महालक्ष्मी को प्रकाश, सुंदरता, अच्छे भाग्य एवं संपत्ति की देवी कहा जाता है। हिन्दु मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के सभी अवतारों की पत्नी के रूप में मां महालक्ष्मी ही आती हैं। इसलिए मां महालक्ष्मी प्रेम, सफलता, प्रगति एवं दया का प्रतिनिधित्व करती हैं। ताकत के स्रोत और छह उच्चतम दिव्य गुणों की स्वामी मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि आसानी से प्राप्त नहीं होती है। मां महालक्ष्मी की महाकृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्घाभाव, अटूट विश्वास एवं सही सोच का होना बहुत जरूरी है।
हिन्दु धर्म में प्रमुख तीन देवियों में से एक मां महालक्ष्मी हैं। उनको भृगु ऋषि की पुत्री के रूप में भी जाना जाता है एवं समुद्र मंथन के दौरान उनका पुनःजन्म हुआ था। देवी महालक्ष्मी के हिन्दु देवियों में सबसे अधिक स्वरूप वाली देवी हैं। सुंदर और प्रेरणादायक देवी महालक्ष्मी का हिंदू धर्म और संस्कृति के साथ अटूट रिश्ता है। महालक्ष्मी के अलग अलग रूपों को बहुत सारे पर्वों पर पूजा जाता है। इस पर्वों में दीपावली उत्सव भी शामिल है। देवी को १००८ नामों से जाना जाता है, जो अलग अलग गुणों एवं आशीर्वादों से जुड़े हुए हैं। आप अपनी राशि के अनुसार मां महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए प्रायोजन कर सकते हैं।
मेष राशि परिचय (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
मेष राशि जातकों को निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए, विशेषकर दीपावली के पवित्र पर्व के आस पास तो अनिवार्य रूप में। इससे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
ओम श्री लक्ष्मी देवायाय नमः
वृषभ राशि परिचय (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वृषभ जातकों को देवी मोहिनी स्वरूप का ध्यान करते हुए निम्न दिए मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद:प्रसीद:श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नम:॥
मिथुन राशि परिचय (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
मिथुन राशि जातकों को पदमाक्षी देवी की उपासना करनी चाहिए। साथ ही, लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करें ।
कर्क राशि परिचय (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क राशि जातकों को कमला देवी की उपासना करनी चाहिए। साथ ही, कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए।
सिंह राशि परिचय (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
सिंह राशि जातकों को लक्ष्मी देवी का क्रांतिमति देवी स्वरूप का ध्यान करना चाहिए एवं उनका मंत्र करना चाहिए।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
कन्या राशि परिचय (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
कन्या राशि जातकों को अपराजिता देवी का स्वरूप का ध्यान करना चाहिए एवं उसके लिए निम्न मंत्र करना चाहिए।
ॐ महालक्ष्मी च विदमहे, विष्णुपत्नी च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात।।
तुला राशि परिचय (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
तुला राशि जातकों को पदमावती देवी का स्वरूप का ध्यान करना चाहिए एवं निम्न दिए मंत्र का जाप करें।
ॐ महालक्ष्म्यै नम:॥
वृश्चिक राशि परिचय (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वृश्चिक राशि के जातकों को राधा देवी का स्वरूप को ध्यान करना चाहिए। श्री सुक्त का पाठ नियमित करें।
धनु राशि परिचय (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
धनु राशि के जातकों को विशालक्षी देवी के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए। कमल के बीज (कमल ककडी), शुद्घ घी एवं सुखा मेवे को मिश्रित कर हर एकादशी को लक्ष्मी होम करवाएं।
मकर राशि परिचय (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
मकर राशि जातकों को लक्ष्मी देवी के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए। हर रोज लक्ष्मी यंत्र एवं उनकी फोटो पर गुलाब, कमल एवं चंपा पुष्प माला अर्पित करनी चाहिए।
कुंभ राशि परिचय (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कुंभ राशि जातक के लिए रुकमणि देवी के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए। बिलवा वृक्ष के फल से लक्ष्मी होम करें।
मीन राशि परिचय (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
मीन राशि जातकों को विलक्ष्णा देवी के स्वरूप का पूजन करना चाहिए। स्फटिक श्री यंत्र की पूजा करनी चाहिए एवं उस पर रोज गुगल की धूप करें।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित
धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम