होम » त्योहार कैलेंडर » महा नवरात्रि: पेश है भव्य महोत्सव के शीर्ष 9 कम ज्ञात पहलू

महा नवरात्रि: पेश है भव्य महोत्सव के शीर्ष 9 कम ज्ञात पहलू

हिन्दू परम्पराओ में महा नवरात्रि सबसे अधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। संपूर्ण भारत में इसे पूर्ण श्रद्घा और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। इस फेस्टिवल को लेकर बहुत सारी किंवदतियां और कहानियां है, जो शक्तिशाली माँ दुर्गा से जुड़ी हैं। पर, इसको लेकर कई एेसे पहलू हैं जिनके बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है। इस लेख में, हम आपको महा नवरात्रि से जुड़े नौ अनछुए पहलू बता रहे हैं-

1) सभी नवरात्रि में अश्विन मास की नवरात्रि सबसे ज्यादा प्रचलित है। कम लोगों को ही ज्ञात होगा कि पूरे वर्ष में चार नवरात्रि मनार्इ जाती हैं।
यहां उन नवरात्रि की लिस्ट हैः

वसंत नवरात्रि – मार्च / अप्रैल

आषाढ़ नवरात्रि – जून / जुलाई ( गुप्त नवरात्रि )

शारदीय नवरात्रा– बड़ी और मुख्य नवरात्रि –सितम्बर/अक्टूबर

पौष नवरात्रि – दिसम्बर / जनवरी ( गुप्त नवरात्रि )

2) माँ शक्ति के नौ अवतार – नारी शक्ति का दिव्य रूप है, जिसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पूजा जाता है। इन नौ अवतारों के नाम हैः दुर्गा, भद्रकाली, जगदम्बा, अन्नपूर्णा, सर्वमंगला, भैरवी, चंडिका, ललिता, भवानी और मूकम्बिका।

3) यह नौ दिन का समय तीन महत्वपूर्ण उद्देश्यों को व्यक्त करता है। इसके लिए तीन विभिन्न शक्तिशाली देवियों की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ दुर्गा की पूजा नकारात्मक और बुराई को खत्म करने के लिए की जाती है। माँ लक्ष्मी की धन और समृद्घि के लिए और अंत में माँ सरस्वती की पूजा ज्ञान और बुद्घि को बढ़ाने के लिए की जाती है।

4) हिन्दू किवदंतियों के अनुसार नवरात्रि का फेस्टिवल विशेष रूप से राम और रावण के बीच चली लंबी लड़ाई काे दर्शाता है।

साथ ही पढ़ें – नवरात्रि में देवी के नौ रूपाें की करें आराधना

5) पुराणों के अनुसार, माँ दुर्गा के समक्ष महिषासुर द्वारा विवाह का प्रस्ताव रखें जाने पर देवी दुर्गा ने उसके समक्ष यह शर्त रखीं कि अगर वो उन्हें युद्ध में परास्त कर देता है तो वह उसके साथ विवाह करने के लिए तैयार हो जाएंगी। महिषासुर ने सहर्ष यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। यह युद्घ कुल नौ दिनाें तक चला और दसवी रात्रि में माँ दुर्गा ने इस राक्षस का संहार किया। इसीलिए, माँ दुर्गा को महिषासुर मर्दनी भी कहते हैं। तभी से ये रात्रि दशहरा और विजयालक्ष्मी के पर्व के रूप में जानी जाती है।

6) गुजरात के प्रसिद्घ गरबा डांस में मिट्टी के दिए को रखा जाता है, जो कि देवी माँ की शक्ति और ताकत को दर्शाता है। इस दिए के आसपास डांस करना यह संकेत देता है कि कैसे हम में से प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा उत्पन्न करता है। आप जितना अधिक डांस करेंगे, उतनी अधिक आपकी ऊर्जा बढ़ेगी।

7) हिन्दू धर्म से जुड़े कर्इ लोग इन नौ दिनों में उपवास करते है। बंगाली समाज के लोगों को छोड़कर सभी हिन्दू इस त्यौहार के तहत विशेष रूप से शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं।

इसे पढ़ना ना भूलें – नौ देवियों के शक्तिशाली मंत्र, जो आपके जीवन में लाएंगे आशा की…

8) ‘दुर्गा सप्तशती’ में माँ दुर्गा की अविश्वसनीय महानता और असाधारण शक्तियों को दर्शाने वाले शक्तिशाली शब्दों का वर्णन है। कई अनुयायी माँ के बारे में समग्र जानने के लिए वो भी खासतौर से नवरात्रि में, माँ का अाशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इसका वाचन करते हैं।

9) गुजरात के क्षेत्रीय नृत्य की अवधारणा – गरबा पूरे विश्वभर में प्रसिद्घ है और दुनिया के विभिन्न भागों में भी जैसे यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी गरबा के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गणेशजी के आर्शीवाद सहित
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम टीम

View All Festivals


Exit mobile version