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नक्षत्र – मूल

नक्षत्र – मूल

 

रंगः बादामी पीला
भाग्यशाली अक्षरः य और ब

मूल का मतलब होता है जड़ | या तो बंधा हुआ या शाखित | इसके देवता निवृत्ती है, जिसका अर्थ है आपदा | इसे अललक्ष्मी के रुप में भी जाना जाता हैं | जो धन की देवी लक्ष्मी के विपरीत होती हैं | निवृत्ती सारी भौतिक सामग्री और धन आदि से वंचित करती है या छीन लेती हैं | इसे शांत किया जा सकता हैं पीपल के पेड़ पर प्रसाद चढ़ा कर क्योंकि ये वहां रहती हैं | मूल नक्षत्र में जन्में लोगों का एक आकर्षक स्वरूप होता हैं | और ये तेज चलने वाले होते हैं |जब मूल नक्षत्र में चंद्रमा आ जाता हैं तो लोग अभिमानी, खुश, संवेदनशील और हानिरहित होते हैं | ये अपने विचारों पर दृढ़ होते हैं और अपने सिद्धांतों पर जीते हैं | इनका आम तौर पर दोस्तों का एक बड़ा मंडल होता है, और ये आराम दायक जिन्दगी जीना पसंद करते हैं | ये कुशल और निपुण व्यक्ति होने के साथ साथ उत्कृष्ट वक्ता भी होते हैं | जड़ जीवन की नींव, सार, नाभिक और शुरुआत को प्रदर्शित करती हैं | जड़ें सूक्ष्म और अनदेखी आयाम में बढ़ने की क्षमता रखती हैं उसी तरह से ये बातों की तह तक जाते हैं, खोज या वैज्ञानिक जांच के क्षेत्रों में या भावनाओं की तह तक पंहुचते हैं | जिस तरह से जड़ अन्दर की ओर बढ़ता हैं अत: मूल जातक अध्यात्मिकता की ओर बढ़ते हैं |जड़ का मतलब संयम या सीमा हो सकता है | निवृत्ती दुख की देवी होती हैं और यह नुकसान या विश्वासघात करा सकती हैं | यदि मूल नक्षत्र में प्रेम का ग्रह आये तो प्रेम संबंधों की बर्बादी होती हैं और दुख मिलता हैं | मूल नुकसान या उलटने का प्रतीक है, यह माना जाता है कि इस नक्षत्र के समय में पैसे उधार लेना या देना नहीं चाहिये यह अशुभ होता हैं |इन्हे अपने पैर, और बुढ़ापे में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में सावधानी रखना चाहिए |ये डॉक्टर या उपचारक हो सकते हैं, क्योंकि जड़ का औषिधी के रूप में उपयोग किया जाता हैं |ये वकील, न्यायाधीश, जांचकर्ता, अध्यात्मिक, और राजनेता हो सकते हैं |

गणेशजी के आशीर्वाद सहित
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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