अन्नप्राशन शास्त्रों में वर्णित 16 महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। हर माता-पिता के लिए उनके बच्चे द्वारा की जाने वाली पहली गतिविधि काफी महत्वपूर्ण और यादगार होती है। चाहे वह उनका पहला कदम हो, पहली ध्वनि हो, पहला शब्द हो या पहला भोजन हो, वे सभी को याद रखते हैं और यादगार के तौर पर उसकी रिकार्डिंग भी करते हैं। पहले छह महीनों तक बच्चों को केवल मां का दूध या फॉर्मूला दूध ही मिलता है। बच्चे को उसका पहला आहार उसके जन्म नक्षत्र या राशि के आधार पर अच्छे मुहूर्त में ही दिया जाता है।
पहले भोजन को अन्नप्राशन के नाम से भी जाना जाता है, यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है भोजन खिलाना या खाना खाना। अन्नप्राशन बच्चे के जीवन में ठोस भोजन की शुरुआत का प्रतीक है। यह पहला भोजन है, जैसे जन्म के बाद बच्चे को पहली बार मां का दूध दिया जाता है, उसी तरह पहली बार अनाज खिलाना अन्नप्राशन होता है। इस दौरान बच्चे को सभी प्रकार का भोजन जैसे नमकीन, कड़वा, खट्टा और मसालेदार भोजन दिया जाता है। हालांकि, यह सब एक फॉर्मेलिटी के तौर पर होती है, क्योंकि बच्चा पूरा खाना नहीं खा सकता। देश के अलग-अलग हिस्सो में यह उत्सव अलग नियम और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
अन्नप्राशन को केरल में चोरोनू, बंगाल में मुखे भात, गढ़वाह पहाड़ियों में भातखुलाई रस्म आदि के नाम से जाना जाता है। यहां हम आपके बच्चे के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 पर चर्चा करने जा रहे हैं।
शुभ आयोजनों के लिए शुभ समय की गणना करना वास्तव में महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है और उसके मुताबिक ही अन्नप्राशन किया जाता है। अन्नप्राशन 2025 के मुहूर्त की गणना करने के लिए, शिशु का नक्षत्र महत्वपूर्ण है। शिशुओं के लिए, अन्नप्राशन 2025 के लिए शुभ मुहूर्त की गणना जन्म के समय से 6ठे, 8वें, 10वें और 12वें महीने में की जाएगी और लड़कियों के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त 2025 की गणना जन्म के समय से 5वें, 7वें, 9वें और 11वें महीने में की जाती है। उपयुक्त मुहूर्त में कोई भी नया कार्य शुरू करने से उस सफलता और खुशी मिलती है। यहां हमारे पेशेवर वैदिक ज्योतिषियों द्वारा दिए गए अन्नप्राशन मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त 2025: समारोह के लिए सर्वोत्तम तिथियाँ
अन्नप्राशन मुहूर्त को चावल खिलाने की रस्म के रूप में भी जाना जाता है। अन्नप्राशन तब किया जाता है, जब बच्चा पांच से बारह महीने के बीच का हो, लड़कों के लिए, यह आमतौर पर सम महीनों में किया जाता है जब लड़का 6ठे, 8वें, 10वें या 12वें महीने में होता है और लड़कियों में यह आमतौर पर विषम महीनों में जब बच्चा 5वें, 7वें, 9वें या 11वें महीने में होता है, तब किया जाता है। ऐसा करने के पीछे मकसद यह है कि तब तक बच्चे में अनाज को पचाने की ताकत आ जाती है। इसके मुताबिक तारीख में बदलाव किया जा सकता है।
2025 में अन्नप्राशन के लिए सबसे अच्छा दिन: समारोह कहाँ आयोजित करें
अन्नप्राशन घर पर या मंदिर में किया जा सकता है। ज़्यादातर लोग घर पर ही समारोह करते हैं। दिन किसी बैंक्वेट हॉल या सामुदायिक केंद्र में आयोजित किया जा सकता है। केरल में, कई परिवार गुरुवायुर मंदिर में इस अनुष्ठान को करना पसंद करते हैं।