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वृश्चिक राशि में जा रहे गुरु की जानिए आपकी राशि पर प्रभाव

जीव, अंगिरा, वाचस्पति, बृहस्पति, त्रिदिवेश और सद्गुरु जैसे नाम वाले ग्रह गुरु को सभी ग्रहों में प्रधान पद दिया गया है। गुरु एक महान ग्रह है। एक राशिचक्र को पूरा करने में इसे तेरह महीने लगते हैं। गुरु पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी है। इस साल 11 अक्टूबर को शाम 7.20 मिनट पर गुरु या ब्रहस्पति तुला राशि छोड़कर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। वृश्चिक गुरु के मित्र मंगल की राशि है। गुरु के इस राशि परिवर्तन का निम्न राशियों पर कुछ ऐसा प्रभाव होने वाला है।

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मेष राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु कुंडली के नौवें भाव (भाग्य स्थान) तथा बारहवें भाव (व्यय स्थान) का स्वामी होकर आठवें स्थान से भ्रमण करेगा। इस भ्रमण के असर से मेष जातकों की ताऱीख 11-10-2018 से 27-12-2018 तारीख तक धार्मिक यात्राएं होंगी। गुरु का गोचर भाग्यवृद्धि के लिए नए अवसरों का सृजन करेगा। छोटे साला-साली से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिलेगा। घर में धार्मिक/ शुभ प्रसंगों का आयोजन होगा। गुरु का यह परिवर्तन आपकी राशि पर सकारात्मक ही रहेगा। विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया जा सकता है।


वृषभ राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु, आठवें स्थान का स्वामी (लाभेश/ अष्टमेश) होकर सातवें स्थान से गुजरेगा। इन जातकों के तारीख 11-10-2018 से 27-12-2018 के दौरान वसीयत की संपत्तियों से जुड़े काम सफल होंगे। विदेश जाने का समय रहेगा। बड़े भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध रहेंगे। मित्रों से लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में आर्थिक रूप से बड़ा लाभ मिलने की संभावना है। लक्ष्मी-विष्णु मंदिर में समय-समय पर दान दें।


मिथुन राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु सातवें और दसवें स्थान का स्वामी होकर (सप्तमेश / कर्मेश) होकर छठे स्थान में से चलायमान होगा। मिथुन जातकों को तारीख 11-10-2018से 27-12-2018 के दौरान दांपत्य जीवन और निजी जीवन के संबंधों में घनिष्ठता आएगी। सार्वजनिक जीवन में सम्मान मिलेगा। भागीदारी के संबंधों में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में सत्ता मिलेगी। पिता के साथ अच्छी निभेगी। दिसंबर 2018 से मार्च 2019 और अप्रेल से अक्टूबर तक भगवान विष्णु की आराधना करें।


कर्क राशि के जातकों को वृश्चिक राशि का गुरु छठे और नवम स्थान का स्वामी ( छष्ठेश / भाग्येश) होकर त्रिकोण स्थान कहे जाने वाले पांचवें स्थान में गुजरेगा करेगा। उदार गुरु जातकों को तारीख 11-10-2018 से 27-12-2018 तारीख तक आपको निरोगी रखेगा। नौकर-चाकर का सुख मिलेगा। ननिहाल से लाभ होगा। शत्रु पर विजय प्राप्त करेंगे। कोर्ट-कचहरी के कामों और बैंक लोन से जुड़े कामों में सफलता मिलेगी। भाग्यवृद्धि के सुनहरे अवसर मिले। आपसे कम उम्र के साला-साली से शुभ समाचार मिलेंगे। घर में शुभ और धार्मिक काम होंगे। विद्यार्थियों को पुस्तक और पेन का दान दें।


सिंह राशि के जातकों को वृश्चिक राशि का गुरु पांचवें तथा आठवें स्थान का स्वामी ( पंचमेश/ अष्टमेश) होकर कुंडली के चौथे स्थान यानी सुख स्थान से भ्रमण करेगा। सिंह जातकों की दिनांक 11-10-2018 से 27-12-2018 तक विद्याभ्यास में प्रगति होगी। प्रेम संबंध में अनुकूलता रहेगी। संतान की ओर से संतोष व अानंद मिलेगा। शेयर-सट्टे में लाभ हो सकता है। खेलकूद में खिलाड़ियों को सफलता मिलेगी। पुश्तैनी संपत्तियों के कामों का निपटारा होगा। शारीरिक तन्दुरुस्ती अच्छी रहेगी। विदेशगमन होगा। अपने गुरु का सम्मान करें। वृद्ध व्यक्तियों का अपमान ना करें।


कन्या राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु आपकी कुंडली के चौथे और सातवें स्थान का स्वामी ( सुखेश/सप्तमेश) होकर तीसरे स्थान से भ्रमण करता है। कन्या राशि के जातकों को दिनांक 11-10-2018 से 27-12-2018 के दौरान चल-अचल संपत्ति से जुड़े कामों में सफलता मिलेगी। माता के साथ अच्छे संबंध रहेंगे। उच्च शिक्षा में प्रगति होगी। दांपत्य जीवन और व्यक्तिगत जीवन में निकटता और मिठास का वातावरण रहेगा। सार्वजनिक जीवन में सम्मान मिलेगा। भागीदारी के संबंधों में प्रगति होगी। माता-पिता के प्रतिदिन चरण स्पर्श करके दिन की शुरुआत करें।


तुला राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु तीसरे और छठे स्थान का स्वामी (तृतियेश / षष्ठेश) होकर कुंडली के दूसरे स्थान यानी धन भाव से भ्रमण करेगा। तुला राशि के लोगों की दिनांक11-10-2018 से 27-12-2018 के दौरान मैत्री संबंधों में प्रगति होगी। कम दूरी की यात्राएं होंगी। छोटे-भाई-बहनों के साथ तालमेल रहेगा। ननिहाल से लाभ होगा। नौकर-चाकर का सुख मिलेगा। शत्रुओं से विजय मिलेगी। शारीरिक तन्दुरुस्ती अच्छी रहेगी। कोर्ट-कचहरी / बैंक लोन से जुड़े कामों में सफलता मिलेगी। माता लक्ष्मी और पिता विष्णु की आराधना से लाभ मिलेगा। ब्राह्मणों को यथासंभव दान दें।


वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु दूसरे और पांचवें स्थान का स्वामी (धनेश/पंचमेश) होकर कुंडली के पहले स्थान कहे जाने वाले लग्न स्थान से गतिमान होता है। वृश्चिक राशि की 11-10-2018 से 27-12-2018 तारीख के दौरान पारिवारिक सुख बढ़ेंगे। आर्थिक उन्नति देखने को मिलेगी। प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी। विद्याभ्यास के लिए प्रगतिकारक समय है। शेयर-सट्टे से फायदा मिलेगा। स्पोर्ट्स के क्षेत्र में विजय मिलेगी। संतान की ओर से संतोष और आनंद मिलेगा। विद्यार्थियों को जरूरत का सामान दिलाएं।


धनु राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु पहले और चौथे स्थान का स्वामी (लग्नेश /सुखेश) होकर बारहवें स्थान में से भ्रमण करता है। धनु राशि के जातकों की दिनांक 11-10-2018 से 27-12-2018 तारीख के दौरान शारीरिक और मानसिक परिस्थिति मजबूत रहेगी। इस गुरु गोचर से चल-अचल संपत्ति के मामलों में सकारात्मक फल मिलेंगे। उच्च शिक्षा में जातक प्रगति करेगा। माता का स्वास्थ्य सुधरेगा और उनका स्नेह व आशीष मिलेगा। गरीबों को फल दें। पीले वस्त्र अपने से बड़ों को उपहार दें। भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेयस्कर होगा।


मकर राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु तीसरे और बारहवें स्थान का स्वामी होकर ग्यारहवें स्थान से भ्रमण करेगा। दिनांक11-10-2018 से 27-12-2018 के दौरान छोटे भाई-बहनों के साथ संबंधों में सुधार आएगा। नजदीकी यात्राएं संभव हैं। आपकी एक्टिविटीज और मैत्री संंबंधों में इजाफा होगा। लॉन्ग डिसटेंस ट्रैवल या धार्मिक मुसाफिरी हो सकती है। गुरु के अच्छे परिणामों के लिए भगवान विष्णु के मंदिर में गरुड़ के चिह्न वाली पीली या केसरिया ध्वजा फहराएं।


कुंभ राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु दूसरे और ग्यारहवें स्थान का स्वामी (धनेश / लाभेश) होकर दसवें स्थान से भ्रमण करता है। गुरु का पारगमन कुंभ लोगों के जीवन में दिनांक11-10-2018 से 27-12-2018 के दौरान पारिवारिक सुख बढ़ जाएगा। गुरु 10 वें घर से जब गुजरेगा तो आपके लिए आर्थिक क्षेत्र में प्रगति के क्षण होंगे। बड़े भाई-बहनों की प्रगति होगी। लोगों के साथ संपर्क होने से मित्रता प्रगाढ़ होगी। कार्यक्षेत्र में लाभ होगा। गुरु के और भी अच्छे परिणामों के लिए ब्राह्मणों और वेद पाठियों को यथासंभव उपहार दें।


मीन राशि के जातकों के लिए वृश्चिक राशि का गुरु कुंडली में दसवें स्थान का स्वामी (लग्नेश /कर्मेश) होकर नवम स्थान (भाग्य स्थान) से गोचर करेगा। मीन व्यक्तियों की दिनांक 11-10-2018 से 27-12-2018 के समय शारीरिक व मानसिक परिस्थिति अच्छी रहेगी। पिता के साथ अच्छे संबंध रहेंगे। कार्यक्षेत्र में सत्ता, नए ओहदे आदि मिलेंगे। सार्वजनिक जीवन में सम्मान मिलेगा। सामाजिक स्टेटस भी बढ़ेंगा। भगवान विष्णु की पूजा करना फायदेमंद होगा।

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गणेश जी के आशीर्वाद से,
आचार्य परीक्षित
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम


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