इस बात पर तो सभी की सहमति होगी कि केवल एक स्वस्थ कली ही विकसित हो सकती है, इसलिए जब हम स्वस्थ होते हैं, तो हम अपनी पूरी क्षमता से खिल सकते हैं। बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए मानसिक रूप से शांत, स्थिर और भावनात्मक रूप से स्थिर होना महत्वपूर्ण है। संस्कृत शब्द कल्याण का मतलब स्वास्थ्य ही है। यह किसी के स्वयं में होने का भी उल्लेख करता है। स्वास्थ्य या फिटनेस में सिर्फ शरीर और मन ही नहीं बल्कि मन और चेतना भी समाहित होती है। कल्याण की भावना जितनी अधिक होगी, व्यक्ति की चेतना उतनी ही मजबूत होगी।
पिछले कुछ वर्षों से ध्यान फिटनेस के सबसे बेहतरीन उपायों में से एक रहा है। लेकिन अनुसंधान हमें बताते है कि ध्यान सिर्फ स्वास्थ्य में सुधार तक सीमित नहीं बल्कि इसके अन्य भी कई लाभ देखने को मिलते हैं। विज्ञान ने हमें यह भी दिखाया है कि ध्यान जीवन की अभिव्यक्ति को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि इस प्राचीन प्रथा में आधुनिक विज्ञान अभी भी विकसित हो रहा है, लेकिन कई निष्कर्षों से पता चलता है कि आज के तनावपूर्ण जीवन में ध्यान सुख प्राप्त करने का एक अचूक माध्यम भी है।
माइंड पावर मेडिटेशन (Mind power meditation)
नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास आपके मस्तिष्क की आत्म प्रबंधन की क्षमता में सुधार करता है। आत्म प्रबंधन का अर्थ आप ऑटो पायलेट से भी लगा सकते हैं। यह स्व प्रबंधन की तकनीक आपकी ऊर्जा को अनुपयोगी कार्यों में खर्च नहीं होने देती है। ऐसा होने पर आपके पास अधिक बेहतर और सार्थक कार्यों के लिए अधिक ऊर्जा मौजूद है। आप आसानी से अधिक आरामदायक स्थिति में पहुंच सकते हैं। ध्यान की शक्ति (power OF Meditation) मस्तिष्क को अनुकूल करने में मदद करती है। यदि अब भी आप ध्यान मानसिक क्षमता कैसे बढ़ाता है? (Mind power meditation in hindi) के जवाब से संतुष्ट नहीं है तो अधिक सरल शब्दों में समझिए, ध्यान मूड के सुधार और चिंता को कम करने में भी मदद करता है। यह आपके मस्तिष्क के विस्तार देकर आपको मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है।
कुछ अनुसंधानों में यह पाया गया है कि ध्यान का अभ्यास शुरू करने के पांच दिनों के भीतर ही ध्यान करने वाले साधकों की समस्याओं का स्तर कम होने लगा। इतना ही नहीं कुछ शोधों से यह भी पता चला है कि ध्यान का नियमित अभ्यास उस हार्मोन को कम करने में उपयोगी है, जो तनाव के स्तर का आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस बात के बहुत से प्रमाण हैं कि सामान्य, दैनिक ध्यान अभ्यास से मस्तिष्क को कई प्रत्यक्ष लाभ होते हैं।
नियमित ध्यान के केवल कुछ हफ्तों बाद ही मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से तेजी से और अधिक कुशलता से कार्य करने में सक्षम थे। इसी के साथ कुछ अन्य परिवर्तन भी थे, जो दिन प्रतिदिन के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य करते हैं। ध्यान हमारे मस्तिष्क को आराम करने का मौका देता है, क्योंकि हमारा दिमाग पूरे समय एक्टिव रहता है। कई बार मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के बीच बेहतर संपर्क नहीं हो पाता और उन्हे कुछ समय के रिबूट की जरूरत होती है। ध्यान को आप अपने मस्तिष्क को रिबूट करने का माध्यम भी समझ सकते हैं। ध्यान का नियमित अभ्यास (practice of meditation) आपको अपने मूड को समझने में मदद करता है और आपको ज्यादा खुशी, क्षमतावान और निरोगी बनाता है।
ध्यान की शक्तियां (Power to heal)
ध्यान कई तरह की शक्तियों को प्राप्त करने का एकीकृत माध्यम है, यह आपके मस्तिष्क और आपके कार्यों को नियंत्रित करने में आपकी सहायता कर सकता है। नीचे ध्यान की शक्तियां (Power to heal in hindi) और उनके पांच प्रकारों की जानकारी दी गई है।
जीवन ऊर्जा में वृद्धि (Increase in Life Energy)
शरीर और मन दोनों का स्वास्थ्य और कल्याण प्राण अर्थात जीवन ऊर्जा पर आधारित होता है। ध्यान के माध्यम से आप प्राण को प्राप्त कर सकते हैं। जब आपका शरीर अधिक प्राण ऊर्जा के साथ कार्य कर रहा होता है, तो आप सतर्क, ऊर्जावान और जीवन से भरपूर हो जाते हैं। प्राण की कमी से असुविधाजनक स्थिति, असुविधाएं और उत्साह में कमी देखी गई है।
बीमारियों का उपचार (Heals illness)
ध्यान की शक्ति (power meditation in hindi) यह है कि यह मन को खुश और उपचारित करने में मदद कर सकता है। ध्यान शरीर की प्रणाली से चिंता को दूर रखने में मदद करता है। यह अंतर्निहित तनाव से राहत देता है। यह किसी के स्वास्थ्य में सुधार करता है, किसी की खुशी को बढ़ाता है और किसी को भावनात्मक स्थिरता देता है। ध्यान एक शांत अनुभव है, जो आपको शांति प्रदान करता है। ध्यान आपके शरीर और दिमाग की जटिलता का ख्याल रखने के माध्यम जैसा है।
कहा जाता है कि मन सभी अचेतन बीमारी की जड़ है। मन में मौजूद सभी विकर्षणों को दूर करके, उन्हें उपचारित करने की प्रक्रिया को बढ़ाया जाना चाहिए। ध्यान की शक्ति से, आप तनाव और चिंताओं को दूर कर सकते हैं। यह एक स्वस्थ मानसिक स्थिति की तरह है, जो भौतिक शरीर, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को लाभ पहुंचाता है।
भावनात्मक स्थिरता (Clearing Emotional Problems)
लोग भविष्य में दंडित हो सकते हैं, यदि आप काफी समय तक उदास रहें तो इसका प्रभाव आपके भविष्य पर भी पड़ सकता है। क्योंकि आप अपने भावनात्मक वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं! मनुष्य सदैव से ही दूसरों द्वारा की गई टिप्पणियों से आहत हो जाता है, जिसका असर उसकी मानसिक स्थिति पर पड़ता है। इससे आप ईर्ष्या, क्रोध, आक्रोश या दुःख जैसी नकारात्मक भावनाएँ पैदा करने लगते हैं। आप लोगों की बातों से प्रभावित होते हैं, क्योंकि आपका मन केंद्रित नहीं है, और आपके विचार हर जगह बिखरे हुए हैं। ध्यान की शक्ति भावनात्मक समस्याओं को दूर करने का रहस्य है। जब आप अपनी भावनाओं को नकारात्मक से सकारात्मकता की ओर बढ़ाते हैं, तो आप गहरी आराम की स्थिति का अनुभव कर सकते हैं।
आंतरिक विकास (Internal growth)
ध्यान किसी की आध्यात्मिक स्थिति को बदलने की शक्ति रखता है। यदि आपके सामने सदैव यह प्रशन आते हैं कि जीवन का उद्देश्य क्या है, जीवन का अर्थ क्या है, यह दुनिया क्या है, प्रेम क्या है, ज्ञान क्या है? तो आप भाग्यशाली हैं। इन सवालों के जवाब तलाशते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि ऐसे सवालों के जवाब किताबों में नहीं मिलते। आपको उन्हें देखना और अनुभव करना है कि वे आपको कैसे प्रभावित करते हैं। ध्यान आपको इन अनुभवों को जीने और अनुभव करने में मदद करता है। यदि आपके अंदर अपनी रचना और जीवन की रचना को समझने की जिज्ञासा है, तो ध्यान ही एक ऐसा माध्यम है जो आपको इन सवालों के सही जवाब तक पहुंचा सकता है। यह एक परिवर्तन जैसा है, जो भीतर से होता है, यह आंतरिक विकास आपके उत्तम स्वास्थ्य का संकेत भी है।
अपने मूल च्रकों को बेहतर करें (Heal the chakras)
चक्र हमारे शरीर के ऊर्जा केंद्र हैं, जो भौतिक रूप से नसों और धमनियों के जुड़ाव स्थान हैं। सात चक्रों में प्रत्येक की अपनी जीवन शक्ति है और यह आपकी भलाई के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं। ध्यान इन चक्रों के बीच होने वाले उर्जा प्रवाह को बेहतर करता है और आपके चक्रों को बेहतर होने में मदद करता है। ध्यान इन मूल चक्रों को उपचारित करने और उन्हें आपकी भलाई के लिए अधिक बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है।
दुनिया को बेहतर बनाएं (Heal the world)
ध्यान हमारे अंदर की दुनिया को शुद्ध करने में मदद करता है। लोगों के एक विविध समुदाय में, ध्यान ने हिंसा और दुर्व्यवहार को करुणा, सहानुभूति और देखभाल में बदल दिया। जब आप किसी ऐसे कमरे में चलते हैं जहां कोई परेशान है, तो वहां मौजूद ऊर्जा सुखद नहीं हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ जब किसी तरह का अनुकूल या हर्षित माहौल चल रहा होता है, तो वातावरण में सकारात्मकता महसूस होने लगती है। यह भावनाओं से जन्म लेता है, भावनाओं को किसी के शरीर के अंदर तक ही सीमित नहीं किया जा सकता, भावनाएं हर उस जगह मौजूद है जहां मनुष्य या कोई सजीव रहा है। हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, इसलिए हमारे भीतर घटने वाली हर भावना का बाहरी दुनिया में मौजूद इन तत्वों के साथ भी संबंध है। उदाहरण के तौर पर समझिए अगर आप लोहे की छड़ को एक ओर से आग के उपर गर्म करते हैं, तो उसका दूसरा भाग भी गर्म होने लगता है, जबकि आग तो सिर्फ एक ही हिस्से को गर्म कर रही है। इसी तरह आपकी किसी भी भावना को सीधा प्रभाव आपके आसपास मौजूद वातावरण में भी घुल जाता है। इसका अर्थ यह है कि आपकी भावनाओं से आप अकेले ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं, यह आपके आस-पास के लोगों को भी प्रभावित कर रही है। महामारी की वर्तमान वैश्विक स्थिति में यदि आप अपनी ओर से कुछ समर्पित कर सकते हैं तो वह ध्यान से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। यदि आप दिन में कुछ समय के लिए ध्यान करते हैं तो आप खुद के साथ समाज और दुनिया की बेहतरी के लिए भी कार्य कर रहे होंगे।