29 मार्च 2025 को शनि (शनि देव) मीन राशि में गोचर करेंगे। 13 जुलाई 2025 को शनि मीन राशि में वक्री हो जाएगा और 28 नवंबर 2025 को शनि मीन राशि में मार्गी हो जाएगा। 27 जुलाई 2026 को फिर से शनि मीन राशि में वक्री हो जाएगा और 11 दिसंबर 2026 को शनि मार्गी हो जाएगा। मेष राशि में कुछ समय बिताने के बाद शनि 20 अक्टूबर 2027 को फिर से मीन राशि में वक्री गति में प्रवेश करेगा और 24 दिसंबर 2027 को मीन राशि में मार्गी हो जाएगा। शनि अंततः 23 फरवरी 2028 को मीन राशि में अपनी यात्रा समाप्त करेगा।
गणेश जी भविष्यवाणी करते हैं कि शनि का गोचर सभी बारह राशियों में महत्वपूर्ण ज्योतिषीय बदलाव शुरू करेगा। यह गोचर जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करेगा, जिसमें करियर, रिश्ते और स्वास्थ्य शामिल हैं। विशेष रूप से, कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या की शुरुआत या समाप्ति होगी, जो उनकी ज्योतिषीय यात्रा में महत्वपूर्ण चरणों को चिह्नित करेगी।
वैदिक ज्योतिष में, शनि पारगमन (शनि गोचर) को मुख्य रूप से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में अनुकूल माना जाता है। अन्य स्थितियों में, यह अक्सर ऐसी चुनौतियाँ लाता है जो धैर्य और लचीलेपन की परीक्षा लेती हैं। इन प्रभावों को समझने से व्यक्तियों को आने वाले समय में अधिक जागरूकता और तैयारी के साथ आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।
मेष राशि (Mesha Rashi) – साढ़ेसाती की शुरुआत: खर्च में वृद्धि और अस्थिरता
शनि के आपके 12वें भाव में प्रवेश करने के साथ ही मेष राशि के जातक साढ़ेसाती के पहले चरण में प्रवेश करेंगे, जो परंपरागत रूप से बढ़ी हुई चुनौतियों से जुड़ा हुआ है।
सामान्य दृष्टिकोण: यह चरण बढ़े हुए खर्च और अस्थिरता की भावना ला सकता है। वित्तीय मामलों में सावधानी बरतना और अनावश्यक व्यय से बचना महत्वपूर्ण है। इस समय के दौरान माइंडफुलनेस का अभ्यास करना और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होना मानसिक शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है।
गणेशजी अस्थायी कठिनाइयों से हतोत्साहित होने के बजाय धैर्य बनाए रखने और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हैं।
- करियर: पेशेवर जीवन में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे पहचान और पुरस्कार में देरी हो सकती है। धैर्य और दृढ़ता बनाए रखना उचित है, तत्काल लाभ के बजाय दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।
- रिश्ते: ग़लतफ़हमी या बढ़ी हुई ज़िम्मेदारियों के कारण व्यक्तिगत रिश्तों में तनाव आ सकता है। सामंजस्य बनाए रखने के लिए खुला संचार और सहानुभूति महत्वपूर्ण होगी।
- स्वास्थ्य: तनाव से संबंधित बीमारियों की प्रवृत्ति हो सकती है। अपनी दिनचर्या में योग या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों को शामिल करना लाभकारी हो सकता है।
वृषभ राशि (Vrishabha Rashi) – अनुकूल लाभ और सामाजिक उन्नति
शनि का आपके 11वें भाव में गोचर शुभ माना जा रहा है, जो संभावित रूप से स्थिरता और विकास लाएगा।
सामान्य दृष्टिकोण: इस अवधि में आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार होने की संभावना है, साथ ही विभिन्न माध्यमों से लाभ के अवसर भी मिलेंगे। सामाजिक मेलजोल और संपर्क से भी लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं।
गणेशजी का मानना है कि यह समय समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के साथ संपर्क और संबंधों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्कृष्ट है।
- करियर: पेशेवर प्रयास सफल होने के साथ-साथ पदवृद्धि या सफल उपक्रमों की संभावनाओं से भरपूर रहेंगे। सहयोग और टीमवर्क आपकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- रिश्ते: दोस्तों और परिवार के साथ रिश्ते मजबूत होने की उम्मीद है। हालाँकि, अपने बच्चों की ज़रूरतों के प्रति सजग रहना और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
- स्वास्थ्य: समग्र स्वास्थ्य स्थिर प्रतीत होता है, लेकिन संतुलित जीवनशैली बनाए रखने से निरन्तर खुशहाली सुनिश्चित होगा।
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मिथुन राशि (Mithun Rashi) – व्यावसायिक चुनौतियाँ और नई ज़िम्मेदारियाँ
शनि के आपके 10वें घर में प्रवेश करने के कारण, आपके करियर में कर्तव्यों में वृद्धि और संभावित बाधाओं की उम्मीद करें।
सामान्य दृष्टिकोण: यह गोचर परिश्रम और दृढ़ता की आवश्यकता पर जोर देता है। हालांकि चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन वे विकास और कौशल वृद्धि के अवसर भी प्रदान करेगी।
गणेशजी कहते हैं कि आपके करियर में चुनौतियां आपके ध्यान और समर्पण को बढ़ाने का संकेत हैं।
- करियर: आपको प्रोजेक्ट पूरा होने या मान्यता मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है। प्रतिबद्ध रहना और आसान रास्तो से बचना ज़रूरी है, क्योंकि कड़ी मेहनत से ही अंततः सफलता मिलेगी।
- रिश्ते: अधिकारियों या बड़ों के साथ बातचीत तनावपूर्ण हो सकती है। सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसे रिश्तों को सम्मान और धैर्य के साथ निभाएँ।
- स्वास्थ्य: तनाव के स्तर के प्रति सचेत रहें, क्योंकि यह आपकी सेहत पर असर डाल सकता है। इस समय नियमित व्यायाम और पर्याप्त आराम बहुत ज़रूरी है।
कर्क राशि (Karka Rashi) – भाग्य और आध्यात्मिक विकास में देरी
आपके 9वें घर में शनि का प्रवेश भाग्य और लंबी दूरी के प्रयासों से संबंधित क्षेत्रों में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
सामान्य दृष्टिकोण: यह अवधि आत्मनिरीक्षण और अपने विश्वासों का पुनर्मूल्यांकन करने का समय है। आध्यात्मिक अभ्यासों को अपनाने से आपको सांत्वना और मार्गदर्शन मिल सकता है।
गणेशजी आत्मचिंतन के लिए समय निकालने का सुझाव देते हैं, क्योंकि इससे गहन आध्यात्मिक विकास हो सकता है।
- करियर: यात्रा या उच्च शिक्षा से जुड़े उपक्रमों में संभावित देरी की उम्मीद करें। धैर्य और पूरी योजना आपके सहयोगी होंगे।
- रिश्ते: गुरुओं या पितातुल्य व्यक्तियों के साथ संबंधों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। खुली बातचीत और समझ से दूरियों को बाटने में मदद मिल सकती है।
- स्वास्थ्य: यात्रा के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए सावधानी बरतें। संतुलित आहार और दिनचर्या बनाए रखना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।
सिंह राशि (Simha Rashi) – ढैय्या की शुरुआत: अप्रत्याशित परिवर्तन और स्वास्थ्य में जागरूकता
चूंकि शनि आपके 8वें भाव में गोचर कर रहा है, यह ढैय्या काल की शुरुआत का प्रतीक है, जो अक्सर अचानक बदलावों और चुनौतियों से जुड़ा होता है।
सामान्य दृष्टिकोण: आश्चर्यजनक परिवर्तनों की आशंका करें जिनके लिए अनुकूलनशीलता की आवश्यकता हो सकती है। यह सभी प्रयासों में सावधानी बरतने का समय है।
गणेशजी इस अवधि के दौरान जल्द बाजी के निर्णय लेने से आगाह करते हैं, क्योंकि अचानक परिवर्तन आश्चर्यजनक परिणाम ला सकते हैं।
- करियर: व्यावसायिक मामलों में अनावश्यक जोखिम लेने से बचें। इस समय किसी भी निवेश से बचना ही बेहतर है।
- रिश्ते: पारिवारिक माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। विवादों को धैर्य से निपटाएँ और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करें।
कन्या राशि (Kanya Rashi) – साझेदारी और रिश्ते की चुनौतियाँ
शनि का आपके सप्तम भाव में गोचर रिश्तों और व्यावसायिक साझेदारी में चुनौतियां ला सकता है।
सामान्य दृष्टिकोण: इस अवधि में पेशेवर और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं में अतिरिक्त धैर्य की आवश्यकता है। शनि की उपस्थिति देरी का कारण बन सकती है या गलतफहमियाँ पैदा कर सकती है, जिन्हें सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता है।
गणेशजी इस समय सभी साझेदारियों में अतिरिक्त सावधानी बरतने का सुझाव देते हैं।
- करियर: व्यावसायिक साझेदारी में सावधानी बरतनी चाहिए। अनुबंधों और समझौतों को अंतिम रूप देने से पहले उनकी गहन जांच की आवश्यकता होती है।
- रिश्ते: वैवाहिक और रोमांटिक रिश्तों में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। ग़लतफ़हमी को रोकने के लिए खुला संवाद बनाए रखना ज़रूरी है।
- स्वास्थ्य: भावनात्मक बोझ के कारण तनाव का स्तर बढ़ सकता है। विश्राम तकनीकों में संलग्न होना लाभदायक होगा।
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तुला राशि (Tula Rashi) – कड़ी मेहनत और विलंबित सफलता
शनि के आपके छठे भाव में गोचर के कारण, आपको इच्छित परिणाम प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
सामान्य दृष्टिकोण: इस चरण में अनुशासन और दृढ़ता की आवश्यकता है। विरोधियों और प्रतिद्वंद्वियों पर विजय संभव है, लेकिन केवल निरंतर कड़ी मेहनत से।
गणेशजी दृढ़ निश्चयी बने रहने की सलाह देते हैं, क्योंकि कड़ी मेहनत का फल मिलेगा, लेकिन इसमें अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है।
- करियर: कड़ी मेहनत से परिणाम मिलेंगे, हालांकि देरी से। कार्यस्थल पर प्रतियोगिता बढ़ सकती है, जिसके लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होगी।
- रिश्ते: मित्रता या सहकर्मियों के साथ छोटे-मोटे मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। कूटनीति और धैर्य से सामंजस्य बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- स्वास्थ्य: पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं फिर से उभर सकती हैं। खान-पान और व्यायाम पर ध्यान दें।
वृश्चिक राशि (Vrishchika Rashi) – शिक्षा और प्रेम जीवन में चुनौतियाँ
अगर शनि आपके पांचवे भाव में है, तो छात्रों, कलाकारों और प्रेम संबंधों में रहने वाले लोगों को कुछ मुश्किलें आ सकती हैं।
सामान्य दृष्टिकोण: यह समय शिक्षा, प्रेम संबंधों और आर्थिक निवेश में धीमी प्रगति ला सकता है।
गणेशजी कहते हैं कि इन क्षेत्रों में धैर्य और लगातार प्रयास करना ही सफलता की कुंजी है।
- करियर: नौकरी में तरक्की या प्रमोशन देर से मिल सकता है। व्यापारियों को जोखिम भरे निवेश से बचना चाहिए।
- रिश्ते: प्रेम संबंधों में चुनौतियाँ आ सकती हैं। साफ और खुलकर बात करना जरूरी है।
- स्वास्थ्य: मानसिक तनाव या पेट से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।
धनु राशि (Dhanu Rashi) – ढैय्या की शुरुआत: घर और परिवार से जुड़े मामलों में चुनौतियाँ।
शनि आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश करेगा, जिससे घरेलू जीवन और भावनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
सामान्य दृष्टिकोण: पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं। संपत्ति से जुड़े मामलों में सावधानी बरतें।
गणेशजी चेतावनी देते हैं कि यह समय भावनात्मक चुनौतियाँ ला सकता है, खासकर पारिवारिक संबंधों में।
- करियर: काम का तनाव बढ़ सकता है या नौकरी में बदलाव हो सकता है। शांत और संतुलित रहें।
- रिश्ते: परिवार में दूरियां या गलतफहमियाँ हो सकती हैं। माता-पिता का ज्यादा ध्यान रखें।
- स्वास्थ्य: सीने से जुड़ी समस्याएँ, चिंता या बेचैनी हो सकती है।
मकर राशि (Makar Rashi) – साहस और मेहनत में वृद्धि
शनि आपके तीसरे भाव में आएगा, जिससे कुछ चुनौतियाँ और नए मौके मिल सकते हैं।
सामान्य दृष्टिकोण: यह समय मेहनत, हिम्मत और धैर्य से भरा रहेगा। छोटी यात्राएँ लाभदायक हो सकती हैं।
गणेशजी कहते हैं कि यह समय आत्म-विकास के लिए साहसिक कदम उठाने का है, खासकर बातचीत में।
- करियर: मेहनत का फल मिलेगा, लेकिन धीरे-धीरे। व्यापार से जुड़े मामलों मे फायदा हो सकता हैं।
- रिश्ते: भाई-बहनों के बीच के संबंध मजबूत हो सकते हैं। सही तरीके से बातचीत करना जरूरी है।
- स्वास्थ्य: जरूरत से ज्यादा मेहनत न करें। नियमित दिनचर्या बनाए रखना जरूरी है।
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कुंभ राशि (Kumbha Rashi) – धन संबंधी उतार-चढ़ाव और परिवार में तनाव।
शनि आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेगा, जिससे धन और पारिवारिक मामलों पर असर पड़ेगा।
सामान्य दृष्टिकोण: इस समय पैसे का सही इस्तेमाल जरूरी है। फालतू खर्च और निवेश से बचें।
गणेशजी सलाह देते हैं कि इस गोचर के दौरान परिवार और पैसों से जुड़े मामलों में सावधानी बरतें।
- करियर: आमदनी में बदलाव या नौकरी में बदलाव हो सकता है। पैसे सोच-समझकर खर्च करें।
- रिश्ते: परिवार में विवाद हो सकते हैं। गलतफहमियों से बचने के लिए सोच-समझकर बोलें।
- स्वास्थ्य: आंखों से जुड़ी समस्याएं या तनाव से होने वाली बीमारियां हो सकती हैं।
मीन राशि (Meen Rashi) – खुद को समझने का समय और नई जिम्मेदारियाँ।
शनि के पहले भाव में आने से आपकी जिंदगी और करियर में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
सामान्य दृष्टिकोण: यह गोचर खुद को समझने, जिम्मेदारियाँ बढ़ने और जिंदगी में कुछ चुनौतियाँ लाने वाला होगा।
गणेशजी कहते हैं कि आने वाले बदलावों को खुद को बेहतर बनाने का मौका समझें।
- करियर: करियर में बढ़त धीमी लेकिन स्थिर रहेगी। जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें।
- रिश्ते: भावनाओं में उतार-चढ़ाव से रिश्तों में दूरियां आ सकती हैं। संतुलन बनाए रखें।
- स्वास्थ्य: मानसिक थकान, तनाव या नींद से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।
शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय
गणेशजी सलाह देते हैं कि शनि गोचर 2025 के दौरान इसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए ये उपाय करें:
● हर दिन शनि मंत्र का जाप करें, जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नमः” 108 बार।
● शनिवार को दान करें – ज़रूरतमंदों को काले तिल, सरसों का तेल या काले कपड़े दान करें।
● शनिवार का उपवास रखें और भगवान शनि देव की पूजा करें।
● शनिवार को हनुमान या शनि मंदिर जाएं और आशीर्वाद प्राप्त करें।
● कौवों और आवारा कुत्तों को भोजन कराएं ताकि शनि के अशुभ प्रभाव कम हों।
● रुद्राभिषेक करें या नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें
● नीलम (Blue Sapphire) रत्न धारण करें, लेकिन पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें।
अंतिम विचार
शनि गोचर 2025 हर राशि के लिए अलग-अलग चुनौतियाँ और सीख लेकर आएगा। कुछ राशियों को करियर में सफलता मिलेगी, जबकि कुछ को आर्थिक या निजी जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। इस समय धैर्य, अनुशासन और आध्यात्मिकता को बनाए रखना सबसे जरूरी होगा।
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गणेशजी की कृपा से,
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