ज्योतिषशास्त्र में बुध- कम्युनिकेशन, बुद्धि, रिसर्च, व्यापार, वाणिज्य, करार के दस्तावेज जैसे कार्यों, प्रकाशन, लेखन, कॉन्ट्रैक्ट्स, वसीयत संबंधित कागजात, चेतना तंत्र और ज्ञान तंतुओं के लिए कारक ग्रह माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में होता है उसके गोचरवश भ्रमण करने से यदि वो वक्री हो जाए तो बेहतर फल प्रदान करने वाला कहा जाता है। हाल में गोचर के बुध के वक्री होने से राशि के अनुसार कौन से शुभाशुभ परिणाम मिलने वाले हैं, यहां इसे दर्शाया जा रहा है।
बुध के वक्री और मार्गी होने का समय
तारीख 10-4-2017के दिन प्रातः 4.43बजे से वक्री
तारीख 03-5-2017के दिन रात्रि 10.02 बजे से मार्गी
बुध मेष राशि और अश्विन नक्षत्र में है यानी यह केतु के नक्षत्र में वक्री है।
हर एक राशि पर बुध के वक्री होने का असर
मेष- पहले स्थान में वक्री बुध
मेष राशि चर स्वभाव वाली जोशीली राशि है और इसकी कुंडली में बुध तृतीयेश और षष्ठेश बनता है। बुध के वक्री होने से मेष राशि के जो जातक व्यापार-वाणिज्य से जुड़े हैं उनको अशुभ फल मिलेगा। आपके धंधे-व्यापार में मंदी की लहर आ सकती है। मेष चर राशि है इसलिए, जातक खूब तेजी से काम करने वाले होते हैं। कुंडली में बुध के खराब स्थिति में होने और वक्री होने से कम्युनिकेशन में बाधा आ सकती है। आपके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा सकता है। यहां तक कि आर्थिक व्यवहारों में भी परेशानियां आ सकती है। धैर्य की कमी से बात-बात पर गुस्सा हो सकते हैं। हर चीज के प्रति बेबाक राय रखेंगे। व्यापारिक संबंधों में तनाव के आसार बहुत बढ़ जाएंगे। इस अवधि में बुध की सातवीं दृष्टि जीवन साथी के स्थान पर पड़ने से प्रेम संबंधों की संभावना बढ़ जाएगी। जीवनसाथी के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। मन में शीघ्रता से विचार आते रहने से निर्णय लेते समय सावधानी बरतनी आवश्यक रहेगी।
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वृषभ- बारहवें स्थान में वक्री बुध
आपके व्यय स्थान यानी बारहवें स्थान पर वक्री बुध का गोचर चलने से आपको कम्युनेकशन के साधनों पर अधिक व्यय करना पड़ सकता है। इस समय आपकी सोच में बुराईयां आने की संभावना है। लोगों के साथ बातचीत के वक्त आपकी बातों का गलत मतलब निकलने से गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई में एकाग्रता और समझशक्ति का अभाव दिखाई दे सकता है। खासकर कि वरिष्ठ अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों के साथ चर्चा या कम्युनिकेशन में संयम रखिए। सेल्स एवं मार्केटिंग, शिक्षण और कंसल्टिंग जैसे वाणी प्रधान क्षेत्रों में जातकों को अपनी जबान पर लगाम रखने की जरूरत होगी।
मिथुन- ग्यारहवें स्थान में वक्री बुध
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में बुध के लाभ स्थान में वक्री होने से काफी अच्छा फल मिलेगा। बुध आपकी राशि का मालिक होकर अभी लाभ स्थान पर है। इसके यहां होने से आपको मित्रों की ओर से समर्थन मिलेगा। वरिष्ठ लोगों की ओर से मार्गदर्शन मिलेगा। स्वास्थ्य में सुधार की भी संभावना रहेगी। बुध से संबंधित मामलों में आपको मित्रों की ओर से लाभ मिलने की गुंजाइश है। विद्यार्थियों की पढ़ने में रूचि जागृत होगी। प्रेम संबंधों के पनपने के भी संकेत हैं। हालांकि, प्रेमस संबंधों में आपको अपने अहं भाव को अंकुश में रखना पड़ेगा। संतान के इच्छुक जातकों को इस समय अवरोध का सामना करना पड़ सकता है। प्रयासों में निष्फलता मिलने का भी भय रहेगा। गर्भवती महिलाओं को भी इस समय विशेष सावधानी बरतने का परामर्श दिया जाता है।
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कर्क- दसवें स्थान में वक्री बुध
कर्क राशि के जातकों के कर्म स्थान में बुध के वक्री होने से कामकाज से जुड़े सवाल उठ सकते हैं। कामकाज की गतिविधियां बढ़ेंगी। कर्म स्थान पर बुध के वक्री होने से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दलीलबाजी की आशंका बढ़ जाएगी। खासकर कि पत्रकारिता, शिक्षण, बैंकिंग, फाइनेंस, दलाली, सरकारी विभागों में आंकड़ों से जुड़े कामकाज, कानूनी सलाह आदि के कार्यों में अधिक सचेत रहना होगा। वाणी की बहुलता वाले क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वालों की ओर से एेसी कोई विवादास्पद टिप्पणी नहीं आनी चाहिए जिससे कि सामने वाले व्यक्ति तक उसका गलत संदेश पहुंचे। फालतू के खर्चों में नहीं पड़ने की सलाह है। बुध की सातवीं दृष्टि सुख स्थान पर पड़ने से आपको पारिवारिक सुख के मामले में शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।
सिंह- नौवें स्थान में वक्री बुध
सिंह राशि के जातकों के भाग्य स्थान पर वक्री बुध के गोचर होने से शुभ फल प्रदायक समय रहेगा। भाग्यवृद्धि होगी। भाई-बंधुओं का सहयोग प्राप्त होगा। अधिकार प्राप्त लोगों से आपके रिश्तें प्रगाढ़ होंगे। पिता, गुरू अथवा अधिकारियों की ओर से कोई भेट मिलने की संभावना है। उच्च डिग्री के लिए विदेश जाने के आसार बनेंगे। प्रोफेशनल कारणों से मिटिंग्स या नया करार करने के लिए किसी लंबी मुसाफिरी के अवसर आएंगे। हालांकि, किसी भी प्रकार के भागीदारी का करार करते समय सावधानी बरतें। दूसरों की बातों में नहीं फंसे, अन्यथा आपकी पीठ पीछे चल रहे षड़यंत्रों की वजह से आप किसी प्रकार की अनजानी मुसीबत के शिकार बन सकते हैं। व्यवसायिक कारणों से खर्चें बढ़ते नजर आते हैं।
कन्या- आठवें स्थान में वक्री बुध
कन्या राशि में बुध के अष्टम भाव में वक्री होने से जातक को शुभाशुभ परिणाम प्राप्त होंगे। जो लोग गूढ़ रहस्यों, रिसर्च, आध्यात्मिक ज्ञान, कर्मकांड और ज्योतिष विद्या इत्यादि में रूचि रखते हैं उनके लिए इस दिशा में उच्च कोटि का ज्ञान अर्जित करने के लिए बेहतर समय कहा जा सकता है। हालांकि, सामान्य पढ़ाई से जुड़े जातकों की समझशक्ति और याददाश्त शक्ति में गिरावट दिखाई देने की संभावना है। साथ-साथ कन्या राशि का स्वामी बुध स्वयं की राशि से अष्टम स्थान में होने से सेहत के प्रति सावधानी रखनी होगी। आर्थिक व्यवहारों में आपकी उतावली के चलते किसी बड़े नुकसान की चपेट में आने का अंदेशा दिखाई देता है। ससुराल पक्ष के साथ आपके संपर्क बढ़ेंगे, पर बोलते समय मर्यादा का ख्याल रखना जरूरी रहेगा।
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तुला-सातवें स्थान में वक्री बुध
तुला राशि के संदर्भ में बुध के वक्री होने से जातक को शुभ फल मिलेगा। प्रणय संबंध की संभावना बलवती होगी। शादीशुदा जीवन में साथी के साथ कहीं घूमने जाने का कार्यक्रम बन सकता है। एकांत के पल होंगे और आपके बीच निकटता और अधिक बढ़ेंगी। हालांकि, कामेच्छाएं मध्यम रहेंगी। विदेशी व्यापार बढ़ेंगा। सुदूर व्यापार में भागीदारी के कार्य शुभ फल लेकर आएंगे। प्रोफेशनल मोर्चे की बात करें तो भागीदारी या व्यापारिक संपर्कों में आप अपनी बुद्धिमता से आगे आएंगे।
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वृश्चिक- छठें स्थान में वक्री बुध
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनकी कुंडली के छठें भाव यानी कि रोग स्थान में से भ्रमण करेगा। बुध भ्रमण के चलते इस राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना पड़ेगा। खासकर कि पाचन तंत्र, छोटी आंत और बड़ी आंत के ऊपर के भाग, किडनी और अपेंडिक्स के मरीजों को काफी अधिक ध्यान रखना चाहिए। छठां स्थान नौकरी के लिए भी देखा जाता है। नौकरी में अपने सीनियर लोगों के साथ अधिक बहस करने से आप बेवजह किसी मुसीबत में फंस सकते हैं। अगर आपकी किसी प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा चल रही है तो आप केवल अपनी बात को ही मनवाने में जोर मत दीजिए, बल्कि दूसरों के विचारों का भी आदर करें। किसी भी काम की प्लानिंग करते समय सोच विचारकर ही लक्ष्य बनाएं। बुधे केतु के नक्षत्र में वक्री रहेगा। रोग स्थान पर बुध की वक्री चाल के समय आपको त्वचा रोग होने की आशंका रहेगी।
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धनु- पंचम स्थान में वक्री बुध
विद्यार्थी जातक इस कालावधि में बड़ी ही लगन व रूचि के साथ पढ़ाई में आगे बढ़ेंगे। अपने श्रेष्ठ प्रदर्शनों से लोगों की वाहवाही मिलेगी। प्रेमी जोड़ों के लिए यह एक शुभ समय कहा जाएगा और उनके बीच परस्पर विश्वास भी बढ़ेंगा। हालांकि, आपको इस दौरान संबंधों में आगे बढ़ने के लिए बहुत शीघ्रता नहीं दिखानी चाहिए। आपके बीच अहम को लेकर टकराव पैदा नहीं होने पाए इसका ख्याल रखें।
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मकर- चौथे स्थान में वक्री बुध
मकर राशि के जातकों की दृष्टि से बुध उनके चौथे भाव यानी सुख स्थान पर अपनी वक्री चाल में रहेगा। इसके गोचर के समय आपको अच्छा फल मिलेगा। अपने एेशो-आरारम और सुख-सुविधा के लिए नयी-नयी चीजों की खरीदी करने की संभावना है। खासकर कि वाहन, स्थायी संपत्तियों और इलेक्टोनिक की चीजों की खरीद करेंगे। संपत्ति से संबंधित मुद्दों के हल होने की संभावना है। माता का सुख मिलेगा। हाल में आप घर-परिवार के किसी बुजुर्ग व्यक्ति के साथ बैठकर कोई महत्वपूर्ण चर्चा कर सकते हैं। अपनी बात पर ही टिके रहने की वजह से आपके बीच की बातचीत तीखी बहसबाजी का विकराल रूप ले सकती है,अतः संयम रखें।
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कुंभ- तीसरे स्थान में वक्री बुध
आपकी राशि से तीसरे स्थान यानी कि पराक्रम स्थान पर बुध वक्री चल रहा है। भाई-बंधुओं के साथ आपके संबंध अच्छे रहने से रिश्तों में सद्भाव बना रहेगा। कम्युनिकेशन से संबंधित चीजों को घर पर लाएंगे। भाग्य स्थान पर बुध की शुभ दृष्टि पड़ने से आपका भाग्य चमक उठ सकता है। इस अवधि में आपकी मित्र मंडली में से ही किसी एक विपरीत लिंगी जातक के साथ आपकी करीबियां बढ़ सकती हैं। इस समय आप प्रोफेशनल मोर्चे पर कोई नई शुरूआत करते समय अथवा कोई नया साहस करते समय काफी ज्यादा समय फैसले लेने पर लगाने की आशंका है। इससे आपके हाथ में आने वाला अवसर भी हाथ से फिसल जाने की संभावना है।
मीन-दूसरे स्थान में वक्री बुध
मीन राशि की कुंडली को ध्यान में रखते हुए बुध लग्न से दूसरे स्थान अर्थात धन व कुटुंब स्थान में वक्री रहेगा । इसकी विपरीत चाल से काफी समय से अटके पैसे अब प्राप्त हो सकते हैं। घरेलू मामले समाधान की स्थिति पर पहुंच सकते हैं। मकान से संबंधित मामलों में आर्थिक लेन-देन की संभावना है। लोन के कार्यों में सफलता मिलेगी। सेल्स, मार्केटिंग, बीमा एजेंसी और दलाली से जुड़े कार्यों में जातक अपनी वाणी के प्रभाव से प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, जातकों को आर्थिक व्यवहारों और कम्युनिकेशन में स्पष्टता और सावधानी रखनी होगी।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
जैमिन व्यास
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