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जानिए दृष्टिकोण: दर्शकों के दिमाग पर कितनी छाप छोड़ पायेगी फ़िल्म छपाक

महिलाओं पर अत्याचार, शोषण और यातनाओं का मानव सभ्यता में पुराना इतिहास रहा है, पुरूषवादी सोच ने जन्म देने वाली महिलाओं को किसी ना किसी आधार पर अपने से तुच्छ और सजावटी वस्तु के रूप में ही उपयोग किया है। कभी बेटी के जन्म से नाराज़ पिता अपनी बेटी के शोषण का कारण बना, तो कभी समाजिक और धार्मिक बंधनों के बावजूद पति ने दहेज़ जैसी विकृत सोच के लिए महिलाओं को फूंका। हालांकि 19वीं सदी की शुरूआत और फिर आधुनिकरण के दौरा ने महिलाओं के व्यक्तित्व को सहारा देने का काम किया। लेकिन 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरूआत में आधुनिकरण के चरम पर पहुंचाने के साथ ही महिलाओं पर अत्याचारों का स्वरूप भी बदला। शिक्षा, व्यापार और करियर की चाह में जब भी महिलाओं ने घर से बाहर कदम रखने की कोशिश की, तो उच्च पदों पर बैठी पुरूषवादी विचारधारा ने उनको दबाने और शोषण करने का प्रयास किया। इस दौर में महिलाओं को कुछ अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है। घरेलू हिंसा और अत्याचारों से बढ़कर इस दौर में महिलाओं को नजरअंदाजी का ख़ामियाज़ा अपने मान सम्मान और जीवन भर के आघात के रूप में झेलना पड़ रहा है। इस दौरान महिलाओं पर बढ़ते तेजाब के हमलों ने देश सहित पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया।

सदियों से मानसिक और शारीरिक यातनाएँ झेल रही महिलाएं आज उससे कहीं अधिक दर्द और तड़प से गुज़र रही हैं। तेजाब से आघात सिर्फ महिलाओं के शरीर और उनकी सुंदरता पर हमला नहीं बल्कि ये हमला, सभ्य समाज होने के उस गुरूर पर भी है, जिसमें सदैव पुरूष ही प्रधान रहे हैं। ये एसिड अटैक उन मानसिक और शारीरिक यातनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा दर्दनाक है, जिसे महिलाएं अपने होने की कीमत से चुकाती आई है। महिलाओं पर एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं ने जहां कानून और समाज को इससे लड़ने की प्रेरणा दी, वहीं करोड़ों भारतीयों को प्रभावित करने वाले सिनेमा ने भी इस विषय को समाज को आईना दिखाने और उन युवतियों का दर्द बयां करने का माध्यम बनाने का प्रयास किया, जिन्होंने अपनी आत्मा पर इस आघात को झेला है।

हाल ही में बाॅलीवुड के चुनिंदा निर्देशकों में से एक मेघना गुलजार ने इस विषय पर एक फिल्म तैयार की जिसमें दीपिका पादुकोण एक एसिड अटैक पीड़िता की भूमिका में नजर आने वाली है। वैसे तो यह फिल्म एक सामाजिक मुद्दे को लोगों तक पहुंचाने का काम करती है, लेकिन ऐसे गंभीर सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्म की सफलता का आंकलन उसकी कहानी प्रस्तुतिकरण, पात्रों के अभिनय और सबसे महत्वपूर्ण उसके उद्देश्यों के मूल्यांकन के बाद ही किया जा सकता है। इसलिए गणेशजी ने फिल्म के समाज और एसिड अटैक का दंश झेल रही पीड़ित महिलाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का ज्योतिषीय विश्लेषण करने का प्रयास किया है। आइए ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर जानते हैं, कि दीपिका की आगामी फिल्म छपाक से एसिड अटैक पीड़िताओं के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

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फिल्म का नाम – छपाक
रिलीज़ तारीख़ – 10 जनवरी 2020
समय – 09:00:00
स्थान – मुंबई, इंडिया

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दीपिका पादुकोण अभिनित फिल्म छपाक का ट्रेलर देखने के बाद लोगों को फिल्म से काफी उम्मीदें है। लेकिन फिल्म की कुंडली का अध्ययन करने पर पता चलता है कि, यह मकर लग्न कुंडली है, लग्न राशि के स्वामी शनि कुंडली के बारहवें भाव में विराजमान है। कुंडली का नौवां भाव जो कि भाग्य या धर्म स्थान के नाम से जाना जाता है, उसके स्वामी बुध भी बारहवें स्थान पर बैठे है। फिल्म की कुंडली में बनते ग्रहों के इस योग से यह कहा जा सकता है कि, इस फिल्म के किस्मत के सितारे उतने बुलंद नहीं, जितनी इस फिल्म से उम्मीद की जा रही है। ग्रहों की स्थिति यह भी बताती है कि इस फिल्म को तैयार करने में कड़ी मेहनत लगी है, लेकिन फिर भी इसे दर्शकों की ओर से औसत प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है।
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फिल्म छपाक एक एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की असल जिंदगी पर आधारित फिल्म है। इस विषय को चुनने और इसका निर्देशन देश की जाने माने निर्देशकों में शुमार मेघना गुलजार ने किया है। वे इससे पहले भी कई सामाजिक मुद्दों को सुनहरे पर्दे पर उतार चुकी हैं। फिल्म के मुख्य किरदार मालती अग्रवाल का रोल दीपिका पादुकोण ने निभाया है। दीपिका का अभिनय और मेघना का निर्देशन दर्शकों को इस दर्दनाक अहसास को महसूस करने पर मजबूर कर देगा। ग्रहों के अनुसार फिल्म के अच्छा व्यापार करने की उम्मीद है। छपाक की कुंडली में राहु सातवें भाव के स्वामी चंद्र के साथ छठे घर में बैठे है। इससे फिल्म के विवादों में पड़ने की भी संभावना है, हालांकि इस दौरान विवादों से फिल्म को लाभ ही मिलने की उम्मीद है। क्योंकि कुंडली के दूसरे भाव में फिल्म और ग्लैमर से संबंध रखने वाले शुक्र विराजमान है और मंगल अपनी स्वराशि में बैठे हैं। दूसरा भाव धन-संपत्ति और ग्यारहवां भाव लाभ से संबंध रखता है। ग्रहों की इस स्थिति के आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि फिल्म अच्छा व्यापार भी करने वाली है। इसके साथ ही फिल्म को विदेशों में भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलने वाली है।


फिल्म छपाक की पटकथा एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी से प्रेरित एक कहानी है। इस फिल्म से जितनी उम्मीद दीपिका और मेघना को होगी, उससे कहीं ज्यादा उम्मीद और सवाल लक्ष्मी के जहन में होंगे। वे इस बात को लेकर चिंतित होंगी कि उन पर अघात और उससे टूटने बावजूद समाज और कानून से जूझते हुए, आरोपी को सजा दिलाने तक के उनके लंबे संघर्ष को दुनिया किस नजर से देखेगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार लक्ष्मी की जन्म राशि वृषभ है। मौजूदा दौर में गुरू का गोचर उनके लिए बेहद लाभकारी और सकारात्मक रहने वाला है, क्योंकि इस दौरान गुरू उनकी कुंडली में चंद्रमा, शुक्र और बुध को भी प्रभावित कर रहे होंगे। ग्रह-दशा के अनुसार कहा जा सकता है कि लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन में साल 2020 बेहद लाभकारी और सकारात्मक परिवर्तन लेकर आने वाला है।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम