माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) वर्तमान में ध्यान तन और मन को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है। ध्यान दुनिया भर के हर वर्ग, पंथ, समुदाय में किया जाता है। हर जगह लोग इस ध्यान का विभिन्न प्रकार से अभ्यास करते हैं। हालांकि सबका उद्देश्य एक ही होता है और वह है एक संपन्न मन और शरीर। ध्यान (Meditation) शब्द का स्रोत पुराने फ्रांसीसी ‘मेडिटासिओन’ (Meditacioun) से है। जिसका मूल लैटिन नाम ‘मेडिटारी’ (Meditari) में पाया जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सोचने के लिए। ध्यान के अभ्यास की उत्पत्ति वेदों के समय हुई है। यह अत्यंत प्राचीन विद्या है। हमारे ऋषि मुनियो द्वारा ध्यान का अभ्यास खुद को स्वस्थ्य रखने तथा अनुष्ठानों को सफल बनाने के लिए किया जाता था। आम लोग आत्म-ज्ञान प्राप्त करने के लिए इसका अभ्यास करते हैं। ध्यान एक ऐसा उपकरण है जो व्यक्ति को आत्म-सुधार के लिए सही दिशा में सोचने में सक्षम बनाता है।
माइंडफुलनेस क्या है
बहुत से लोग अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा ‘ऑटोपायलट’ मोड पर बिताते हैं, यानी उनकी दिनचर्या फिक्स होती है और वे रोज उसी ढर्रे में काम करते रहते हैं। इसमें बदलाव लाने का कोई प्रयास नहीं करते हैं। हम इस बात से पूरी तरह अनजान होते हैं कि कोई क्या अनुभव कर रहा है। अधिकांश समय, दिनचर्या का पालन करते हुए व्यक्ति दुनिया की सभी अच्छाइयों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देता है। मस्तिष्क अवचेतन रूप से या तो “स्विच ऑफ” मोड में होता है या अतीत के चिंतन में फंस जाता है और भविष्य की योजना बनाता है। एक तरह से यह नीरस मानसिक दिनचर्या की तरह होता है। माइंडफुलनेस (Mindfulness Meditation for Stress Practices) किसी को अपने जीवन में उपस्थित होने के साथ ही प्रतिक्रियाओं और दोहराए जाने वाले विचार पैटर्न पर नियंत्रण पाने में मदद करता है। यह एक को विराम लेने, परिस्थितियों का अधिक स्पष्ट रूप से विश्लेषण करने और फिर अधिक कुशलता से प्रतिक्रिया करने में मदद करता है। माइंडफुलनेस एक ऐसा अभ्यास है, जो भावनाओं पर नियंत्रण रखने और तनाव, चिंता, अवसाद आदि के स्तर को कम करने की उनकी क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। माइंडफुलनेस व्यक्ति को बिना किसी निर्णय के विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ चौकसी बढ़ाने में सक्षम बनाता है। सरल शब्दों में माइंडफुलनेस (Short, Quick, and Full Mindfulness Meditation) पूरी तरह से मौजूद रहने की अंतर्निहित मानवीय क्षमता है। यह एक ऐसा गुण है जो प्रत्येक व्यक्ति में स्वाभाविक रूप से होता है। बस यह पता लगाने की जरूरत है कि उस तक कैसे पहुंचा जाएं। माइंडफुलनेस का उद्देश्य हमारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक प्रक्रियाओं के अवचेतन कामकाज को जगाना है। माइंडफुलनस एक ऐसा तरीका निर्धारित करने में मदद करता है, जो कम प्रतिक्रियाशील और अधिक संतुष्ट हो। माइंडफुलनेस ध्यान एक ऐसी योग क्रिया है जिसके माध्यम से मन और मस्तिष्क की शांति तथा मन की चेतना एक विशेष अवस्था में ले जाने के लिए प्रेरित करती है। इस ध्यान के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं। माइंडफुलनेस ध्यान स्वयं में जागरुकता लाने की सबसे अच्छी थेरपी है। इसकी सहायता से हमें आसपास हो रही घटनाओं या स्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ होने में मदद मिलती है। यह व्यक्ति को खुश करने का अच्छा तरीका है। माइंडफुलनेस ऐसी थैरेपी है, जिसके जरिए हम अपने अंदर, अपने आसपास हो रही घटनाओं या स्थितियों के प्रति जागरुकता पैदा करते हैं। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के भीतर स्फूर्ति तथा प्रसन्नता का संचार होता है। शरीर के भीतर सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान लगने लगता है। आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होती है। यह हमें वर्तमान की स्थिति से रूबरू कराता है। इस ध्यान के माध्यम से वर्तमान की सच्चाई को स्वीकार करने में मदद मिलती है। खराब स्थितियां भी सही हो जाती है। माइंडफुलनेस (Mindfulness Meditation for Relaxation) तकनीक की रेग्युलर प्रैक्टिस करने से व्यक्ति के भीतर खुश रहने की कला विकसित होती है। व्यक्ति इस ध्यान को एक लक्ष्य बनाकर शुरू करता है। वर्तमान में इस ध्यान का महत्व काफी ज्यादा बढ़ गया है। साधक इस तरह के ध्यान को साधना की तरह करता है। वर्तमान में योग ध्यान का वैश्वीकरण तेजी से हो रहा है। ध्यान के नाम पर बड़े-बड़े मेडिटेशन सेंटर भी खुल गए है। यह हजारों करोड़ रुपये का बाजार बन गया है। वर्तमान की भागदौड़ की जिंदगी में व्यक्ति अपने को स्वस्थ रखने के लिए हर कीमत देने के लिए तैयार होता है। ऐसे में ध्यान का बिजनेस भी काफी फल फूल रहा है।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन: नई पीढ़ी की जरूरत
मानसिक प्रशिक्षण अभ्यास किसी के तेजी से चलने वाले विचारों को धीमा करना, नकारात्मकता को दूर करना और शरीर और दिमाग दोनों को शांत करना सिखाता है। यह माइंडफुलनेस के अभ्यास के साथ-साथ मेडिटेशन का एक संयोजन है। हालांकि इसके कार्यान्वयन की तकनीक अलग हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर माइंडफुलनेस मेडिटेशन का ध्यान शरीर और मन के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ गहरी सांस लेने की प्रक्रिया में रहता है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करने के लिए किसी पूर्व तैयारी या उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। आप इसे कहीं भी किसी समय कर सकते हैं। इसकी शुरुआत करने के लिए एक आरामदायक जगह, कुछ मिनट का खाली समय और विचार मुक्त दिमाग की आवश्यकता होती है। साथ ही इसका अभ्यास करने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। इसके अलावे इस ध्यान को शुरू करने के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता भी नहीं होती है। यह किशोरों (Mindfulness Meditation for Teenagers) के लिए उतना ही अच्छा है, जितना कि वयस्कों (Mindfulness Meditation for Adults) के लिए। शांति की ओर बढ़ने के लिए कोई भी इसे सकारात्मक इरादे से करना शुरू कर सकता है।
इस ध्यान को शुरू करने के लिए कुर्सी, योग मैट, पार्क की बेंच आदि बेहतर विकल्प हो सकते हैं
अगर फर्श पर बैठे हैं तो पैरों को सामने की ओर आराम से क्रॉस करें। अगर कुर्सी पर हैं, तो पैरों के निचले हिस्से को फर्श से छूने दें। इस दौरान हाथ न तो ज्यादा झुकें और न ही ज्यादा सीधा करने की कोशिश करें। ये दोनों पोजीशन आपको असहज महसूस करा सकती है। इसके बाद आप अपनी आंख बंद कर लें। ध्यान के समय आप आंख खोलकर या बंद कर दोनों ही तरह से अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं। इस तरह के अभ्यास का आशय यह है कि आप आंख खोलें या बंद करें, उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। हालांकि ध्यान यह रहना चाहिए कि आंख खुली रहने के बावजूद आपका ध्यान केंद्रित होना चाहिए।
इसके बाद आप आराम की मुद्रा में आ जाएं। अपने दिमाग को हर तरह के विचारों से बाहर निकालने की कोशिश करें। अपनी सांसों को गहराई से महसूस करें। सांस लेने की शारीरिक संवेदना पर ध्यान देना शुरू करें। सांसों के साथ-साथ नाक या मुंह से, पेट के ऊपर उठने और गिरने वाली हवा को महसूस करें। इस बीच, मन में शरीर पर एक केंद्र बिंदु चुने और मानसिक रूप से सांस को अंदर लने और सांस को बाहर निकलता महसूस करें।
कभी-कभी, ध्यान सांसों से हटकर दूसरी जगह पर शिफ्ट हो सकता है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। यह सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि इस दौरान जितना हो सके आप सांसों पर मन को फिर से वापस लाने की कोशिश करें। यदि ध्यान के दौरान किसी भी शारीरिक समायोजन की आवश्यकता होती है तो मन को विराम दें। कभी-कभी मन लगातार भटकता हुआ भी महसूस हो सकता है। उन विचारों से लड़ने की बजाय आप इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया बिल्कुल न करें। बिना किसी निर्णय के वापस मानसिक स्थिति में आने का प्रयास करें। एक बार सब सामान्य हो जाने के बाद आप आसपास की गतिविधियों को नोटिस करने का प्रयास करें। इसमें यह देखें कि शरीर और मन कैसा महसूस करते हैं।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation Exercise) का अभ्यास स्वयं या विशेषज्ञ सलाह या ऑनलाइन मार्गदर्शन के माध्यम से किया जा सकता है।
इसका अभ्यास किसी भी गतिविधि जैसे दांतों को ब्रश करने या गाड़ी चलाने या दोपहर का भोजन करते समय या किसी अन्य समय जब कोई व्यक्ति नियमित विचारों की अव्यवस्था को दूर करने की स्थिति में होता है, के वक्त किया जा सकता है।।
माइंडफुलनेस के प्रभाव और लाभ
नियमित रूप से माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) का अभ्यास करने से समग्र रुप से मन और शरीर पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हर दिन करने की आवश्यकता है। हफ्ते में तीन से चार बार मेडिटेशन करने से भी काफी फायदा मिलता है। न्यूरोइमेजिंग अध्ययनों के अनुसार आठ सप्ताह तक नियमित रूप से ध्यान करने से मस्तिष्क और दिमाग में व्यावहारिक रूप से बदलाव आता है।
तनाव हमारी वर्तमान जीवन शैली की प्रमुख कारको में से एक है।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन कई मानसिक और शारीरिक विकारों जैसे चिंता, अवसाद (Mindfulness Meditation for Stress Practices) और कुछ पुराने दर्द में भी फायदेमंद होता है। माइंडफुलनेस के फायदों की बात करें तो यह तनाव से मुक्ति, स्मरण शक्ति बढ़ाने, एकाग्रता को बढ़ाने, भावनात्मक स्टेबिलिटी लाने, शांति और खुशी का अहसास दिलाने, गुस्सा कम होना, किसी दूसरे को समझने की क्षमता का विकास, स्वयं को फैसले लेने में सक्षम बनाने और नींद का बेहतर करने मददगार होता है।
शोध के अनुसार माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) दिल के लिए फायदेमंद होता है। नियमित माइंडफुलनेस मेडिटेशन हृदय गति को कम करता है। यह शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। एक अध्ययन में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर माइंडफुलनेस मेडिटेशन के प्रभाव की जांच की गई, जिसमें पता चला कि जो लोग नियमित रूप से माइंडफुलनेस का अभ्यास करते थे, उनमें व्यायाम करने वालों की तुलना में प्रतिरक्षा में अधिक लाभ होता देखने को मिला।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास नींद में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कठिनाइयों को कम करने में भी सहायक है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग व्यसनों से लड़ने के साथ-साथ पूर्वाग्रहों को कम करने और व्यवहार में सुधार के लिए किया जा सकता है।
निष्कर्ष
माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation) के वक्त मुख्य रूप से निम्नलिखित कदम पर ध्यान देना जरूरी होता है। सांस, ध्यान, सुनना, देखना और विचारों पर ध्यान दिया जाता है। इन मुख्य बिंदुओ पर ध्यान देने से माइंडफुलनेस का ध्यान सफल हो जाता है। व्यक्ति को प्रारंभिक चरण में दिनचर्या में बदलाव और एक नई गतिविधि की शुरूआत करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन व्यस्त जीवन शैली में कुछ मिनट किसी के जीवन पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सभी तरह से सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। वर्तमान में खुद को बनाने के अभ्यास के लिए यह छोटा समय पर्याप्त लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है। भले ही इसे दैनिक गतिविधि में न शामिल करें, लेकिन सप्ताह में कुछ दिन इस अभ्यास को कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।