ज्योतिष शास्त्र में, बुध (mercury) देवताओं का संदेशवाहक है। बुध ग्रह ज्योतिष के मुताबिक राशि चक्र में मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध सूर्य का निकटतम ग्रह है। भारतीय परंपरा में बुध ग्रह को बुद्धि का प्रदाता कहा गया है। बुध ग्रह के लक्षण की बात करें तो यह व्यक्ति में बुद्धि, विवेक, हाज़िरजवाबी और हास्य-विनोद का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक शुभ ग्रह है लेकिन कुछ स्थितियों में बुध अशुभ ग्रह में बदल सकता है। बुध कम्युनिकेशन का ग्रह है। यह व्यापार,वाणिज्य,कॉमर्स,व्यापार, खाते, बैंकिंग, मोबाइल, नेटवर्किंग, कंप्यूटर आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है। एक शक्तिशाली बुध आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक है। ताकतवर बुध वाले लोग तेज दिमाग के होने की वजह से उनके सोचने की शक्ति अच्छी होती है। लेकिन, इनकी एक समस्या यह होती है कि ये चिंता और अनिश्चितता से प्रभावित होते हैं।
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बुध ग्रह के प्रभाव
बुध एक दोहरी प्रकृति का ग्रह है। बुध ग्रह ज्योतिष में दो राशि चिह्न अर्थात् कन्या और मिथुन पर अपना नियंत्रण रखता है। हाथ, कान, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र, त्वचा आदि शरीर के अंग बुध से प्रभावित हैं। बुध तर्क को दर्शाता है। वे लोग जिनकी कुंडली में बुध एक मजबूत स्थिति में होता है वे समझदार, तर्क-वितर्क में कुशल और एक बेहद अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
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बुध से संबंधित व्यापार-व्यवसाय
बुध, टेलीफोन, टेलीग्राफ, ई मेल, कूरियर और अन्य प्रकार की पोस्ट से संबंधित कार्यों को भी नियंत्रित करता है। अच्छी तरह से मजबूत बुध लेखकों, ज्योतिषियों, न्यूज़ रिपोर्टरों, मीडिया व्यक्तियों, गणितज्ञों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, वकीलों, डीलरों, दलालों, व्यापारियों, आदि की कुंडलियों में देखा जाता है। इसी प्रकार, कई सफल कलाकार, मूर्तिकार और विक्रेताओंकी जन्म कुंडली में भी बुध की अच्छी स्थिति देखने को मिलती है।
बुध ग्रह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- सौर मंडल में बुध का स्थान: नौ ग्रहों में राजकुमार की पदवी प्राप्त
- बुध का दिन:
- दिशा: उत्तर
- बुध का रंग: हरा, हल्का हरा
- एक राशि में बुध का भ्रमण काल: एक महीने
- पूरे राशि चक्र में बुध का भ्रमण काल: 12 महीने
- प्रकृति: द्वंद्व, दोहरापन
- बुध नक्षत्र: आश्लेषा, ज्येष्ठ, रेवती
- मित्र ग्रह: सूर्य, शुक्र और राहु
- शत्रु ग्रह: चंद्रमा
- वे ग्रह जिनके साथ बुध का तटस्थ संबंध है: मंगल, शनि और बृहस्पति
- बुध की स्वराशि: मिथुन, कन्या राशि
- मूल त्रिकोण राशि: कन्या राशि
- बुध की उच्च राशि: कन्या राशि
- बुध की नीच राशि: मीन राशि
- बुध की मुख्य विशेषताएं: बुद्धिमत्ता, तर्क, भाषण और वाणी
- बुध का कारक भाव: दूसरा भाव
- धातु: सीसा
- बुध रत्न: हरा पन्ना
- विंशोत्तरी दशा अवधि: 17 वर्ष
- कुंडली में बुध की शुभ स्थिति दर्शाती है: बिजनेस माइंड, चतुराई, ज्ञान, दिमागी ताकत, अक्लमंदी,समझदारी, गणितीय प्रतिभा व कौशल
- बुध कमजोर होने के लक्षण: समझनेे में परेशानी, कम्युनिकेशन की समस्या, सुस्ती
- संबंधों का प्रतिनिधित्व: बहन, छोटे बच्चे
- संबंधित शरीर के अंग: त्वचा, तंत्रिका तंत्र
- बुध के रोग: त्वचा की समस्याएं, जुनून, चक्कर आना, वाणी विकार, सुध बुध खोना, समझने की शक्ति में कमी
- बुध ग्रह मंत्र: ऊँ बुं बुधाय नम:
- बुध मंत्र जप संख्या: 5,000 बार
- बुध ग्रह के उपाय हेतु दान: हरा कपड़ा, हरी सब्जियां, दालें, गाय के लिए हरी घास
- बुध ग्रह के देवता: बुध को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
उज्जवल रावल
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम
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