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वृश्चिक राशि के दूसरे भाव में मंगल, गुरू और केतु का समायोजन आपको ऐसे करेगा प्रभावित

वृश्चिक राशि के दूसरे भाव में मंगल, गुरू और केतु का समायोजन आपको ऐसे करेगा प्रभावित

08 फरवरी 2020 से 22 मार्च 2020 तक हमारे सौरमंडल में कुछ विशेष घटनाओं के योग बनते दिख रहे है। इस समयावधि के दौरान गुरू, मंगल और केतु एक ही राशि में या एक भाव में एकत्र होने वाले है। सौरमंडल में बिरले बनने वाली ग्रहों की इस स्थिति को वैदिक ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी माना गया है। क्योंकि इस दौरान सभी ग्रहों का प्रभाव मिश्रित होकर एक शक्तिशाली ऊर्जा के माध्यम से प्राणी मात्र पर असर डालता है। इस खगोलीय घटना का असर व्यापक होकर ना सिर्फ प्राणियों तक सीमित रहता है, अपितु उनसे जुड़े प्रत्येक साधन पर इसका असर दिखाई देता है। साधारण जन-मानस पर इसके प्रभावों का सटीक आंकलन करने के लिए यह जानना जरूरी होता है कि इस महायुति या महासंयोजन का निर्माण उनकी कुंडली के किस भाव में और किस राशि में हो रहा है।

गणेशास्पीक्स के अनुभवी ज्योतिषीयों की टीम ने 8 फरवरी से शुरू हो रहे गुरू, मंगल, और केतु के धनु में संयोजन का राशिचक्र की सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्यन किया है। फिलहाल हम चंद्र राशि वृश्चिक कुंडली पर इसके प्रभावों का आंकलन करने वाले है। जल तत्व राशि वृश्चिक ब्राह्मण वर्ण की स्त्री संज्ञक, बहुपाद रात्रि बलि, दीर्घ, शीर्षोदय, सम, फलद्रुप राशि है। वृश्चिक स्थिर स्वभाव राशि है और इसके स्वामी मंगल है। मंगल, गुरू और केतु का समायोजन वृश्चिक कुंडली के दूसरे भाव में होने वाला है। कुंडली का दूसरा भाव धन अथवा कुटुंब स्थान के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध जातक के जीवन में धन, चल-अचल संपत्ति, कुटुंब, वाणी, वंश, धन का संग्रह, लत, व्यापार, विरासत संपत्ति, लाभ-हानि और महत्वाकांक्षा से होता है।

करियर

वृश्चिक कुंडली के दूसरे भाव में तैयार हो रही मंगल, गुरू और केतु की महायुति वृश्चिक राशि जातकों के करियर के लिहाज से बेहद अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करते दिखाई देती है। इस दौरान आपके पास अपनी योजनाओं और नए विचारों को आगे बढ़ाने की ऊर्जा हो सकती है, आप अपने करियर के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले है। इस समयावधि में आपका पेशेवर दायरा अधिक बड़ा और व्यापक होने वाला है। इस दौरान कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा और मान सम्मान में वृद्धि होगी। इस अवधि में मिलने वाले लाभ को आप स्वप्रयासों के माध्यम से अधिक अनुकूल बना सकते है।

व्यापार-व्यवसाय

व्यापार व्यवसाय के लिहाज से मंगल, गुरू और केतु का संयोजन वृश्चिक राशि जातकों के लिए मिलेजुले परिणाम लेकर आने वाला है। इस दौरान आपको सावधानी से इस समय का लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। इस समयावधि में शेयर बाजार में सीमित निवेश लाभकारी हो सकता है, हालांकि सावधानी बरतने की भी सलाह है। इस दौरान व्यापार-व्यवसाय पर आपकी पकड़ और भी मजबूत होने वाली है। इस दौरान आसान और प्रभावी तकनीक का उपयोग आपको लाभांवित भी कर सकता है।

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प्रेम संबंध

मंगल, गुरू और केतु का संयोजन आपके प्रेम संबंध पर सार्थक प्रभावों की संभावना से इनकार नहीं करता, हालांकि इस दौरान रिश्तों के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह भी है। इस दौरान आपसी समझ में वृद्धि की संभावना दिखाई पड़ती है, लेकिन इसे उस स्तर पर पहुंचने में अभी लंबा समय है, जिस पर आप अपने रिश्ते को लेकर जाना चाहते है। इस तरह की परिस्थिति में इस दौरान आप हताशा या निराशा की भावना से ग्रस्त हो सकते है। इस दौरान अपने प्रेम संबंधों को अधिक सार्थक बनाने के लिए आपको अपने साथी के प्रति अधिक प्रेम और समर्पण दिखाते हुए उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

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निजी और वैवाहिक जीवन

वृश्चिक कुंडली के दूसरे भाव में मंगल, गुरू और केतु का समायोजन आपको निजी जीवन और घरेलू जीवन में अधिक सहज और सरल स्वभाव का धनी बनाने वाला है। इस दौरान आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने संवाद में अमूलचूल परिवर्तन देखेंगे। इस दौरान आपके विचार और संवाद निजी रिश्तों को बेहतर करने का काम करेंगे। इस समयावधि में आप पारिवारिक और समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले है, इसका लाभ आपके सामाजिक दायरे के विस्तार में दिखाई देगा। मंगल, गुरू और केतु के महासंयोजन के दौरान आपका सामाजिक दायरा अधिक प्रभावी और विस्तृत होने वाला है।

स्वास्थ्य

मंगल, गुरू और केतु के महासंयोजन के दौरान आपको स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी सचेत रहने की जरूरत है। इस दौरान आप छोटी-छोटी समस्याओं या बातों से परेशान हो सकते है, मानसिक तनाव आपको चिड़चिड़ा और मानसिक रूप से अस्थिर कर सकता है। इस संयोजन के दौरान आपको अपने मन को संतुलित रखते हुए, अपनी ऊर्जा का सही दिशा में सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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