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रेखा के जन्मदिन पर विशेष…

आकर्षक, कलात्मक प्रतिभा और स्वप्निल खूबसूरती का अद्भुत मेल है रेखा, एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेत्री हैं वो, जिनका आकर्षण इतने बरसों के बाद भी फीका नहीं पड़ा। दशकों के बाद भी वे जिस भी प्रोजेक्ट में दिखाई देती हैं और जिस भी रूप में दिखती हैं, उनकी चमक साफ नजर आती है। देखा जाए तो उनकी भारी कांजीवरम रेशम की चमकीले बॉर्डर वाली साड़ी, उनके गहनों और उनके दिलकश अंदाज ने भरपूर प्रतिष्ठा अर्जित कर ली है।

बॉलीवुड की इस उमराव जान का जन्म भानुरेखा के रूप में दक्षिण भारतीय अभिनेता जेमिनी गणेशन और तेलुगू अभिनेत्री पुष्पवल्ली के घर हुआ था। हालांकि रेखा की मां गणेशन की पत्नी नहीं थीं। इस प्रकार रेखा का बचपन मुश्किलों से भरा रहा। शुरुआती कुछ फिल्मों में अपने वजन और गोल-मटोल चेहरे की वजह से रेखा को आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। उन्हें एक अविश्वसनीय रूपांतरण से गुजरना पड़ा। जिस छरहरे और मुलायम रूप में वे सामने आईं, वो अविश्वसनीय रूप से आकर्षक था। विशेष रूप से सिलसिला, खूबसूरत, मुकदर का सिकंदर, उत्सव, इजाजत जैसी फिल्मों में उनकी मौजूदगी यकीनन हैरान कर देने वाली थी।

हालांकि 70 और 80 के दशक की इस सुपर लोकप्रिय दीवा, जो अपने सुनहरे दिनों में लगभग सभी प्रमुख स्क्रीन नायकों के साथ दिखाई दी थी, का निजी जीवन बहुत अच्छा नहीं रहा। प्यार और रिश्तों में वे असफल रहीं, उन्होंने दो बार शादी की, लेकिन उनका प्यार और निजी जीवन ज्यादातर लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है। 10 अक्टूबर, 1954 को जन्मी मोहक, कालातीत सुंदरी 67 की होने वाली हैं। आइए रेखा की कुंडली का विश्लेषण करते हैं और जानते हैं कि किन ग्रहों के प्रभाव से उन्हें यह खूबसूरती और शौहरत मिली है।

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रेखा गणेशन

जन्म तिथि – 10 अक्टूबर 1954
जन्म समय – 11.00
जन्म स्थान – मद्रास


रेखा का जन्म धनु लग्न के साथ हुआ था। उसकी लग्न राशि का स्वामी – बृहस्पति स्वाभाविक रूप से उच्च का है और उनकी कुंडली के 8वें भाव में स्थित है – अपनी उच्च राशि – कर्क राशि में।


उच्च का बृहस्पति, रेखा को एक दयालु महिला, ज्ञानी, सत्यवादी और स्वभाव से मिलनसार बनाता है। चूंकि उनका लग्न स्वामी जल राशि कर्क में है, इसलिए वह स्वाभाविक रूप से बहुत भावुक हैं। उनका लग्न स्वामी भले ही उन्हें एक उच्च विचारक और आध्यात्मिक बना दे, लेकिन हो सकता है कि उनके दिमाग पर उनके दिल का राज चलता है, ऐसा गणेशजी मानते हैं।


उनकी कुंडली में बुध स्वाभाविक रूप से शुक्र द्वारा शासित राशि में स्थित है।


यह इंगित करता है कि रेखा खुद को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने में सक्षम हैं। वे अपनी रचनात्मक प्रतिभा को बखूबी पेश कर सकती हैं। बुध द्वारा उन्हें उपहार में दी गई वाकपटुता की वजह से उनकी रचनात्मक प्रतिभा खूबसूरती से संप्रेषित होती है।


शक्ति और बल का ग्रह – मंगल रेखा के लग्न भाव में स्थित है।


ग्रहों की यह स्थिति रेखा को ऊर्जावान, आक्रामक और प्रखर महिला बनाती है। वह एक अथक कार्यकर्ता होंगी। वहीं मंगल की स्थिति भी उन्हें लक्ष्यों को हासिल करने वाली शख्स बनाता है। वह किसी भी काम को करने में विशेष रूप से कुशल होंगी।


आगे गणेशजी ने नोट किया कि रेखा का जन्म शुक्र एक नीच राशि में स्थित है, लेकिन यह रेखा की कुंडली में छठे भाव में अपनी ही राशि पर सीधी द़ृष्टि रखता है। छठा भाव, अन्य बातों के अलावा, नियमित मामलों और दिन-प्रतिदिन के कामकाज को इंगित करता है, खासकर कार्य क्षेत्र में।


कला एक नियमित गतिविधि के रूप में शामिल है, इसीलिए उनके लिए यह काफी अनुकूल रही है।


दसवें भाव (पेशे के घर) में अप्रभावित सूर्य। हालांकि, सूर्य को शनि के स्वामित्व वाली राशि में रखा गया है।


10 वें भाव में सूर्य की नियुक्ति की वजह से रेखा एक महान सामाजिक स्थिति और प्रसिद्धि प्राप्त कर सकी है। चूंकि शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह है और सूर्य का शत्रु भी है, इसलिए शनि के स्वामित्व वाली राशि में सूर्य का स्थान होना इसका कारण हो सकता है कि रेखा के करियर को वास्तव में आगे बढ़ने में कुछ समय लगा। उसने अपने करियर को बनाए रखने के लिए अपने पूरे जीवन में बहुत मेहनत की होगी।

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गणेशजी की कृपा से
गणेशास्पीक्स.कॉम टीम


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