बीते दो साल पूरी दुनिया के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। कोरोना वायरस नाम का कहर लाखों लोगों और परिवारों को तबाह कर चुका है। बीते दिनों जब पूरे देश वैक्सीन को लेकर अभियान चलाया गया तो सभी को लगा कि अब इससे राहत मिल गई है। लेकिन अब कोरोना एक नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron)के रूप में सबको डरा रहा है। ओमिक्रॉन (Omicron) वायरस सबसे पहले नवंबर में साउथ अफ्रीका के गाउटेंग प्रांत की लैब में पाया गया। 24 नवंबर को इसकी पुष्टी भी की जा चुकी है। खबरों की मानें तो ऑमिक्रॉन (Omicron) ने सबसे पहले नीदरलैंड में 19 नवंबर को दस्तक दी थी। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस लंदन में पहले से ही मौजूद था, लेकिन इसको पहचाना बाद में जा पाया है। क्या Omicron कोरोना से भी ज्यादा विनाशकारी होगा? क्या यह कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो। कोण सी ग्रहदशा में शुरू हुआ था कोरोना और अब तक कौन से ग्रह कर रहे हैं Omicron को सपोर्ट।
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चार ग्रहों का मिलन Omicron को बना रहा है और खतरनाक !
ओमिक्रॉन (Omicron) के बारे में दुनिया को 24 नवंबर 2021 को पता चला। साउथ अफ्रीका की सरकार ने दुनिया को इसके बारे में बताया। उस दिन की कुंडली पर गौर करें तो 24 नवंबर को Omicron के बारे में पता लगने के समय सूर्य, केतु और बुध वृश्चिक राशि में साथ में थे। सूर्य आरोग्य का कारक ग्रह है। साउथ अफ्रीका ने जब इस वैरिएंट की जानकारी दुनिया को दी, उस समय सूर्य, केतु और बुध तीनों अनुराधा नक्षत्र में थे, जो शनि का नक्षत्र है। इन दिनों शनि और प्लूटो ,साथ में है। इन दोनों ग्रह की युति हमेशा महामारी के लिए जिम्मेदार रही है।
अभी Omicron दुनिया के लिए खतरा बना रहेगा, क्योंकि 4 दिसंबर 2021 को सूर्यग्रहण है। 5 दिसंबर से वृश्चिक राशि में मंगल की भी एंट्री होगी। 16 दिसंबर तक Omicron को लेकर ज्यादा ही सतर्कता की जरूरत है। 16 दिसंबर को सूर्य राशि बदल लेगा। इसके बावजूद मंगल और केतु साथ में बने रहेंगे, जो मिलकर अंगारक दोष बनाते हैं। व्यक्तिगत कुंडलियों में भी इस तरह के दोष व्यक्ति को बहुत नकारात्मकता से भर देते हैं। इस दोष के दुष्प्रभाव को मंगल-केतु अंगारक दोष पूजा के जरिए दूर किया जा सकता है। हालांकि 17 जनवरी को जब मंगल भी राशि बदलेगा, तब स्थितियां कुछ नियंत्रण में जरूर आएगी।
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Omicron पर नहीं काम कर पा रहा है वैक्सीन का कवच
कोरोना वायरस का नए वैरिएंट Omicron (B.1.1.529) वैक्सीनेशन या नेचुरल इन्फेक्शन से होने वाले प्रतिरोधक प्रक्रिया को बेअसर कर सकता है। Omicron में गले में खराश और कफ की शिकायत कोरोना की तरह ही बनी हुई है। दक्षिण अफ्रिका के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से अबतक ज्यादातर युवा ही प्रभावित हुए हैं। हालांकि यह डेल्टा वैरिएंट से थोड़ा अलग है क्योंकि पिछले वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति के स्वाद और सूंघने की क्षमता पर असर पड़ता था, लेकिन ओमिक्रॉन के मरीजों में इस प्रकार के लक्षण देखने को नहीं मिल रहे हैं।
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