जब भी कोई ग्रह अपनी राशि बदलता है, तो उसका जीवन पर भी असर पड़ता है। जब हमारे जीवन में हो रहे परिवर्तनों की बात आती है, तो बहुत कम ऐसे कारण होते हैं, जो प्रमुख ज्योतिषीय पारगमन (major astrological events) के रूप में महत्वपूर्ण और अस्वीकार्य होते हैं। एक राशि से दूसरी राशि में जाने वाले ग्रह न केवल उस राशि के साथ मेलजोल बनाता है, बल्कि सभी 12 राशियों को प्रभावित करता है।
इसके बाद आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर ग्रहों के परिवर्तन (major astrological events) से हमारे जीवन पर कैसे और क्यों प्रभाव पड़ेगा। वैदिक ज्योतिष के पास इन ग्रहों की चाल और आपके जीवन में आने वाले परिवर्तनों को समझने के लिए सभी उत्तर हैं। जब कोई ग्रह किसी राशि में प्रवेश करता है, तो आपकी जन्म कुंडली, जो आपके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति से बनी होती है, भी प्रभावित होती है। आपके चार्ट में ये ग्रह गोचर ग्रह के साथ कैसे मेलजोल बढ़ाते हैं, यह आपको आपके आने वाले समय के बारे में बहुत कुछ बता सकता है। अपनी जन्म कुंडली या जन्मपत्री को समझने के लिए आप हमेशा हमारे ज्योतिषियों से बात कर सकते हैं।
2022 ग्रहों के परिभ्रमण और परिवर्तनों, चुनौतियों और आनंदमय समय से भरा हुआ है, इससे ग्रह चाल में कई तरह के बदलाव आने वाले हैं। मार्च और अप्रैल विशेष रूप से खगोलीय घटनाओं से भरे हुए हैं। आइए इसके बारे में संपूर्ण जानकारी जानने की कोशिश करते हैं…
शुक्र-शनि की युति- 28 मार्च
शुक्र ग्लैमर और विलासिता से जुड़ी हर चीज का ग्रह है, वहीं शनि को कर्म का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह एक सख्त शिक्षक है, जो आपके जीवन को सही रास्ते पर लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। वहीं शनि आपकी बेहतरी के लिए आपको कुछ कष्ट भी दे सकता है। लेकिन, आपने वह कहावत अवश्य सुनी होगी कि आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है। इसी तरह शनि द्वारा दिए गए कष्ट आपको जीवन की राह में मजबूती प्रदान करते हैं। तो, क्या शुक्र और शनि की यह घनिष्ठ युति आपकी बेहतरी के लिए विलासिता या कुछ कठिनाइयों का जीवन लाएगी? इसकी व्यक्तिगत भविष्यवाणियों के लिए हमारे विशेषज्ञों से परामर्श करके अभी पता करें।
मंगल-शनि की युति- 5 अप्रैल
शुक्र-शनि की युति के सप्ताहभर बाद, 5 अप्रैल, 2022 को एक और बड़ी युति होगी। इस बार मंगल शनि से युति करेगा। मंगल को एक उग्र, आक्रामक ग्रह माना जाता है, जिसका सीधा टकराव मजबूत ग्रह शनि से होगा। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, शनि कर्म और न्याय का ग्रह है। यह हमारे गुणों और नैतिकता का भी प्रतिनिधित्व करता है। जब ये दोनों ग्रह कुंभ राशि में एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं, तो कम से कम कहने के लिए यह दिलचस्प होने वाला है। इसका आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह जानने के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट मंगवाएं…
राहु-केतु का गोचर- 12 अप्रैल
मंगल और शुक्र के साथ शनि की दो युति के बाद नकारात्मक ग्रह राहु और केतु का समय है, जिन्हें छाया ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। यह दोनों ग्रह व्यक्ति के जीवन में कई कठिनाइयां लेकर लाते है। हालांकि, यह हमेशा सच नहीं होता है। सही स्थान के साथ, ये ग्रह व्यक्तियों का भी समर्थन करते हैं। यदि आप 12 अप्रैल से होने वाले राहु-केतु के प्रमुख गोचर को लेकर चिंतित हैं, तो आप हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से पूछ सकते हैं कि इन छाया ग्रहों के गोचर का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मीन राशि में बृहस्पति का गोचर – 13 अप्रैल
बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है, साथ ही इसे अन्य सभी ग्रहों का गुरु भी माना गया है। यह विकास, विस्तार, ज्ञान और शिक्षाओं का ग्रह है। यह विदेश यात्रा और शिक्षा से संबंधित ग्रह भी है। बृहस्पति अपने गोचर के साथ ज्यादातर शुभ समाचार लेकर आता है, लेकिन कई बार यह गलत घर में होने पर आपको अहंकारी और आलसी भी बना सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा, कि यह आपके जीवन में क्या लाता है। अपनी मुफ्त कुंडली प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें…
शनि का कुंभ राशि में गोचर – 29 अप्रैल
शुक्र और मंगल के साथ शनि की युति के बाद, यह वायु तत्व की राशि कुंभ राशि में चला जाएगा। वैदिक ज्योतिष में कुंभ राशि पर शनि ग्रह का शासन है। इसलिए हम कह सकते हैं कि शनि अपनी ही राशि में गोचर करेगा और इस गोचर का प्रभाव निश्चित रूप से तीव्र होगा। एक बार फिर, आपकी राशि के आधार पर, वे आपके लिए फायदेमंद या चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। शनि कुम्भ राशि में लम्बे समय तक रहेगा और इस वजह से इसका प्रभाव भी लंबे समय तक बना रह सकता है। जानना चाहते हैं कि यह गोचर आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को कैसे प्रभावित करेगा, अभी किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात करें।
शुक्र-बृहस्पति की युति – 30 अप्रैल
अब तक हमने इन दोनों ग्रहों की अन्य ग्रहों के साथ गोचर के संबंध में बातचीत की, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों ग्रहों के एक साथ होने से आपकी राशि में क्या प्रभाव पड़ने वाला है। आपको बता दें कि शुक्र और बृहस्पति दोनों ही लाभकारी ग्रह हैं, लेकिन यह युति आपकी राशि के किस भाव में होगी, इसके आधार पर यह आपके जीवन में अच्छी या बुरी चीजें ला सकता है। हालांकि, इससे आपको ज्यादा चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ज्योतिष विज्ञान में इसके दुष्प्रभाव से बचने के कई सारे तरीके हैं। अगर आप इसके नकारात्मक प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो अभी हमारे ज्योतिषीय विशेषज्ञों से बात करें…