है।तिल एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में मौजूद कीटाणुओं का नाश करता है।
मकर संक्रांति पर्व ( Makar Sankranti 2025) पर धार्मिक अनुष्ठान
मकर संक्रांति ( Makar Sankranti) के त्योहार के दिन लोग गंगा, यमुना और गोदावरी जैसी नदियों के पवित्र जल में डूबकी लगाते हैं। धार्मिक परंपराओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इन नदियों में स्नान करने से पिछले पापों से छुटकारा मिल जाता है। मकर संक्रांति पर्व 2025 ( Makar Sankranti 2025) को लेकर कई धार्मिक स्थलों पर विशेष आयोजन किए गए हैं। मकर संक्रांति पर इस दिन भगवान सूर्य और शनि की पूजा के साथ गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्र का जाप किया जाता है। क्योंकि, सूर्य और शनि मकर संक्रांति को प्रभावित करते हैं। यदि कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी हो, तो कई काम आसानी से बन जाते हैं। यदि आप शनि की महादशा, ढैय्या या साढ़े साती से पीड़ित हों, तो एक बार वैदिक पद्धति से की जाने वाली शनि पूजा का लाभ जरूर लें।
मकर सक्रांति ( Makar Sankranti) पर पतंग महोत्सव क्यों
पुरातन काल से ही मकर सक्रांति( Makar Sankranti) के दिन पतंग उड़ाने का चलन रहा है। मौजूदा दौर में कुछ लोग मकर सक्रांति को पतंग महोत्सव के नाम से भी जानते हैै। इस दिन लोग अपनी-पनी छतों पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है। मकर सक्रांति के समय सर्दी अपने जोरों पर होती है और ऐसे सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है। मकर संक्रांति 2025 ( Makar Sankranti 2025) अहमदाबाद, जयपुर, उज्जैन जैसी जगहों पर पतंग महोत्सव का आयोजन होगा।
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