महत्वपूर्ण तिथियां और समय: 2025 के शुभ मुहूर्त
सभी 2025 मुहूर्त एक ही स्थान पर हैं! 2025 में विवाह के लिए सबसे अच्छी तिथियाँ कौन सी हैं? या फिर शादी की रस्म या घर वापसी का आयोजन करना है? सबसे विश्वसनीय हिंदू पंचांग के अनुसार, 2025 में शुभ मुहूर्त के लिए आपको यहाँ सभी आवश्यक जानकारी दी गई है। आपको अपने जीवन में महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए तिथि, नक्षत्र और दिन के कुछ शुभ समय जैसी उपयोगी जानकारी मिल सकती है। व्यक्तिगत तिथि, समय और 2025 के मुहूर्त अनुरोधों के लिए किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
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अभिजीत मुहूर्त
हिंदू धर्म में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त की गणना करना महत्वपूर्ण है। शुभ मुहूर्त के दौरान कार्यक्रम आयोजित करने से केवल सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और कार्य में सफलता मिलेगी। लेकिन कभी-कभी लोगों को सही मुहूर्त देखने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है और उन्हें तत्काल कार्य करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में, जब कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं होता है, तो लोग भ्रमित हो सकते हैं।
इस तरह के मामलों में क्या करें, इसे लेकर आपको चिंता और परेशान होने की जरूरत नहीं है। हमारे पास आपके लिए एक समाधान है। क्या आपने अभिजीत मुहूर्त के बारे में सुना है? वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह मुहूर्त किसी भी कार्य के लिए शुभ होता है। हालांकि यह मुहूर्त किसी विशेष परिस्थिति के लिए खास नहीं है, लेकिन यह मुहूर्त हर दिन होता है। इसलिए ऐसे समय में कार्यक्रम करने से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आप 2025 में कुछ महत्वपूर्ण समारोह जैसे विद्यारंभ, नामकरण संस्कार, विवाह आदि करने के बारे में सोच रहे होंगे। अभिजीत मुहूर्त 2025 सही मुहूर्त के साथ आपकी इच्छा पूरी करने में आपकी मदद करेगा।
और पढ़ें…अन्नप्राशन मुहूर्त
अन्नप्राशन शास्त्रों में वर्णित 16 महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। हर माता-पिता के लिए उनके बच्चे द्वारा की जाने वाली पहली गतिविधि काफी महत्वपूर्ण और यादगार होती है। चाहे वह उनका पहला कदम हो, पहली ध्वनि हो, पहला शब्द हो या पहला भोजन हो, वे सभी को याद रखते हैं और यादगार के तौर पर उसकी रिकार्डिंग भी करते हैं। पहले छह महीनों तक बच्चों को केवल मां का दूध या फॉर्मूला दूध ही मिलता है। बच्चे को उसका पहला आहार उसके जन्म नक्षत्र या राशि के आधार पर अच्छे मुहूर्त में ही दिया जाता है।
पहले भोजन को अन्नप्राशन के नाम से भी जाना जाता है, यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है भोजन खिलाना या खाना खाना। अन्नप्राशन बच्चे के जीवन में ठोस भोजन की शुरुआत का प्रतीक है। यह पहला भोजन है, जैसे जन्म के बाद बच्चे को पहली बार मां का दूध दिया जाता है, उसी तरह पहली बार अनाज खिलाना अन्नप्राशन होता है। इस दौरान बच्चे को सभी प्रकार का भोजन जैसे नमकीन, कड़वा, खट्टा और मसालेदार भोजन दिया जाता है। हालांकि, यह सब एक फॉर्मेलिटी के तौर पर होती है, क्योंकि बच्चा पूरा खाना नहीं खा सकता। देश के अलग-अलग हिस्सो में यह उत्सव अलग नियम और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
और पढ़ें…गृह प्रवेश मुहूर्त
अपना एक प्यारा सा घर हो, यह हर किसी का सपना होता है। अगर अपना घर हो जाए, तो भी हम बारतीय यूं ही उसमें प्रवेश नहीं कर जाते। इसके लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। इसका मकसद अपने प्यारे और सपनों के घर में मौजूद नकारात्मक और निराशावादी प्रभाव को दूर करना होता है। शांति पूर्वक और पूरे मेल मिलाप के साथ अपने घर में रहने के लिए हम पहले पूजा करते हैं, जिसे गृह प्रवेश पूजा कहा जाता है।
गृह प्रवेश पूजा भी यूं ही कभी भी नहीं की जाती है। इसके लिए शुभ मुहूर्त की तलाश की जाती है, ताकि गृह प्रवेश अनुष्ठान से अधिकतम लाभ की प्राप्ति हो सके। आज हम उसी के बारे में बात कर रहे हैं। यहां आप 2025 में सर्वश्रेष्ठ गृह प्रवेश मुहूर्त के बारे में जान सकते हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो, यह आपको अपने नए घर में परेशानी रहित और सुखदायक जीवन जीने में मदद कर सकता है।
और पढ़ें…उपनयन संस्कार मुहूर्त
हिंदू धर्म में कई परंपराओं का पालन किया जाता है और उसके मुताबिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। इनमें से एक उपनयन संस्कार (जनेऊ संस्कार) भी है। जनेऊ संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है, जिसा विवाह से पहले पूरा किया जाता है। यह प्राचीन सनातन हिन्दू धर्म में वर्णित 10वां संस्कार है। इस समारोह में लड़के को विभिन्न अनुष्ठानों के साथ एक पवित्र धागा (जनेऊ) पहनाया जाता है। ब्राह्मण और क्षत्रिय जैसी विभिन्न जातियां इस संस्कार को करती हैं।
‘उपनयन ’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला उप यानी ऊपर,जिसका अर्थ है निकट और नयन का अर्थ है दृष्टि। कुल मिलाकर इसका शाब्दिक अर्थ है स्वयं को अंधकार यानी अज्ञानता की स्थिति से दूर रखना और प्रकाश यानी आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ना। ऐसे में यह सबसे प्रसिद्ध और पवित्र अनुष्ठानों में से एक है। यहां हम जनेऊ संस्कार से संबंधित कुछ शुभ 2025 उपनयन संस्कार मुहूर्त के बारे में बात कर रहे हैं।
और पढ़ें…कर्णवेध मुहूर्त
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से 9वां संस्कार है कर्णवेध संस्कार।विद्यानों का कहना है कि बालक के जीवन के सातवें या आठवें महीने में उसके कानों का छेदन करना चाहिए। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कर्णछेदन से बच्चा स्वस्थ रहेगा। भारतीय संस्कृति में कर्णछेदन या कर्णवेध भी एक अनुष्ठान के तौर पर मनाया जाता है। इसके लिए शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है और उस शुभ मुहूर्त में कर्णवेधन संस्कार करना शुभ माना जाता है। कर्णवेधन के कई वैज्ञानिक और स्वास्थ्य से जुड़ी मान्यताएं भी हैं। पहला तो कर्णवेधन कर उसमें आभूषण धारण किया जाता है। दूसरा यह माना जाता है कि कर्णवेधन से कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी राहत मिलती है। कर्णवेधन से सुनने की क्षमता में वृद्धि भी होती है।
और पढ़ें…विवाह मुहूर्त
हिंदू धर्म में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। वैवाहिक बंधन में बंधने के बाद व्यक्ति का गृहस्थ जीवन शुरू होता है, लेकिन वैवाहिक अनुष्ठान के लिए शुभ तिथियों की गणना की जाती है। भारत में वैवाहिक समारोह काफी धूमधाम से मनाया जाता है, जो पूरी दुनिया में सबसे अलग और बेहतरीन परंपरा का प्रतीक हैं। भारत में शादियां काफी खुबसूरती से होती हैं, जो अद्वितीय और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होती हैं। भारतीय शादियों को पारंपरिक रूप से दो परिवारों का मिलन माना जाता है। वैवाहिक समारोह के दौरान कई अलग-अलग रस्में होती हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है शुभ मुहूर्त है, जिसकी अहम भूमिका होती है।
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और पढ़ें…मुंडन समारोह मुहूर्त
हिंदू संस्कृति में कई तरह के संस्कार हैं, जो बच्चे के जन्म से लेकर पूरे जीवन पर अलग-अलग रूप में सामने आते हैं। इन संस्कारों का काफी महत्व होता है। जन्म के बाद अन्नप्राशन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार की तरह एक महत्वपूर्ण नियम है मुंडन संस्कार। हिंदू परंपरा में, यह बच्चे के जन्म के चार महीने से तीन साल के बीच किया जाता है। यह एक अनिवार्य संस्कार है, जो उचित मुहूर्त और पूर्व निर्धारित तिथि पर पूरोहित के निर्देश पर होता है। मुंडन मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां आप साल 2025 की विभिन्न मुंडन तिथियों और मुंडन मुहूर्त के बारे में जान सकेंगे।
भारतीय संस्कृति के प्राचीन रीति-रिवाजों में से मुंडन संस्कार भी एक है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी है। वैज्ञानिक कारणों की बात करें, तो मुंडन के पीछे का तर्क सूर्य की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी को प्राप्त करना है। सभी जानते हैं, बिना कपड़ों के रहने पर बच्चे का शरीर बेहतर तरीके से सूर्य की किरणों के संपर्क में आता है और बचपन में मुंडन संस्कार के पीछे का वैज्ञानिक कारण भी यही है।
और पढ़ें…नामकरण मुहूर्त
हिंदू रिति रिवाज और संस्कृति के अनुसार हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है नाकरण संस्कार। किसी व्यक्ति के नाम का उसके जीवन पर काफी महत्व होता है। नाम में एक खास ऊर्जा होती है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी देखने को मिलता है। यही कारण है कि माता-पिता अपने बच्चों का नाम काफी सोच-समझ कर रखते हैं। इनमें देवी-देवताओं के नाम को प्रमुखता दी जाती है। माना जाता है कि, इससे बच्चा संस्कारी बनेगा। हिंदू धर्म में, जन्म से ही किसी के जीवन में कई तरह के अनुष्ठान करने होते हैं। उन महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक होता है नामकरण समारोह। इस समारोह के दौरान बच्चे का नामकरण किया जाता है।
और पढ़ें…नया व्यवसाय शुरू करने का मुहूर्त
क्या आप बेहतरीन रणनीति, ताजा और अद्यतन स्टॉक, कुशल श्रम, पर्याप्त पूंजी, व्यावसायिक रूप से लाभदायक स्थान और लाभ कमाने और सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सभी चीजों के साथ एक नया व्यवसाय शुरू करने के लिए तैयार हैं? अगर हां, तो आपको एक और चीज के बारे में सोच लेना चाहिए और वह है नया व्यवसाय शुरू करने के लिए एक शुभ मुहूर्त।
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अगर आप नया काम शुरू करने का शुभ मुहूर्त देखने से चूक गए हैं? या आप नए व्यवसाय के लिए शुभ मुहूर्त पर विचार किए बिना अपना काम शुरू करते हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है। आप भले ही कड़ी मेहनत करेंगे या व्यापार में लाखों रुपए का निवेश करेंगे, लेकिन वह उतना उपयोगी नहीं दिखाई देगा। इसका कारण है, सही मुहूर्त पर बिजनेस का शुरू न करना। कई बार देखने को मिलता है कि लोग बड़े ताम-झाम के साथ अपने नए व्यापार की शुरुआत करते हैं, लेकिन कुछ ही समय में वे बंद हो जाते हैं। नया व्यवसाय शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त काफी महत्वपूर्ण है। इससे आपके व्यवसाय में खतरा कम होने के साथ ही लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
और पढ़ें…संपत्ति क्रय मुहूर्त
भारतीय संस्कृति और परंपराएं दूसरे देश के लोगों को भी भाती है। यहां लोग सदियों से रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते आ रहे हैं। खास बात यह है कि ये रीति-रिवाज एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो रहे हैं, और चाहे युवा हों या बूढ़े, सभी सदियों पुरानी इन प्रथाओं का पालन करते नजर आते हैं। इनमें अहम है शुभ मुहूर्त का पालन। लोग किसी भी काम के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश करते हैं। कोई खास काम करना हो, तो लोग बिना सही मुहूर्त के काम की शुरुआत नहीं करते। शादी-विवाह, मुंडन और अन्य अनुष्ठान में तो शुभ मुहूर्त देखा ही जाता है, संपत्ति आदि की खरीदारी करते वक्त भी शुभ मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है।
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और पढ़ें…अंगूठी समारोह मुहूर्त
विवाह करना और बेहतर दांपत्य जीवन बसाना हर किसी के जीवन की सबसे अहम गतिविधियों में से एक है। शादी और उसके पहले कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं। इनमें से ही एक प्री-वेडिंग सेरेमनी है रिंग सेरेमनी या सगाई समारोह। विवाह से पहले सगाई एक महत्वपूर्ण समारोह है।
यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो 2025 में अपनी लव लाइफ के बारे में जानने के लिए 2025 लव लाइफ रिपोर्ट पढ़ें…
अगर आपका भी विवाह तय हो गया है और आप रिंग सेरेमनी की योजना बना रहे हैं, तो यहां हम आपके लिए साल 2025 के पूरे 12 महीनों के सगाई समारोह की तिथियों को एक जगह लेकर आए हैं। साल 2025 में सगाई के लिए शुभ समय बताने से पहले आइए जानते हैं कि भारत में सगाई समारोह के दौरान क्या होता है।
और पढ़ें…वाहन खरीदने का मुहूर्त
जिस तरह भारत में हर शुभ काम के लिए किसी शुभ मुहूर्त की तलाश की जाती है, उसी तरह लोग वाहन आदि भी शुभ मुहूर्त में खरीदना पसंद करते हैं। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक किसी भी कार्य की शुरुआत शुभ मुहूर्त में ही की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं, और किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। यहां हम आपके लिए साल 2025 में वाहन की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त की जानकारी लेकर आए हैं, तो आइए जानते हैं।
और पढ़ें…विद्यारंभ मुहूर्त
एक बच्चे के जन्म से लेकर पूरे जीवन में कई तरह के संस्कार या अनुष्ठान होते हैं। उसके जीवन के शुरुआती दौर यानी शैशव अवस्था में होने वाले सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है विद्यारंभ संस्कार। बच्चा जब पढ़ाई शुरू करता है, तो उससे पहले विद्यारंभ समारोह का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सही और शुभ मुहूर्त में विद्या आरंभ करने से बच्चा अच्छी तरह सीखेगा और पढ़ाई करेगा साथ ही अपने माता-पिता की सभी अपेक्षाओं को पूरा करेगा। विद्यारंभ समारोह बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसलिए हिंदू धर्म में बच्चे की शिक्षा शुरू करने के लिए शुभ समय जानना आवश्यक है। यहां हम विद्यारंभ मुहूर्त 2025 की सभी महत्वपूर्ण तिथियों और समय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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विद्यारंभ संस्कार 2025 न केवल आपके बच्चे को बौद्धिक रूप से विकसित करने में मदद करता है, बल्कि भविष्य में शिक्षा प्राप्त करने के पूरे अवसर भी देता है। शुभ विद्यारंभ मुहूर्त पर, बच्चे और उसके माता-पिता के साथ पुजारी बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा करते हैं। इस समारोह के बाद ही बच्चा पहली बार पढ़ना-लिखना सीखना शुरू करता है।
और पढ़ें…अपने जीवन पर ग्रहों के प्रभाव को समझने के लिए – अभी किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात करें!