सोमवार का स्वामी ग्रह – चंद्रमा
देवता – भगवान शिव
दिन का रंग – सफेद एवं हलका नीला
संख्या प्रतिनिधित्व – 2
दिशा – उत्तर पूर्व
रत्न – मोती
कहा जाता है कि सूर्य क्रिया करता है तो चंद्रमा प्रतिक्रिया देता है।
ज्योतिष में चंद्रमा, शशि या सोमा सूर्य के बाद दूसरा ज्योति नक्षत्र है। यह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है। यदि सौर मंडल में सूर्य राजा है तो चंद्रमा रानी के रूप में प्रसिद्ध है। चंद्रमा मन, जज्बातों एवं भावनाआें का प्रतीक है। चंद्रमा हमारे व्यक्तित्व से संबंधित लक्षणों और विशेषताओं का निर्धारण करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चंद्रमा संवेदनशील, शांतिप्रिय, शांत, सुखी, देखभाल करने वाला, स्नेही, सुंदर होने के बाजवूद कुछ मामलों को लेकर अस्पष्ट एवं उलझन में रहने वाला है। चंद्रमा राशिचक्र की चौथी राशि का स्वामी है एवं वृषभ में यह उच्च का होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रमा की 27 पत्नियां हैं, जिनको 27 नक्षत्रों के रूप में भी जाना जाता है।
हम आस पास के लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं। सामान्य परिस्थितियों में हमारी प्रतिक्रिया एवं जीवन में होने वाली घटनाआें के बीच हमारा बर्ताव, हमारी भावनाएं, व्यक्तिगत इच्छाएं, हमारी अभिलाषाएं, गंभीरता, मस्तिष्क संरचना, एवं मस्तिष्क से जुड़े विविध पहलु चंद्रमा के नियंत्रण में होते हैं। इसलिए जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अति महत्वपूर्ण हो जाती है।
इसके अलावा कहा जाता है कि चंद्रमा आंतरिक और बाहरी दुनिया के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। चंद्रमा भीतरी विचारों, भावों, ख्यालों, कल्पनाआें को बाहरी जगत तक संप्रेषित करने में मदद करता है। अभिनेता, कलाकार या लेखक चंद्रमा की मदद के बिना अपने विचारों या प्रतिभा को अच्छे तरीके से अभिव्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। उसी तरह,साधारण मानव उचित सोच और मानसिक मूल्यांकन के बिना किसी भी परिस्थिति या वस्तु के संदर्भ में निर्णय नहीं ले पाएगा।
आम तौर पर, ज्योतिष में चंद्रमा माता एवं मां पक्ष के रिश्तों, ममता, बचपन, दूध, सफेद वस्तुआें, मोती, चांदी एवं इससे बनी वस्तुआें, वस्त्र और परिधानों, चेहरे की चमक एवं सुंदरता, नर्सों और रखवालों, अदाकारों, महिला संबंधित मामलों, अस्पताल, पानी, तरल पदार्थ, समुद्रों और महासागरों का प्रतिनिधित्व करता है।
चंद्रमा को अति उच्च लाभकारी ग्रह माना जाता है क्योंकि चंद्रमा प्रचुर स्मृद्धि, मानसिक शांति, मस्तिष्कीय शक्ति, वैभवपूर्ण एवं आरामदेह जीवन, स्वादष्टि भोज, दोस्तों एवं परिवार से सहायता दिलाने में मदद करता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा सही जगह स्थित है।
चंद्रमा हर राशि के बीच से गुजरने के लिए ढ़ार्इ दिन का समय लेता है। यह बहुत तेज गति से पारगमन करने वाला ग्रह है एवं राशि चक्र का पूर्ण चक्कर लगभग 30 दिनों में पूरा कर लेता है। चंद्रमा का पूर्णिमा की तरफ बढ़ना शुक्ल पक्ष कहलाता है एवं अमावस्या की तरफ बढ़ने को कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है। चंद्रमा के पारगमन से चंद्रमा कैलेंडर का निर्धारण होता है, जो हम को तिथियां एवं नक्षत्रों से अवगत करवाता है।
भगवान शिव चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
चंद्रमा से सशक्त मस्तिष्क एवं खुशहाल जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गणेशजी आपके लिए कुछ उपाय लेकर आएंगे, जिनका अनुसरण करने से आप जीवन को पहले से अधिक सरल एवं सुगम बना पाएंगे।
आप प्रत्येक सोमवार को शिव की पूजा करें। इसके लिए आप महामृत्युञ्जय मन्त्र एवं शिव पंचाक्षरी मंत्र (ओम नम:शिवाय) का जाप करें।
इसके अलावा आप 108 बार ओम सोम सोमाय नमः का जाप करें।
हर सोमवार सुबह किसी भी शिव मंदिर में जाकर दूध, पानी एवं बेलपत्र आदि अर्पित कर सकते हैं।
कभी कभार जरूरतमंद लोगों को चांदी, चांदी की वस्तुएं या सफेद धातु के बर्तन दान करें।
शिव मंदिर के बाहर बैठे गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को सफेद वस्तुएं या कपड़े दान करें।
दयालु बनें एवं महिलाआें की मदद के लिए तैयार रहें।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम