दर्द पुराना हो या नया, जब कोई व्यक्ति दर्द में होता हैं, तो इससे निपटना बहुत मुश्किल होता है। इस दौरान मनुष्य के समझाने और समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है। इन सभी समस्याओं से बाहर निकलने के लिए ध्यान (Meditation for Pain) हमारा मार्गदर्शन कर सकता है। ध्यान एक ऐसा उपकरण है। जिसका उपयोग कुछ लोग अपनी परेशानी को दूर करने में मदद के लिए करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार दर्द के लिए ध्यान का अभ्यास (meditation for pain relief) निश्चित रूप से कुछ आराम प्रदान करने में सहायक होता है। इस पर कई तरह के शोध भी हो चुके है। इस संबंध में जॉन काबट-जिन और उनकी शोध टीम ने पाया था कि 1980 के दशक की शुरुआत में पुराने दर्द से पीड़ित व्यक्ति ने ध्यान का सहारा लिया और इसके अभ्यास से उसमें कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन हुए थे। यह सुधार 15 महीनों तक जारी रहा।
इसी तरह वर्ष 2005 के एक और अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पुराने दर्द पर ध्यान तकनीकों और नियमित मालिश चिकित्सा के प्रभावों की तुलना की। जिन लोगों ने दर्द के लिए माइंडफुलनेस मेडिटेशन (mindfulness meditation for pain) के तरीकों का इस्तेमाल किया था, उनमें 12-सप्ताह के बाद बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन दिखाई दिया। आप जान लें कि, इसका प्रभाव ध्यान शुरू करने के तुरंत बाद ही नहीं मिलता, बल्कि कुछ समय लगता है। दूसरी ओर मालिश चिकित्सा की सेवा ले रहे प्रतिभागियों ने तुरंत दर्द में कमी की बात कही।
इसी तरह वर्ष 2016 में हुए एक अध्ययन के अनुसार ध्यान तकनीक का इस्तेमाल करने से पुराने पीठ दर्द वाले वयस्कों में मानक देखभाल प्राप्त करने वालों की तुलना में 26 और 52 सप्ताह में शारीरिक समस्याओं और पीठ दर्द में अधिक सुधार देखने को मिला था।
दर्द के लिए ध्यान क्या है
शोध के अनुसार ध्यान, मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे दर्द संवेदनशीलता (meditation for pain relief and healing) कम होती है और यह मस्तिष्क के खुद के दर्द निवारक तत्व ओपीओडी की दक्षता को बढ़ाता है। यदि आप पुराने दर्द से पीड़ित हैं, तो इस ध्यान को महत्व देना लाभदायक होगा।
जब आप मेडिटेशन करना शुरू करते हैं, तो इसका असर आप पर तुरंत नहीं होगा। इस संबंध में एक बात ध्यान रखने की जरूरत होती है कि ध्यान, दर्द को खत्म नहीं कर सकता, लेकिन यह आपको राहत (meditation to heal pain) जरूर दे सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह आपके और आपके दिमाग के बीच के समीकरणों को बदल सकता है।
सामान्य तौर पर दर्द की दवा का मुख्य उद्देश्य आपको यह सिखाना है कि किसी बीमारी या दुर्घटना के परिणामस्वरूप आपके शरीर में हुए कुछ परिवर्तनों को कैसे स्वीकार किया जाए। आपको दर्द के कारण की जांच करनी चाहिए। ज्यादातर समय हम अपने दर्द को खत्म करने के लिए दवा लेकर उसे तुरंत दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसके सेवन से इसका आपके शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जो आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। ध्यान हमें सांस लेने की प्रक्रिया सिखाता है और दर्द को कम करने का प्रयास करता है। भले ही दर्द लंबे समय से और पुराना हो या फिर हाल ही में हुआ हो।
दर्द को ठीक करने के लिए मेडिटेशन या माइंडफुलनेस मेडिटेशन के अभ्यास (mindfulness meditation for pain relief) का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है। आप घर पर रहकर भी सामान्य तरीकों से इसका अभ्यास कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे….
चरण 1: आराम से बैठें और ध्यान के लिए समय निश्चित करें।
चरण 2: अपने दिमाग को आराम दें
चरण 3: दर्द के केंद्र की पहचान करें।
चरण 4: अपने दिमाग को दर्द पर केंद्रित करें।
चरण 5: यह जानने के लिए देखें कि पुराना दर्द कैसे बढ़ता है।
चरण 6: जब भी आपका मन भटकता है तो धीरे-धीरे अपने मन को अपने ध्यान की वस्तु की ओर निर्देशित करें।
प्रति दिन कुछ मिनटों के लिए इसका अभ्यास करना चाहिए। आपको निश्चित रूप से इसके परिणाम मिलेंगे।
पुराने दर्द के उपाचर में कारगर मेडिटेशन
पुराने दर्द के उपचार की बात करें तो ध्यान इसके लिए एक प्रकार की औषधि है। हमारे देश में यह अभ्यास की प्रक्रिया हजारों वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
अपना दिमाग ध्यान पर केंद्रित कर अपनी समस्याओं को कम कर सकते हैं। ध्यान आपके दिमाग और शरीर (meditation for physical pain) को संतुलित करने में आपकी मदद कर सकता है। यह दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होता है। आपको हमेशा खुश रखता है, साथ ही आप अपनी भावनाओं को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
इस संबंध में 47 चिकित्सीय परीक्षण किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में चिंता और अवसाद की समस्या से मामूली तौर पर पीड़ित लोग शामिल हुए। यह पाया गया कि जो लोग माइंडफुलनेस मेडिटेशन कर रहे थे, उनके स्वभाव में 8 सप्ताह में ही सुधार देखने को मिला। यही नहीं इसके लिए जो लोग दवा का सेवन कर रहे थे, उनमें भी समान परिवर्तन दिखाई दिया।
जब हम ध्यान के माध्यम से दर्द से राहत के बारे में बात कर रहे हैं तो 2014 में प्रकाशित एक विश्लेषण पर नजर डालते हैं। इसमें कहा गया है कि माइंडफुलनेस मेडीटेशन से तत्काल दर्द कम करने के अपर्याप्त सबूत पाए गए। इसी रिपोर्ट के अनुसार पुराने दर्द से पीड़ित लोगों में इससे अवसाद और चिंता को कम होने की बात कही गई है।
2017 में किए गए एक अध्ययन में 350 वयस्कों पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि मेडिटेशन पुराने दर्द (meditation for pain management) का पूर्ण समाधान नहीं है, लेकिन नियमित ध्यान के अभ्यास से आपका लंबे समय से चला आ रहा दर्द कम हो सकता है। जब आप सकरात्मक रहते हैं, तो आपमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रबल होती है। ध्यान हमारे भीतर मौजूद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। जब आपका दिमाग सकारात्मक रूप से मजबूत होता है, तो आपमें काफी आत्मविश्वास झलकता है। कोई भी आपके आत्मविश्वास को नहीं तोड़ता। ध्यान आपके भीतर किसी भी तरह के पुराने दर्द से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
दर्द निवारक तरीके
मायोफेशियल तनाव का स्राव होना
मायोफेशियल दर्द सिंड्रोम एक प्रकार का पुराना दर्द है। इस स्थिति में आप मांसपेशियों के किसी खास क्षेत्र में शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में दर्द महसूस करते हैं। इस क्रम में मायोफेशियल तनाव को मुक्त करने के लिए स्ट्रेचिंग सबसे अच्छा एक्सरसाइज होता है।
हालांकि इसे सही तरीके से करने के लिए आप किसी थेरेपिस्ट या इससे जुड़े किसी विशेषज्ञ सलाह ले सकते हैं।
नियमित व्यायाम
कई अध्ययनों से पता चलता है कि दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए व्यायाम (pain relief meditation techniques) सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। व्यायाम पुराने दर्द को कम करने, मांसपेशियों को क्रियाशील करने, न्यूरोपैथिक दर्द के प्रभाव को कम करने सहित यह अवसाद और चिंता को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि शुरू में व्यायाम शुरू करना मुश्किल होता है, लेकिन एक बार जब आप इस अभ्यास को शुरू कर देते है, तो धीरे धीरे आदत बन जाएगी और यह बेहतर दर्द निवारक साबित हो सकता है।
ध्यान
किसी भी प्रकार की बीमारी, चिंता, अवसाद आदि में ध्यान का कोई विकल्प नहीं है। ध्यान की मुद्रा प्राचीन काल से हमारे देश में चली आ रही है। इससे शरीर में सकरात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। दर्द में राहत पाने के लिए ध्यान हमारे लिए वरदान से कम नही होता। हालांकि यह कहा जा सकता है कि केवल ध्यान (meditation and pain management) ही दर्द को कम करने का एकमात्र उपाय नहीं है, लेकिन यह दर्द और बीमारियों से लड़ने के लिए साहस देता है। इसके साथ ही यह दर्द के प्रति आपकी सहनशीलता को बढ़ाता है। मेडिटेशन और माइंडफुलनेस ऐसी तकनीकें हैं जो लगभग एक समान होती हैं। मूल रूप से माइंडफुलनेस (mindfulness meditation for pain relief) बिना किसी निर्णय के किसी विशेष चीज पर ध्यान केंद्रित करने की एक तकनीक है। बेशक यह एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, लेकिन आपको निश्चित रूप से ध्यान के अभ्यास से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। कई शोधों में यह प्रमाणित भी हो चुका है। एक आरामदायक स्थिति में बैठकर रोजाना 10-15 मिनट के लिए ध्यान का अभ्यास करने से, आपके तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करने के साथ-साथ आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि वर्तमान कल्चर में अधिकांश लोग अपना समय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ बिताते हैं। अगर आप ध्यान के प्रति अपना दिमाग केंद्रित करते है तब इससे न केवल दर्द से राहत पाने में, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में आपका बेहतर विकास भी होता है।
व्याकुलता
यदि उपर दिए गए किसी भी व्यायाम से आपको राहत नहीं मिलती है, तो अपने दिमाग को दूसरी ओर लगाएं, क्योंकि एक्सरसाइज दिमाग को दूसरी ओर हटाता है और यह सबसे बेहतर तरीका है। उस समय आपको अपने दर्द से अवश्य थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि दर्द का अनुभव दिमाग से होकर होता है। दिमाग ही दर्द का सेंस डेवलप करता है। ऐसे में ध्यान दिमाग को दूसरी ओर ले जाता है, जिससे दर्द में राहत मिलने लगता है। इसके लिए आप विभिन्न गतिविधियों में शामिल भी हो सकते है। वीडियो गेम खेलना, किताब पढ़ना, पहेलियां हल करने जैसी गतिविधियां भी दिमाग को व्यस्त रखने में मदद करती हैं।
दर्द के लिए ध्यान क्यों?
हाल के वर्षों में ध्यान पर कई शोध हो चुके है। विशेषकर इस शोध में ध्यान के माध्यम से दर्द को कम करने के तरीके पर शोध ज्यादा किया गया है। शोध से पता चला है कि ध्यान कई तरह से व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित होता है, जिसमें तनाव, दर्द, अवसाद, घबराहट, चिंता और कई अन्य बीमारियों के ठीक होने का प्रमाण मिला है। यहां हम कुछ बातों पर फोकस कर रहे हैं कि आखिर हमें दर्द से राहत के लिए ध्यान क्यों करना चाहिए। हमने अबतक दर्द से राहत पाने के कई तरीकों के बारे में चर्चा की और यहां आपके लिए कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं……….