27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस खास दिन बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन स्नानादि करने के बाद श्री गणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाते हुए धूप और दीप से आरती करते हुए उनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। गणेश जी की विभिन्न प्रकार की पूजा से कई तरह के ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है। बुध और राहु-केतु जैसे हानिकारक ग्रहों के दोष का निवारण भी गणेश पूजा के माध्यम से किया जा सकता है।
गणेश पूजा के लाभ
भगवान गणेश खुद शुभ-लाभ और रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। वे भक्तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष तथा दरिद्रता को दूर करते हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि श्री गणेश जी की विशेष पूजा का दिन बुधवार है। भगवान गणेश बुध ग्रह के अधिपति भी है। इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा से नवग्रह दोष से मुक्ति मिलती है और सभी मुश्किल और विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। भगवान गणेश के पूजन से सुख, वैभव, शांति और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।
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गणेश पूजा से बुध ग्रह की शांति
शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश की विशेष पूजा के लिए सबसे उपयुक्त दिन बुधवार है। मान्यताओं के अनुसार बुधवार को गणेश जी की पूजा और उपाय करने से हर समस्या का समाधान हो जाता है। हनुमान जी की तरह ही गणेश जी का श्रृंगार भी सिंदूर से ही किया जाता है, इससे साधक की समस्त समस्याएं दूर होती हैं। आइए आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताते है, जिन्हे अपनाकर आप अपनी कई परेशानियां दूर कर सकते है। यदि इन उपायों को बुधवार के दिन अथवा गणेशोत्सव के दौरान किया जाए तो शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
– बुधवार के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर भगवान श्री गणेश को दूर्वा की ग्यारह या इक्कीस गांठें अर्पित करें।
– किसी जरूरतमंद व्यक्ति को हरे मूंग का दान करें, हरे मूंग का संबंध बुध ग्रह से होता है, और इसके दान से बुध ग्रह के दोष शांत किए जा सकते हैं।
– यदि किसी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो उसे बुधवार के दिन गणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा अर्पित कर मोदक, लड्डू अथवा गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
– बुधवार के दिन धूप व दीप से भगवान गणेश की आरती करने से भी बुध के दोष से मुक्ति मिलती है।
– बुधवार के दिन इस मंत्र का जाप करें….
मंत्र -ऊं गं गणपतये नम: ।।
राहु और केतु का दोष का निवारण
बल बुद्धि और विवेक के देवता भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता है, वे धन, बुद्धि और ऐश्वर्य के भी स्वामी है। भगवान श्री गणेश का जन्म भी दो शरीर के मिलन से हुआ है। राहु-केतु की स्थिति इसके विपरीत नजर आती है, यहां एक शरीर के दो अंश है, इसीलिए भगवान गणेश की आराधना से राहु-केतु संतुष्ट होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश को चढ़ाई जाने वाली दुर्वा का संबंध राहु से माना गया है। ज्योतिष में इसे राहु की वनस्पति के तौर पर देखा जाता है। राहु दोष की शांति के लिए श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करना अच्छा रहता है। इन नामों के साथ दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करते रहें। केतु दोष शांत करने के लिए किसी जरूरतमंद को हरे मूंग का दान करें। वहीं भगवान गणेश के निर्माणाधीन मंदिर में यथासंभव दान करें। ज्योतिष में भगवान गणेश को बेहद भी शुभ और प्रभावी माना गया है, जातक कुछ सामान्य उपाय कर नव ग्रह दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
नवग्रह दोष शांति उपाय
1. सुबह के समय गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर घर से निकलें, इससे आपके कार्यों में आने वाल बाधा समाप्त होगी।
2. गणेश जी को दूर्वा और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी जी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाने से आर्थिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
3. दुकान या व्यवसाय स्थल के उद्घाटन के समय चांदी की एक कटोरी में धनिया डालकर उसमें चांदी के लक्ष्मी गणेश की मूर्ति रख दें, फिर इस कटोरी को पूर्व दिशा में स्थापित करें। दुकान खोलते ही इसकी पूजन करने से व्यवसाय में उन्नति होती है।
4. रोज नियम से भगवान गणेश की पूजा करें और उनके मंत्र ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जप करें, इससे सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी।
5. संकष्टी चतुर्थी के व्रत करने से चंद्रमा के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
6. गणेशजी के मंत्रों के जाप से शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति को भी राहत मिलती है।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम