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vinayak chaturthi 2024: व्रत की लिस्ट, पूजा और विधि, हर महीने गणेश पूजा से पाएं आशीर्वाद

विनायक चतुर्थी 2024: व्रत की सूची, पूजा और विधि, हर गणेश माह पूजा से शुरू आशीर्वाद

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मास में दो चतुर्थी होते हैं। शुक्ल पक्ष में आने वाले चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जबकि कृष्ण पक्ष में आने वाले चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2024 में आने वाले विनायक चतुर्थी की सूची इस प्रकार से है।


विनायक चतुर्थी तारीख समय महीने
जनवरी 14, 2024, रविवार प्रारम्भ – 07:59, जनवरी 14
समाप्त – 04:59, जनवरी 15
पौष, शुक्ल चतुर्थी
फरवरी 13, 2024, मंगलवार प्रारम्भ – 17:44, फरवरी 12
समाप्त – 14:41, फरवरी 13
माघ, शुक्ल चतुर्थी
मार्च 13, 2024, बुधवार प्रारम्भ – 04:03, मार्च 13
समाप्त – 01:25, मार्च 14
फाल्गुन, शुक्ल चतुर्थी
अप्रैल 12, 2024, शुक्रवार प्रारम्भ – 15:03, अप्रैल 11
समाप्त – 13:11, अप्रैल 12
चैत्र, शुक्ल चतुर्थी
मई 11, 2024, शनिवार प्रारम्भ – 02:50, मई 11
समाप्त – 02:03, मई 12
वैशाख, शुक्ल चतुर्थी
जून 10, 2024, सोमवार प्रारम्भ – 15:44, जून 09
समाप्त – 16:14, जून 10
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी
जुलाई 9, 2024, मंगलवार प्रारम्भ – 06:08, जुलाई 09
समाप्त – 07:51, जुलाई 10
आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी
अगस्त 8, 2024, बृहस्पतिवार प्रारम्भ – 22:05, अगस्त 07
समाप्त – 00:36, अगस्त 09
श्रावण, शुक्ल चतुर्थी
सितम्बर 7, 2024, शनिवार प्रारम्भ – 15:01, सितम्बर 06
समाप्त – 17:37, सितम्बर 07
भाद्रपद, शुक्ल चतुर्थी
अक्टूबर 6, 2024, रविवार प्रारम्भ – 07:49, अक्टूबर 06
समाप्त – 09:47, अक्टूबर 07
आश्विन, शुक्ल चतुर्थी
नवम्बर 5, 2024, मंगलवार प्रारम्भ – 23:24, नवम्बर 04
समाप्त – 00:16, नवम्बर 06
कार्तिक, शुक्ल चतुर्थी
दिसम्बर 5, 2024, बृहस्पतिवार प्रारम्भ – 13:10, दिसम्बर 04
समाप्त – 12:49, दिसम्बर 05
मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी

विनायक चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। ये व्रत करके भक्त भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं की कामना करते हैं। हिन्दू पंचाग के अनुसार ये व्रत हर माह की अमावस्या के चौथे दिन (शुक्ल पक्ष की चतुर्थी) को किया जाता है। गणपति जी को हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। वे सारे संकट हर लेते हैं। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग गणेश जी की पूजा कर धैर्य और बुद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

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– सुबह शुद्ध पानी से नहाकर साफ कपड़े पहनें।
– हिन्दू कैलेंडर के अनुसार विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करनी चहिए।
– भगवान गणेश की पूजा तिल, गुड़, लड्डू, दुर्वा, चंदन चढ़ाकर करें। उसके बाद गणेश की कथा का पाठ करें।
– भगवान गणेश का वंदन और मंत्रों का जाप करें।
– संध्याकाल गणेश जी की पूजा के बाद, चांद को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करें।

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विनायक चतुर्थी का व्रत काफी कठिन होता है। इसमें किसी प्रकार के अनाज का सेवन ना करें। विनायक चतुर्थी के दिन फल, कंद-मूल खाया जा सकता है। शाम को चन्द्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देने के बाद आप उपवास तोड़ सकते हैं। इस व्रत को तोड़ने के बाद शाम को आप साबूदाने की खिचड़ी, आलू और मूंगफली खा सकते हैं।


गणपति जी की पूजा आप इन मंत्रों से कर सकते हैं।-

ॐ गं गणपतये नम:- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।- ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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